तोगड़िया का कहना है कि सोमनाथ की तर्ज पर संसद से कानून के जरिए बने राम मंदिर

तोगड़िया का कहना है कि सोमनाथ की तर्ज पर संसद से कानून के जरिए बने राम मंदिर

चुनावी लाभ के लिए राम मंदिर का मुद्दा बेशक गुजरात की धरती तक पहुंच गया है, मगर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अपनों को ही नसीहत देते हुए कहा है कि यह मामला राजनीति का नहीं हिंदुओं की आस्था का  प्रश्र है। बल्कि विहिप ने यह भी कहा है कि न्यायपालिका के अलावा कार्यपालिका के जरिए भी राम मंदिर निर्माण की कोशिश होनी चाहिए।तोगड़िया का कहना है कि सोमनाथ की तर्ज पर संसद से कानून के जरिए बने राम मंदिर
बाबरी विध्वंस की बरसी के अवसर पर राम मंदिर को लेकर चले सियासी बोल पर प्रतिक्रिया देते हुए विहिप के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि संसद भी राम मंदिर बनाने का रास्ता जल्द प्रशस्त कर सकती है। इसके लिए संसद में तुरंत राम मंदिर पर कानून बने।
न्यायालय में लग सकता है अब भी लंबा वक्त
तोगड़िया का कहना है कि पिछले 450 वर्षों से राम मंदिर का मामला लंबित है (100 वर्षों से तो न्यायालयों की चौखटों पर ही लंबित है।) न्यायालय के निर्णय के बाद भी रिव्यू पिटीशन, क्यूरेटिव पिटीशन में और देरी होगी।

हम न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन, संवैधानिक रीति से राम मंदिर बनाने का रास्ता केवल न्यायालय ही नहीं है बल्कि संसद के जरिए भी हो सकता है। उन्होंने तुरंत संसद से राम मंदिर पर कानून बनवाने की मांग की है।

बरसी पर गर्म हुआ राम मंदिर मुद्दा 
बाबरी विध्वंस की बरसी से एक दिन पहले राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद के मुद्दे को गरमाने की एक बार फिर से कोशिश हुई, मगर मामला सियासी तूल नहीं पकड़ सका। सर्वोच्च न्यायालय ने भी मामले की सुनवाई 8 फरवरी से करने का निर्णय लिया है। सर्वोच्च न्यायालय में मंगलवार को राम मंदिर पर हुई सुनवाई के कुछ अंशों को आधार बनाते हुए भाजपा ने कांग्रेस पर सियासी हमला बोलने में देर नहीं लगाई।

उधर, कांग्रेस ने भी भाजपा पर पलटवार किया है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय में सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने मांग की कि इस सुनवाई को 2019 के आम चुनाव तक टाला जाए, क्योंकि राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में है। इस पर अमित शाह ने करारा प्रहार करते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है। 

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