बिहार की सियासत में जनता दल (यूनाइडेट) के महागठबंधन से अलग होते ही बागी रुख अख्तियार करने वाले वरिष्ठ नेता शरद यादव के खिलाफ पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। जिसके बाद शरद यादव को राज्यसभा से भी करारा झटका लगा है और सदन में उनकी सदस्यता को अयोग्य ठहरा दिया गया है।CM वीरभद्र सिंह के चुनाव लड़ने को लेकर सुशील शिंदे ने दिया बड़ा बयान
आपको बता दें कि जेडीयू में दो फाड़ होने के बाद से शरद यादव और नीतीश कुमार, दोनों नेता ही पार्टी पर अपना-अपना दावा ठोंक रहे थे। जिसके बाद नीतीश कुमार के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग की ओर रुख किया था और पार्टी के साथ-साथ जेडीयू के चुनाव चिन्ह पर भी अपना दावा पेश किया था। सूत्रों के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल ने अपने दावे को मजबूत करने के लिए चुनाव आयोग के समक्ष 250 पन्नों का दस्तावेज प्रस्तुत किया था।
तो वहीं शरद यादव गुट ने पहले ही चुनाव आयोग के पास याचिका दायर कर दी थी। 25 अगस्त को उन्होंने अपने दस्तावेजों को प्रस्तुत करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार ने जेडीयू छोड़ दिया था। इसलिए उनके पास पार्टी के बारे में कोई निर्णय करने का कोई कानूनी और नैतिक अधिकार नहीं है।
बता दें कि इससे पहले सांसद आरसीपी सिंह की अगुवाई में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू से मुलाकात कर शरद की राज्यसभा की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी।
प्रतिनिधिमंडल ने शरद पर पार्टी विरोधी गतिविधि में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए इस संदर्भ में नायडू को ज्ञापन भी सौंपा था। गौरतलब है कि जदयू के महागठबंधन से नाता तोड़ने का शरद लगातार विरोध कर रहे हैं।
इस क्रम में उन्होंने बीते दिनों राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की ओर से बुलाई गई विपक्ष की रैली में भी शिरकत की थी। इस दौरान शरद ने जदयू नेतृत्व पर महागठबंधन से अलग होने के फैसले पर अंगुली उठाई थी। उन्होंने कहा था कि बिहार में जनादेश महागठबंधन को मिला था।
18 सितंबर को होगी शरद गुट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक
उन्होंने बताया कि 17 सितंबर को राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होगी जबकि 18 सितंबर को राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होगा। 18 तारीख राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी होनी है जबकि सम्मेलन का आयोजन दोपहर बाद होना है। सम्मेलन में सभी राज्य संगठन के लोग भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि इस बैठक में पार्टी अब तक की घटनाओं पर निर्णय लेगी। यही नहीं अध्यक्ष का चुनाव भी संभव है। नीतीश को भी बैठक के लिए निमंत्रित किया जाएगा।
मालूम हो कि इससे पहले केसी त्यागी ने लालू यादव की रैली में शामिल होने को लेकर कहा था, ‘आज की रैली में शामिल होकर उन्होंने अपनी परेशानियों को बढ़ा दिया है हम इसके संबंध में राज्यसभा अध्यक्ष से बात करेंगे। वह अपनी राज्यसभा की सदस्यता भी खो सकते हैं।’