डॉ कफील ने कहा कि भाई को तीन गोली मारी गई। तीसरी गोली बाएं बाजू से गर्दन पर आकर अटक गई, लेकिन मेरा भाई काशिफ भागता रहा और भागते हुए निजी हॉस्पिटल में खुद पहुंचे और डॉक्टर ने ईलाज करने से मना कर दिया। काशिफ जमील जब जिंदगी और मौत से जूंझ रहा था उस समय डॉक्टर गले में फंसी गोली को निकालने की बात कर रहे थे लेकिन उसी समय सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह और एसपी सिटी विनय कुमार पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और जान बूझकर ऑपरेशन में 4 घंटे की देरी कराई। दोनों अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करके उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। डॉ कफील ने कहा कि एक हमलावर स्कूटी चला रहा था उसने हेलमेट पहने था और दूसरे ने गमछा लपेटा था मगर मेरा भाई उसे आंखों से पहचान सकता है। डॉ कफील ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर से सिर्फ 500 मीटर दूरी पर मेरे भाई के ऊपर हमला किया गया था। यह गोरखपुर में सबसे सुरक्षित क्षेत्र है। जो पुलिस वाले जांच कर रहे है वही हमलावरों के साथ मिले हुए हैं। इसके साथ ही गोरखपुर में हमारे घर पर बिना हथियार के पुलिस सुरक्षा करने को तैनात की गई है। डॉ. कफील ने बताया कि दस जून को भाई देर रात करीब 10.30 बजे निजी काम से वापस घर लौट रहे थे। गोरखनाथ मंदिर के करीब पुल क्रॉस करते ही कोतवाली थाना क्षेत्र में पल्सर सवार दो बदमाशों ने उनका रास्ता रोका। इसके बाद कई राउंड फायर किए। कासिफ को बदमाशों की तीन गोलियां लगीं। बताया जा रहा है कि वह खुद बाइक चलाते हुए अस्पताल पहुंचे। इसके बाद परिवार को सूचना दी गई। परिवार ने उन्हें स्टार हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

डॉ. कफील खान का आरोप BJP सांसद कमलेश पासवान ने कराया भाई पर हमला

 गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. कफील खान ने गोरखपुर में अपने भाई के ऊपर हमले में बेहद गंभीर आरोप लगाया है। लखनऊ में आज मीडिया से उन्होंने कहा कि बांसगांव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कमलेश पासवान ने भाई के ऊपर हमला कराया है। वह मुख्य साजिशकर्ता है, इसके साथ ही उन्होंने सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया है।डॉ कफील ने कहा कि भाई को तीन गोली मारी गई। तीसरी गोली बाएं बाजू से गर्दन पर आकर अटक गई, लेकिन मेरा भाई काशिफ भागता रहा और भागते हुए निजी हॉस्पिटल में खुद पहुंचे और डॉक्टर ने ईलाज करने से मना कर दिया। काशिफ जमील जब जिंदगी और मौत से जूंझ रहा था उस समय डॉक्टर गले में फंसी गोली को निकालने की बात कर रहे थे लेकिन उसी समय सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह और एसपी सिटी विनय कुमार पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और जान बूझकर ऑपरेशन में 4 घंटे की देरी कराई। दोनों अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करके उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए।  डॉ कफील ने कहा कि एक हमलावर स्कूटी चला रहा था उसने हेलमेट पहने था और दूसरे ने गमछा लपेटा था मगर मेरा भाई उसे आंखों से पहचान सकता है। डॉ कफील ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर से सिर्फ 500 मीटर दूरी पर मेरे भाई के ऊपर हमला किया गया था। यह गोरखपुर में सबसे सुरक्षित क्षेत्र है। जो पुलिस वाले जांच कर रहे है वही हमलावरों के साथ मिले हुए हैं। इसके साथ ही गोरखपुर में हमारे घर पर बिना हथियार के पुलिस सुरक्षा करने को तैनात की गई है।  डॉ. कफील ने बताया कि दस जून को भाई देर रात करीब 10.30 बजे निजी काम से वापस घर लौट रहे थे। गोरखनाथ मंदिर के करीब पुल क्रॉस करते ही कोतवाली थाना क्षेत्र में पल्सर सवार दो बदमाशों ने उनका रास्ता रोका। इसके बाद कई राउंड फायर किए। कासिफ को बदमाशों की तीन गोलियां लगीं। बताया जा रहा है कि वह खुद बाइक चलाते हुए अस्पताल पहुंचे। इसके बाद परिवार को सूचना दी गई। परिवार ने उन्हें स्टार हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

