ग्वालियर: टेलिविजन रेटिंग प्वॉइंट यानि टीआरपी बढ़ाने में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है. इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है. विषय की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इसकी विस्तृत जांच कर रही है. अभी तक की जांच में सामने आया है कि ये लोग जिस घर में टीआरपी मीटर लगा होता था उन्हें एक खास 'हिन्दी न्यूज़ चैनल' देखने को कहते थे और इसके बदले उन्हें पैसा देते थे. पुलिस ने सर्वे कराने वाली हंसा रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज किया था. इस हिन्दी न्यूज़ चैनल का नाम हम इसलिए नहीं बता रहे क्योंकि अभी उस चैनल का पक्ष सामने नहीं आया है. दरअसल टीआरपी जांचने के लिए कुछ घरों में टीवी सेट में एक मीटर लगाया जाता है. इसी से पता चलता है कि घर में कौन सा चैनल कितनी देर देखा गया? जिन घरों में ये मीटर लगे होते हैं उन्हें यह जानकारी नहीं होती है. लेकिन कंपनी के एक कर्मचारी ने यह जानकारी पूर्व कर्मचारी को लीक कर दी. इसके बाद दर्शकों को एक खास हिन्दी न्यूज़ चैनल देखने के एवज में 500 रुपये देने का लालच दिया गया. एएसपी ग्वालियर दिनेश कौशल ने बताया कि थाना माधौगंज पर हंसा रिसर्च की ओर से शिकायत मिली थी जिसकी जांच करने के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हम लोग ये जानने का भी प्रयास कर रहे हैं कि कौन सी कंपनियां अपने चैनल की टीआरपी बढ़वाना चाहती थीं और इसके लिए किसको कितना पैसा दिया गया? आपको बता दें कि दर्शक क्या देख रहे हैं यह जानने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) द्वारा एक सर्वे कराया जाता है. बीएआरसी, हंसा रिसर्च के माध्यम से यह सर्वे करा रही है. किन घरों में मीटर लगे है यह जानकारी केवल सर्वे कंपनी के लोगों को रहती है. BARC India ने इस पर कहा," टीआरपी नापने का तरीका सही हो, ट्रांसपेरेंट हो, किसी भी प्रकार के प्रभाव से रहित हो, हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. सिस्टम में किसी तरह की कोई गड़बड़ ना हो इसके लिए हम बेहतर तकनीक इस्तेमाल करते हैं और वक्त-वक्त पर मैनुअल जांच भी करते हैं. पहले दिन से ही हम किसी भी तरह के खतरे का सामना करने के लिए संबंधित अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं. हमें खुशी है कि हमारे लगातार प्रयासों के कारण पुलिस कार्रवाई कर रही है और इस अवैध काम में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर रही है."

टीआरपी में चल रहा था फर्जीवाड़ा, दर्शकों को दिया जा रहा था पैसों का लालच, 3 गिरफ्तार

