सरकार से लेकर उद्योग जगत तक और छोटे कारोबारी से लेकर आम जनता तक सभी की नजर बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) गवर्नर उर्जित पटेल की तरफ से घोषित की जाने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा पर टिकी है। बाजार में इस बात को लेकर कयासों का बाजार गरम है कि मौद्रिक नीति तय करने के लिए गठित समिति (एमपीसी) ब्याज दरों पर क्या फैसला करती है। जहां तक विशेषज्ञों का सवाल है तो वह इस पर विभाजित नजर आते हैं। कई जानकार मानते हैं कि महंगाई के तेवर को देखते हुए रेपो रेट में 25 आधार अंकों (0.25 फीसद) की बढ़ोतरी हो सकती है जबकि कुछ विशेषज्ञ यह मानते हैं कि आर्थिक विकास दर को बनाए रखने के लिए हो सकता है कि ब्याज दरों को फिलहाल मौजूदा स्तर पर ही बनाए रखने पर सहमति बन जाए। एमपीसी सोमवार से ही मौद्रिक नीति पर बहस कर रही है। एमपीसी के प्रमुख आरबीआइ के गवर्नर हैं जो बुधवार को फैसले का एलान करेंगे। कोटक इक्विटीज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित के मुताबिक महंगाई के तेवर को देखते हुए रेपो रेट में 25 आधार अंकों की वृद्धि संभव है। महंगाई की दर लगातार चार फीसद से ऊपर यानी पांच फीसद के करीब बनी हुई है। MPC बैठक में कर्ज का महंगा होना तय, महंगे पेट्रोल-डीजल से फिलहाल राहत नहीं यह भी पढ़ें मध्यवर्ती उत्पादों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है जिसका असर आने वाले दिनों में तैयार उत्पादों की कीमतों पर दिखाई दे सकता है। इसके साथ ही भारतीय रुपये को लेकर चिंता भी लगातार बनी हुई है। इसके अलावा एक अन्य कारण तमाम फसलों के एमएसपी में वृद्धि का फैसला भी है जो आगे चलकर महंगाई को और हवा दे सकती है। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख अर्थशास्त्री धनंजय सिन्हा भी मानते हैं कि रेपो रेट में 0.25 फीसद की वृद्धि होगी। वाणिज्यिक बैंक रेपो रेट पर ही अल्पावधि जरूरतों के लिए आरबीआइ से कर्ज लेते हैं। रेपो रेट अभी 6.25 फीसद है जो बढ़कर 6.5 फीसद हो सकती है। उनका यह भी मानना है कि वित्त वर्ष के शेष महीनों में रेपो रेट में 50 आधार अंकों यानी 0.50 फीसद की वृद्धि संभव है। एक तरह से बुधवार को मौद्रिक नीति से यह साफ हो जाएगा कि ब्याज दरों को लेकर आरबीआइ अब तटस्थ की भूमिका में नहीं रहेगा बल्कि महंगाई को थामने के लिए वह ज्यादा आक्रामक रुख अपनाएगा। लोन लेना सस्ता होगा या फिर महंगा, RBI की MPC बैठक में तीन दिन बाद होगा फैसला यह भी पढ़ें सनद रहे कि जून में आरबीआइ ने चार वर्षो के बाद रेपो रेट को बढ़ाया था और इस बात के संकेत दिए थे कि महंगाई को लेकर हालात आने वाले दिनों में चुनौतीपूर्ण रहेंगे। हालांकि एचडीएफसी के अर्थशास्त्री अभीक बरुआ का कहना है कि एमपीसी अभी इंतजार करने के मूड में होगा और ब्याज दरों के मौजूदा स्तर को ही बनाए रखेगा।

दिग्गज सेरेना विलियम्स को मिली करियर की सबसे ‘खराब हार’

