बैंक मैनेजर गर्ग के मुताबिक, इसके बाद उसके परिवार ने बैंक से संपर्क किया। इनके साथ बादलगढ़ के गुरनाम सिंह व मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन राजविंदर सिंह भी थे। बैंक द्वारा डिफाल्टर के खाते संबंधी पूरी जानकारी दी गई। इसके बाद नेहरू सिंह के बेटे जसवंत सिंह ने 5.43 लाख रुपये बैंक में जमा करवा दिए। इसके बाद सहायक रजिस्ट्रार के आदेश पर नेहरू सिंह को रिहा कर दिया गया। इसी तरह गांव भुल्लण के रमेश कुमार ने इस बैंक से विभिन्न स्कीमों के तहत 10 लाख रुपये के कर्ज लिया था। उसने भी गिरफ्तारी से बचने के लिए मौके पर 8.05 लाख रुपये अपने कर्ज के खातों में जमा करवा दिए। वह भी बैंक द्वारा तैयार की गई 50 बड़े डिफॉल्टरों की सूची में एक था। गर्ग ने बताया कि बैंक को अन्य डिफाल्टरों के भी गिरफ्तारी वारंट मिल चुके हैं व इनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।

जेल की हवा खाते ही 24 घंटे में लौटा दिया 20 वर्ष पुराना कर्ज

सहकारी कृषि विकास बैंक के एक डिफॉल्टर किसान ने जेल की हवा खाने के 24 घंटे बाद ही करीब 20 वर्ष पुराना बकाया 5.43 लाख रुपये का कर्ज बैंक को लौटा दिया। बैंक की शिकायत के बाद पुलिस ने उसे बुधवार को गिरफ्तार किया था अौर उसे संगरूर की जेल भेज दिया गया था।बैंक मैनेजर गर्ग के मुताबिक, इसके बाद उसके परिवार ने बैंक से संपर्क किया। इनके साथ बादलगढ़ के गुरनाम सिंह व मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन राजविंदर सिंह  भी थे। बैंक द्वारा डिफाल्टर के खाते संबंधी पूरी जानकारी दी गई। इसके बाद नेहरू सिंह के बेटे जसवंत सिंह ने 5.43 लाख रुपये बैंक में जमा करवा दिए।  इसके बाद सहायक रजिस्ट्रार के आदेश पर नेहरू सिंह को रिहा कर दिया गया। इसी तरह गांव भुल्लण के रमेश कुमार ने इस बैंक से विभिन्न स्कीमों के तहत 10 लाख रुपये के कर्ज लिया था। उसने भी गिरफ्तारी से बचने के लिए मौके पर 8.05 लाख रुपये अपने कर्ज के खातों में जमा करवा दिए। वह भी बैंक द्वारा तैयार की गई 50 बड़े डिफॉल्टरों की सूची में एक था। गर्ग ने बताया कि बैंक को अन्य डिफाल्टरों के भी गिरफ्तारी वारंट मिल चुके हैं व इनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।

भुल्लण के रमेश ने भी गिरफ्तारी के बचने को जमा कराई रकम, बैंक 50 डिफॉल्टरों की सूची कर चुका है तैयार

दरअसल, गांव बादलगढ़ के नेहरू सिंह को सहकारी कृषि विकास बैंक ने वर्ष 1999 में 1.50 लाख रुपये का कर्ज सुअर पालन के लिए दिया था। बैंक मैनेजर सुरिंदर गर्ग के अनुसार नेहरू सिंह ने कर्ज लेने के बाद नेहरू सिंह ने केवल 10 हजार रुपये ही जमा करवाया। कर्जदार को बार-बार कहने पर जब कोई भी रकम जमा नहीं करवाई तो उसे डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया। इसके बाद उसके खिलाफ सहायक रजिस्ट्रार (सहकारी सभाएं) की अदालत से गिरफ्तारी वारंट हासिल किए गए।  कार्रवाई करते हुए संबंधित कर्जदार को 26 जून को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

बैंक मैनेजर गर्ग के मुताबिक, इसके बाद उसके परिवार ने बैंक से संपर्क किया। इनके साथ बादलगढ़ के गुरनाम सिंह व मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन राजविंदर सिंह  भी थे। बैंक द्वारा डिफाल्टर के खाते संबंधी पूरी जानकारी दी गई। इसके बाद नेहरू सिंह के बेटे जसवंत सिंह ने 5.43 लाख रुपये बैंक में जमा करवा दिए।

इसके बाद सहायक रजिस्ट्रार के आदेश पर नेहरू सिंह को रिहा कर दिया गया। इसी तरह गांव भुल्लण के रमेश कुमार ने इस बैंक से विभिन्न स्कीमों के तहत 10 लाख रुपये के कर्ज लिया था। उसने भी गिरफ्तारी से बचने के लिए मौके पर 8.05 लाख रुपये अपने कर्ज के खातों में जमा करवा दिए। वह भी बैंक द्वारा तैयार की गई 50 बड़े डिफॉल्टरों की सूची में एक था। गर्ग ने बताया कि बैंक को अन्य डिफाल्टरों के भी गिरफ्तारी वारंट मिल चुके हैं व इनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।

 
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