 टेलिविजन रेटिंग प्वॉइंट यानि टीआरपी बढ़ाने में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है. इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है. विषय की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इसकी विस्तृत जांच कर रही है. अभी तक की जांच में सामने आया है कि ये लोग जिस घर में टीआरपी मीटर लगा होता था उन्हें एक खास ‘हिन्दी न्यूज़ चैनल’ देखने को कहते थे और इसके बदले उन्हें पैसा देते थे. पुलिस ने सर्वे कराने वाली हंसा रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज किया था. इस हिन्दी न्यूज़ चैनल का नाम हम इसलिए नहीं बता रहे क्योंकि अभी उस चैनल का पक्ष सामने नहीं आया है.ग्वालियर: टेलिविजन रेटिंग प्वॉइंट यानि टीआरपी बढ़ाने में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है. इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है. विषय की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इसकी विस्तृत जांच कर रही है. अभी तक की जांच में सामने आया है कि ये लोग जिस घर में टीआरपी मीटर लगा होता था उन्हें एक खास 'हिन्दी न्यूज़ चैनल' देखने को कहते थे और इसके बदले उन्हें पैसा देते थे. पुलिस ने सर्वे कराने वाली हंसा रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज किया था. इस हिन्दी न्यूज़ चैनल का नाम हम इसलिए नहीं बता रहे क्योंकि अभी उस चैनल का पक्ष सामने नहीं आया है.   दरअसल टीआरपी जांचने के लिए कुछ घरों में टीवी सेट में एक मीटर लगाया जाता है. इसी से पता चलता है कि घर में कौन सा चैनल कितनी देर देखा गया? जिन घरों में ये मीटर लगे होते हैं उन्हें यह जानकारी नहीं होती है. लेकिन कंपनी के एक कर्मचारी ने यह जानकारी पूर्व कर्मचारी को लीक कर दी. इसके बाद दर्शकों को एक खास हिन्दी न्यूज़ चैनल देखने के एवज में 500 रुपये देने का लालच दिया गया.   एएसपी ग्वालियर दिनेश कौशल ने बताया कि थाना माधौगंज पर हंसा रिसर्च की ओर से शिकायत मिली थी जिसकी जांच करने के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हम लोग ये जानने का भी प्रयास कर रहे हैं कि कौन सी कंपनियां अपने चैनल की टीआरपी बढ़वाना चाहती थीं और इसके लिए किसको कितना पैसा दिया गया?   आपको बता दें कि दर्शक क्या देख रहे हैं यह जानने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) द्वारा एक सर्वे कराया जाता है. बीएआरसी, हंसा रिसर्च के माध्यम से यह सर्वे करा रही है. किन घरों में मीटर लगे है यह जानकारी केवल सर्वे कंपनी के लोगों को रहती है.   BARC India ने इस पर कहा," टीआरपी नापने का तरीका सही हो, ट्रांसपेरेंट हो, किसी भी प्रकार के प्रभाव से रहित हो, हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. सिस्टम में किसी तरह की कोई गड़बड़ ना हो इसके लिए हम बेहतर तकनीक इस्तेमाल करते हैं और वक्त-वक्त पर मैनुअल जांच भी करते हैं. पहले दिन से ही हम किसी भी तरह के खतरे का सामना करने के लिए संबंधित अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं. हमें खुशी है कि हमारे लगातार प्रयासों के कारण पुलिस कार्रवाई कर रही है और इस अवैध काम में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर रही है."

दरअसल टीआरपी जांचने के लिए कुछ घरों में टीवी सेट में एक मीटर लगाया जाता है. इसी से पता चलता है कि घर में कौन सा चैनल कितनी देर देखा गया? जिन घरों में ये मीटर लगे होते हैं उन्हें यह जानकारी नहीं होती है. लेकिन कंपनी के एक कर्मचारी ने यह जानकारी पूर्व कर्मचारी को लीक कर दी. इसके बाद दर्शकों को एक खास हिन्दी न्यूज़ चैनल देखने के एवज में 500 रुपये देने का लालच दिया गया.

एएसपी ग्वालियर दिनेश कौशल ने बताया कि थाना माधौगंज पर हंसा रिसर्च की ओर से शिकायत मिली थी जिसकी जांच करने के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हम लोग ये जानने का भी प्रयास कर रहे हैं कि कौन सी कंपनियां अपने चैनल की टीआरपी बढ़वाना चाहती थीं और इसके लिए किसको कितना पैसा दिया गया?

आपको बता दें कि दर्शक क्या देख रहे हैं यह जानने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) द्वारा एक सर्वे कराया जाता है. बीएआरसी, हंसा रिसर्च के माध्यम से यह सर्वे करा रही है. किन घरों में मीटर लगे है यह जानकारी केवल सर्वे कंपनी के लोगों को रहती है.

BARC India ने इस पर कहा,” टीआरपी नापने का तरीका सही हो, ट्रांसपेरेंट हो, किसी भी प्रकार के प्रभाव से रहित हो, हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. सिस्टम में किसी तरह की कोई गड़बड़ ना हो इसके लिए हम बेहतर तकनीक इस्तेमाल करते हैं और वक्त-वक्त पर मैनुअल जांच भी करते हैं. पहले दिन से ही हम किसी भी तरह के खतरे का सामना करने के लिए संबंधित अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं. हमें खुशी है कि हमारे लगातार प्रयासों के कारण पुलिस कार्रवाई कर रही है और इस अवैध काम में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर रही है.”

 
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