नाटो तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी में अमरीका, तैनात किया न्यूक्लियर मिसाइल

मॉस्को। अमरीका और नाटो विश्व युद्ध के डर से फिर दहशत में दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह भी छोटी नहीं है क्योंकि रूस ने सोवियत संघ टूटने के बाद से तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी में वीरान पड़े अपने सभी मिलिट्री बेस को फिर से खोलना शुरू कर दिया है। अमरीकी मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक रूस ने दशकों से वीरान पड़े अपने कई मिलिट्री बेस पर आर्मी तैनात करनी शुरू कर दी है। सिर्फ इतना ही नहीं रूस इन सैन्य अड्डों पर अपनी अत्याधुनिक न्यूक्लियर मिसाइल भी तैनात कर रहा है। नाटो को डर है कि रूस इन अड्डों से वॉशिंगटन, कैलिफोर्निया, साउथ दकोटा और अलास्का को अपने निशाने पर लेने की तैयारी में है।

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नाटो तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी में अमरीका, तैनात किया न्यूक्लियर मिसाइल

बता दें कि ये सभी सेकेंड वर्ल्ड वॉर के वक़्त रूस के अहम आर्मी बेस हुआ करते थे। हालांकि साल 1960 के बाद से ये बेस एकदम वीरान थे और भुतहा शहर में तब्दील हो गए थे। अमरीकी मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक सोवियत यूनियन के टूटने के बाद अब भी रूस में ऐसे 15 मिलिट्री बेस मौजूद हैं जिन्हें देश के ऑफिशियल नक़्शे से दूर रखा जाता है। दुनिया में किसी भी देश के पास इन शहरों के नाम और लोकेशन की पुख्ता जानकारी नहीं है। सुरक्षा वजहों के चलते इन जगहों पर विदेशियों या मीडिया को भी जाने की इजाजत नहीं है।

सीआईए की फाइलों में रामेन्की इमरजेंसी बंकर ज़मीन के 30 फीट नीचे मौजूद एक बेहद सुरक्षित बंकर बताया गया है। ये रामेन्की डिस्ट्रिक्ट में मौजूद है और इसका निर्माण सेकेंड वर्ल्ड वॉर के एकदम बाद साल 1950 में बनाया गया था। इसे इसलिए बनाया गया था जिससे हमले या क्राइसिस के वक़्त रूस के टॉप लीडर्स के परिवारों को सुरक्षित रखा जा सके। करीब 500 एकड़ में फैला यह बंकर जमीन से 30 फुट के अंदर है। बंकर का कवच इतना मजबूत है कि ये न्यूक्लियर हमला भी झेल सकता है। इसकी सेफ्टी के लिए रूसी सेना की एक स्पेशल टुकड़ी हमेशा यहां तैनात रहती है। न्यूक्लियर मिसाइलों के अलावा यह बंकर मिसाइल डिफेंस सिस्टम से भी लैस है।

बलाकलावा सबमरीन बेस बिलकुल ब्लैक सी के नज़दीक मौजूद है और रूस के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जब सोवियत संघ टूटा तो इसका कुछ हिस्सा यूक्रेन में भी चला गया। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक रूस ने इस बेस को फिर से खोल दिया है और यहां अपनी न्यूक्लियर मिसाइल तैनात कर रहा है। ये पहले रूस का सबमरीन रिपेयर सेंटर हुआ करता था जिसे साल 1995 में बंद कर दिया गया था।

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