चीन ने पहली बार विवादास्पद दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर बमवर्षक विमान तैनात किए हैं। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अमेरिका ने कहा कि इस कदम से क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता बढ़ेगी। चीन की वायु सेना ने कहा कि एच-6के बमवर्षक समेत कई लड़ाकू विमानों ने दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर उतरने और उड़ान भरने का अभ्यास किया। हांगकांग के साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट अखबार ने चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन एयर फोर्स (पीएलएएफ) के हवाले से कहा कि इस तरह के अभ्यास से वायु सेना की पूरे क्षेत्र में पहुंचने और सटीक समय में मार करने की क्षमता बढ़ेगी। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार पीपल्स डेली ने एच-6के विमानों के उतरने और उड़ान भरने का एक वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शुक्रवार को पोस्ट किया। सैन्य विशेषज्ञ वांग मिनलिंग ने कहा कि बमवर्षक विमानों के उतरने और उड़ान भरने के अभ्यास से समुद्र में सभी प्रकार के खतरों से निपटने में मदद मिलेगी। अमेरिका ने जताई कड़ी आपत्ति अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर लोगन ने चीन के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चीन इस तरह के अभ्यास के जरिये विवादित दक्षिण चीन सागर में सेना की तैनाती के प्रयास में जुटा है। पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है जबकि इस दावे का वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान विरोध करते हैं। इस क्षेत्र में जहाजों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका ने अपने नौसैनिक पोतों और लड़ाकू विमानों को तैनात कर रखा है।

दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप में चीन ने पहली बार तैनात किए बमवर्षक विमान

चीन ने पहली बार विवादास्पद दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर बमवर्षक विमान तैनात किए हैं। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अमेरिका ने कहा कि इस कदम से क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता बढ़ेगी। चीन की वायु सेना ने कहा कि एच-6के बमवर्षक समेत कई लड़ाकू विमानों ने दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर उतरने और उड़ान भरने का अभ्यास किया।चीन ने पहली बार विवादास्पद दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर बमवर्षक विमान तैनात किए हैं। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अमेरिका ने कहा कि इस कदम से क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता बढ़ेगी। चीन की वायु सेना ने कहा कि एच-6के बमवर्षक समेत कई लड़ाकू विमानों ने दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर उतरने और उड़ान भरने का अभ्यास किया।  हांगकांग के साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट अखबार ने चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन एयर फोर्स (पीएलएएफ) के हवाले से कहा कि इस तरह के अभ्यास से वायु सेना की पूरे क्षेत्र में पहुंचने और सटीक समय में मार करने की क्षमता बढ़ेगी। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार पीपल्स डेली ने एच-6के विमानों के उतरने और उड़ान भरने का एक वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शुक्रवार को पोस्ट किया। सैन्य विशेषज्ञ वांग मिनलिंग ने कहा कि बमवर्षक विमानों के उतरने और उड़ान भरने के अभ्यास से समुद्र में सभी प्रकार के खतरों से निपटने में मदद मिलेगी।  अमेरिका ने जताई कड़ी आपत्ति  अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर लोगन ने चीन के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चीन इस तरह के अभ्यास के जरिये विवादित दक्षिण चीन सागर में सेना की तैनाती के प्रयास में जुटा है।  पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा  चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है जबकि इस दावे का वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान विरोध करते हैं। इस क्षेत्र में जहाजों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका ने अपने नौसैनिक पोतों और लड़ाकू विमानों को तैनात कर रखा है।

हांगकांग के साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट अखबार ने चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन एयर फोर्स (पीएलएएफ) के हवाले से कहा कि इस तरह के अभ्यास से वायु सेना की पूरे क्षेत्र में पहुंचने और सटीक समय में मार करने की क्षमता बढ़ेगी। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार पीपल्स डेली ने एच-6के विमानों के उतरने और उड़ान भरने का एक वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शुक्रवार को पोस्ट किया। सैन्य विशेषज्ञ वांग मिनलिंग ने कहा कि बमवर्षक विमानों के उतरने और उड़ान भरने के अभ्यास से समुद्र में सभी प्रकार के खतरों से निपटने में मदद मिलेगी।

अमेरिका ने जताई कड़ी आपत्ति

अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर लोगन ने चीन के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चीन इस तरह के अभ्यास के जरिये विवादित दक्षिण चीन सागर में सेना की तैनाती के प्रयास में जुटा है।

पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा

चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है जबकि इस दावे का वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान विरोध करते हैं। इस क्षेत्र में जहाजों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका ने अपने नौसैनिक पोतों और लड़ाकू विमानों को तैनात कर रखा है।

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