सेरेना विलियम्स को मुबाडाला सिलिकॉन वैली क्लासिक टूर्नामेंट में बेहद ‘खराब हार’ का सामना करना पड़ा. ब्रिटेन की जोहाना कोंटा ने पहले दौर के मुकाबले में सेरेना को घंटे से भी कम समय में 6-1, 6-0 से शिकस्त दी. यह अमेरिकी दिग्गज के करियर की सबसे एकतरफा हार रही.सरकार से लेकर उद्योग जगत तक और छोटे कारोबारी से लेकर आम जनता तक सभी की नजर बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) गवर्नर उर्जित पटेल की तरफ से घोषित की जाने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा पर टिकी है। बाजार में इस बात को लेकर कयासों का बाजार गरम है कि मौद्रिक नीति तय करने के लिए गठित समिति (एमपीसी) ब्याज दरों पर क्या फैसला करती है। जहां तक विशेषज्ञों का सवाल है तो वह इस पर विभाजित नजर आते हैं।   कई जानकार मानते हैं कि महंगाई के तेवर को देखते हुए रेपो रेट में 25 आधार अंकों (0.25 फीसद) की बढ़ोतरी हो सकती है जबकि कुछ विशेषज्ञ यह मानते हैं कि आर्थिक विकास दर को बनाए रखने के लिए हो सकता है कि ब्याज दरों को फिलहाल मौजूदा स्तर पर ही बनाए रखने पर सहमति बन जाए। एमपीसी सोमवार से ही मौद्रिक नीति पर बहस कर रही है। एमपीसी के प्रमुख आरबीआइ के गवर्नर हैं जो बुधवार को फैसले का एलान करेंगे। कोटक इक्विटीज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित के मुताबिक महंगाई के तेवर को देखते हुए रेपो रेट में 25 आधार अंकों की वृद्धि संभव है। महंगाई की दर लगातार चार फीसद से ऊपर यानी पांच फीसद के करीब बनी हुई है।   MPC बैठक में कर्ज का महंगा होना तय, महंगे पेट्रोल-डीजल से फिलहाल राहत नहीं यह भी पढ़ें मध्यवर्ती उत्पादों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है जिसका असर आने वाले दिनों में तैयार उत्पादों की कीमतों पर दिखाई दे सकता है। इसके साथ ही भारतीय रुपये को लेकर चिंता भी लगातार बनी हुई है। इसके अलावा एक अन्य कारण तमाम फसलों के एमएसपी में वृद्धि का फैसला भी है जो आगे चलकर महंगाई को और हवा दे सकती है।  एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख अर्थशास्त्री धनंजय सिन्हा भी मानते हैं कि रेपो रेट में 0.25 फीसद की वृद्धि होगी। वाणिज्यिक बैंक रेपो रेट पर ही अल्पावधि जरूरतों के लिए आरबीआइ से कर्ज लेते हैं। रेपो रेट अभी 6.25 फीसद है जो बढ़कर 6.5 फीसद हो सकती है। उनका यह भी मानना है कि वित्त वर्ष के शेष महीनों में रेपो रेट में 50 आधार अंकों यानी 0.50 फीसद की वृद्धि संभव है। एक तरह से बुधवार को मौद्रिक नीति से यह साफ हो जाएगा कि ब्याज दरों को लेकर आरबीआइ अब तटस्थ की भूमिका में नहीं रहेगा बल्कि महंगाई को थामने के लिए वह ज्यादा आक्रामक रुख अपनाएगा।   लोन लेना सस्ता होगा या फिर महंगा, RBI की MPC बैठक में तीन दिन बाद होगा फैसला यह भी पढ़ें सनद रहे कि जून में आरबीआइ ने चार वर्षो के बाद रेपो रेट को बढ़ाया था और इस बात के संकेत दिए थे कि महंगाई को लेकर हालात आने वाले दिनों में चुनौतीपूर्ण रहेंगे। हालांकि एचडीएफसी के अर्थशास्त्री अभीक बरुआ का कहना है कि एमपीसी अभी इंतजार करने के मूड में होगा और ब्याज दरों के मौजूदा स्तर को ही बनाए रखेगा।

सेरेना ने इससे पहले अपने करियर में कभी भी एक ही गेम नहीं जीता था. उन्होंने 2014 में सिंगापुर में डब्ल्यूटीए फाइनल्स में दो गेम जीते थे, जब वह सिमोना हालेप से 6-0, 6-2 से हार गई थी.

सेरेना यहां तीन बार की चैंपियन रही हैं. बेटी को जन्म देने के बाद वह पांचवां टूर्नामेंट खेल रही थीं. विंबलडन में एंजेलिक कर्बर से हारने के बाद यह उनका पहला मैच था.

हार के बाद सेरेना ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उसने (जोहाना कोंटा ने) दूसरे सेट में बेहतर खेला. मैं पहले सेट में बिल्कुल तेज नहीं थी और इसी वजह उसे आत्मविश्वास मिला और वह मुझसे आगे निकलती चली गई.

23 बार की सिंगल्स ग्रैंड स्लैम विजेता सेरेना विलियम्स अब मॉन्ट्रियल में 6 अगस्त से शुरू हो रहे रोजर्स कप में खेलेंगी.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com