डोकलाम विवाद के एक साल बाद भी बाज नहीं आया चीन, भारतीय जमीन पर फिर गाड़े तंबू

डोकलाम विवाद के एक साल बाद भी बाज नहीं आया चीन, भारतीय जमीन पर फिर गाड़े तंबू

डोकलाम में पिछले साल चीन की ओर से की गई घुसपैठ के बाद मामला गरमाया था. दोनों देशों के बीच इस विवाद को लेकर बातचीत हुई थी. माना जा रहा था कि चीन अब इस इलाके में घुसपैठ नहीं करेगा. लेकिन टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबरके मुताबिक ड्रैगन (चीन) अभी भी बाज नहीं आया है. चीनी सेना ने पिछले महीने लद्दाख में भारतीय जमीन पर पांच तंबू (टेंट) गाड़े. ये तंबू उसने लद्दाख के डेमचोक सेक्‍टर में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से 400 मीटर अंदर घुसपैठ करके स्‍थापित किए.डोकलाम विवाद के एक साल बाद भी बाज नहीं आया चीन, भारतीय जमीन पर फिर गाड़े तंबू

पांच तंबू गाड़े, बाद में तीन हटाए
हालांकि सेना से जुड़े सूत्रों ने सोमवार को जानकारी दी कि चीनी सेना ने चेरडोंग-नरलोंग नालान क्षेत्र में पांच में से तीन तंबुओं को हटा लिया है. चीन ने तीन तंबू दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई ब्रिगेडियर स्‍तर की वार्ता के बाद हटाए हैं. लेकिन अभी भी वहां चीनी सेना के दो तंबू मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि इन तंबुओं में चीनी सैनिक अभी भी मुस्‍तैद हैं. प्रकाशित खबर के मुताबिक इस घटनाक्रम पर सेना के अधिकारियों से बातचीत की कोशिश की गई लेकिन उन्‍होंने मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.

खानाबदोशों का भेष धरकर आए थे सैनिक
सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना यानी पीएलए के सैनिक जुलाई के पहले सप्‍ताह में कुछ मवेशियों को लेकर खानाबदोशों के भेष में भारतीय जमीन में घुसे थे. उन्‍हें वापस भेजने के लिए भारतीय जवानों ने कई बार बैनर ड्रिल की प्रक्रिया की. लेकिन इसके बाद भी चीनी सैनिक वहां से नहीं लौटे. दरअसल जब भी चीनी सैनिक भारतीय जमीन पर घुसपैठ करते हैं तो उन्‍हें बैनर ड्रिल प्रक्रिया के तहत झंडे दिखाकर वापस उनकी जमीन पर जाने को कहा जाता है. लेकिन चीनी सैनिकों ने इसे भी अनदेखा कर दिया.

ब्रिगेडियर स्‍तर की बातचीत हुई
सेना से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई ब्रिगेडियर स्‍तर की बातचीत के बाद चीनी सेना ने तीन तंबुओं को हटा लिया है. लेकिन चीनी सेना ने नरलोंग इलाके में लद्दाक प्रशासन की ओर से बनाई जा रही सड़क का विरोध करते हुए शिकायत की है.

एलएसी पर 23 संवेदनशील स्‍थान
बता दें कि डेमचोक सेक्‍टर भारत और चीन सीमा पर स्थित वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में मौजूद उन 23 संवदेनशील और विवादित स्‍थानों में से एक है, जहां अक्‍सर सीमा विवाद के कारण दोनों देशों की सेनाओं के बीच गहमागहमी देखने को मिलती है. ये 23 चिह्नित स्‍थान लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक मौजूद हैं. इसमें डेमचोक के अलावा लद्दाख के ट्रिग हाइट्स, डमचेले, चुमार, स्‍पांगुर गैप और पैनगोंग त्‍सो स्‍थान शामिल हैं.

एक साल में 426 बार अतिक्रमण
दूसरी ओर अगर चीन की ओर से भारतीय जमीन पर अतिक्रमण की बात करें तो यह आंकड़ा भी चिंताजनक है. इस साल चीन की ओर से भारतीय जमीन पर एलएसी के साथ-साथ 170 से अधिक बार घुसपैठ करके अतिक्रमण किया गया है. अगर 2016 में ऐसी ही 273 को भी जोड़ दिया जाए जो डोकलाम वि‍वाद के महज एक साल में चीन ने भारतीय सीमा पर 426 बार घुसपैठ की है. पिछले साल ही भूटान के भूभाग के सिक्किम-भूटान-तिब्बत त्रिकोण पर स्थित डोकलाम को लेकर दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध चला था.

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