डॉ. कफील का आरोप है गोरखनाथ मंदिर से सिर्फ पांच सौ मीटर की दूरी पर हुए इस गोलीकांड के छह दिन बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई न होना इस सरकार की विफलता है। डॉ कफील ने आज लखनऊ में प्रेस वार्ता की। डॉ. कफील खान ने कहा कि काशिफ जमील के अनुसार जानलेवा हमला उन पर बांसगांव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कमलेश पासवान, सतीश नंगलिया व बल्देव प्लाजा गोरखपुर के मालिक ने इमाम हुसैन और निकहत आरा के साथ षड्यंत्र कर करवाया है। उनके निशाने पर भाजपा की सरकार के साथ बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान थे। डॉ. कफील ने कहा कि पासवान मेरे भाई पर जानलेवा हमले की साजिश में शामिल है। उनकी शह पर पुलिस ने इलाज में देरी कराई। उन्होंने इस मामले की न्यायिक या सीबीआई जांच की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जानबूझकर विलंब करने वाले दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

डॉ. कफील ने कहा कि सरकार का भाई पर हमला करने वालों को 48 घंटे में पकडऩे का दावा था, लेकिन सात दिन बाद भी अभी एक स्तर पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भाई पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस ने वादा किया था कि उनके भाई को कासिफ पर जानलेवा हमला करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, लेकिन हमलावार तो मजे से घूम रहे हैं। बच्चों की मौत के मामले में हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर डॉ. कफील खान के छोटे भाई कासिफ जमील पर 10 जून को गोरखनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर जानलेवा हमला हुआ था।

डॉ कफील ने कहा कि भाई को तीन गोली मारी गई। तीसरी गोली बाएं बाजू से गर्दन पर आकर अटक गई, लेकिन मेरा भाई काशिफ भागता रहा और भागते हुए निजी हॉस्पिटल में खुद पहुंचे और डॉक्टर ने ईलाज करने से मना कर दिया। काशिफ जमील जब जिंदगी और मौत से जूंझ रहा था उस समय डॉक्टर गले में फंसी गोली को निकालने की बात कर रहे थे लेकिन उसी समय सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह और एसपी सिटी विनय कुमार पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और जान बूझकर ऑपरेशन में 4 घंटे की देरी कराई। दोनों अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करके उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए।

डॉ कफील ने कहा कि एक हमलावर स्कूटी चला रहा था उसने हेलमेट पहने था और दूसरे ने गमछा लपेटा था मगर मेरा भाई उसे आंखों से पहचान सकता है। डॉ कफील ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर से सिर्फ 500 मीटर दूरी पर मेरे भाई के ऊपर हमला किया गया था। यह गोरखपुर में सबसे सुरक्षित क्षेत्र है। जो पुलिस वाले जांच कर रहे है वही हमलावरों के साथ मिले हुए हैं। इसके साथ ही गोरखपुर में हमारे घर पर बिना हथियार के पुलिस सुरक्षा करने को तैनात की गई है।

डॉ. कफील ने बताया कि दस जून को भाई देर रात करीब 10.30 बजे निजी काम से वापस घर लौट रहे थे। गोरखनाथ मंदिर के करीब पुल क्रॉस करते ही कोतवाली थाना क्षेत्र में पल्सर सवार दो बदमाशों ने उनका रास्ता रोका। इसके बाद कई राउंड फायर किए। कासिफ को बदमाशों की तीन गोलियां लगीं। बताया जा रहा है कि वह खुद बाइक चलाते हुए अस्पताल पहुंचे। इसके बाद परिवार को सूचना दी गई। परिवार ने उन्हें स्टार हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। 

 
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