इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में कार्यरत सभी सेवाओं के संभवत: सभी शीर्ष अधिकारी लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. असल में अफसरों को निमंत्रण के साथ ही यह साफ चेतावनी भी दी गई है कि इस कार्यक्रम में न आने की चूक को गंभीरता से लिया जाएगा. गौरतलब है कि हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में आयोजित समारोह में पीएम राष्ट्र को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम में सभी मंत्री, शीर्ष राजनीतिक नेता, सेनाओं के प्रमुख, विभिन्न देशों के राजदूत और उच्चायुक्त उपस्थ‍ित होते हैं. इसमें शीर्ष अफसरों को भी निमंत्रण भेजा जाता है और यह अपेक्षा की जाती है कि वे इसमें उपस्थ‍ित रहेंगे. कैबिनेट सेक्रेटरी द्वारा 1 अगस्त, 2018 को जारी विभागीय आदेश के मुताबिक 3 अगस्त को जारी एक ऑफिस मेमोरंडम में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन वाले 15 अगस्त के समारोह के महत्व को देखते हुए सभी आमंत्रित अधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वे समारोह में शामिल हों. इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह में कम उपस्थति से बचने के लिए कैबिनेट सचिवालय द्वारा यह सलाह दी गई है कि सभी आमंत्रित अधिकारी समारोह में शामिल हों और उन्हें चेतावनी भी दी जाए कि उनकी अनुपस्थ‍िति को गंभीरता से लिया जाएगा.' इस बार पीएम मोदी का यह अपने कार्यकाल का अंतिम बार 15 अगस्त को संबोधन होगा. अगर वह 2019 के चुनाव में जीतते हैं तो उसके बाद फिर 15 अगस्त, 2019 को उनका संबोधन होगा. सूत्रों के मुताबिक इस बार के संबोधन में पीएम मोदी अपने अब तक के पूरे कार्यकाल की उपलब्ध‍ियां गिना सकते हैं और भविष्य की योजना पेश कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि अफसर भी इससे तालमेल बना पाएं, इसलिए उनको खास निर्देश दिया गया है कि इस बार उनकी उपस्थति अनिवार्य है. तो अफसरों को यह संकेत मिल गया है कि अगर वे नहीं पहुंचे तो किसकी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है! सभी संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के रैंक के अफसरों को निमंत्रण भेजा गया है. वैसे भी रूल बुक के मुताबिक 15 अगस्त अफसरों के लिए कोई छुट्टी का दिन नहीं होता. उन्हें अपने तैनाती वाले दफ्तर में झंडारोहण कार्यक्रम में शामिल होना होता है. यही नहीं, यदि कोई अफसर बाहर है तो उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह ज‍हां भी है, वहां के किसी स्कूल या दफ्तर में ऐसे कार्यक्रम में शामिल हो. यही नहीं, उसे इसके बारे में एक घोषणापत्र भी जमा करना होता है कि वह इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हुआ.

दिल्ली के टॉप अफसरों को सख्त निर्देश, 15 अगस्त को लाल किले पर उपस्थिति अनिवार्य

इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में कार्यरत सभी सेवाओं के संभवत: सभी शीर्ष अधिकारी लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. असल में अफसरों को निमंत्रण के साथ ही यह साफ चेतावनी भी दी गई है कि इस कार्यक्रम में न आने की चूक को गंभीरता से लिया जाएगा.इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में कार्यरत सभी सेवाओं के संभवत: सभी शीर्ष अधिकारी लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. असल में अफसरों को निमंत्रण के साथ ही यह साफ चेतावनी भी दी गई है कि इस कार्यक्रम में न आने की चूक को गंभीरता से लिया जाएगा.  गौरतलब है कि हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में आयोजित समारोह में पीएम राष्ट्र को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम में सभी मंत्री, शीर्ष राजनीतिक नेता, सेनाओं के प्रमुख, विभिन्न देशों के राजदूत और उच्चायुक्त उपस्थ‍ित होते हैं. इसमें शीर्ष अफसरों को भी निमंत्रण भेजा जाता है और यह अपेक्षा की जाती है कि वे इसमें उपस्थ‍ित रहेंगे.  कैबिनेट सेक्रेटरी द्वारा 1 अगस्त, 2018 को जारी विभागीय आदेश के मुताबिक 3 अगस्त को जारी एक ऑफिस मेमोरंडम में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन वाले 15 अगस्त के समारोह के महत्व को देखते हुए सभी आमंत्रित अधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वे समारोह में शामिल हों. इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह में कम उपस्थति से बचने के लिए कैबिनेट सचिवालय द्वारा यह सलाह दी गई है कि सभी आमंत्रित अधिकारी समारोह में शामिल हों और उन्हें चेतावनी भी दी जाए कि उनकी अनुपस्थ‍िति को गंभीरता से लिया जाएगा.'    इस बार पीएम मोदी का यह अपने कार्यकाल का अंतिम बार 15 अगस्त को संबोधन होगा. अगर वह 2019 के चुनाव में जीतते हैं तो उसके बाद फिर 15 अगस्त, 2019 को उनका संबोधन होगा. सूत्रों के मुताबिक इस बार के संबोधन में पीएम मोदी अपने अब तक के पूरे कार्यकाल की उपलब्ध‍ियां गिना सकते हैं और भविष्य की योजना पेश कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि अफसर भी इससे तालमेल बना पाएं, इसलिए उनको खास निर्देश दिया गया है कि इस बार उनकी उपस्थति अनिवार्य है.     तो अफसरों को यह संकेत मिल गया है कि अगर वे नहीं पहुंचे तो किसकी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है! सभी संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के रैंक के अफसरों को निमंत्रण भेजा गया है.  वैसे भी रूल बुक के मुताबिक 15 अगस्त अफसरों के लिए कोई छुट्टी का दिन नहीं होता. उन्हें अपने तैनाती वाले दफ्तर में झंडारोहण कार्यक्रम में शामिल होना होता है. यही नहीं, यदि कोई अफसर बाहर है तो उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह ज‍हां भी है, वहां के किसी स्कूल या दफ्तर में ऐसे कार्यक्रम में शामिल हो. यही नहीं, उसे इसके बारे में एक घोषणापत्र भी जमा करना होता है कि वह इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हुआ.

गौरतलब है कि हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में आयोजित समारोह में पीएम राष्ट्र को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम में सभी मंत्री, शीर्ष राजनीतिक नेता, सेनाओं के प्रमुख, विभिन्न देशों के राजदूत और उच्चायुक्त उपस्थ‍ित होते हैं. इसमें शीर्ष अफसरों को भी निमंत्रण भेजा जाता है और यह अपेक्षा की जाती है कि वे इसमें उपस्थ‍ित रहेंगे.

कैबिनेट सेक्रेटरी द्वारा 1 अगस्त, 2018 को जारी विभागीय आदेश के मुताबिक 3 अगस्त को जारी एक ऑफिस मेमोरंडम में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन वाले 15 अगस्त के समारोह के महत्व को देखते हुए सभी आमंत्रित अधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वे समारोह में शामिल हों. इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह में कम उपस्थति से बचने के लिए कैबिनेट सचिवालय द्वारा यह सलाह दी गई है कि सभी आमंत्रित अधिकारी समारोह में शामिल हों और उन्हें चेतावनी भी दी जाए कि उनकी अनुपस्थ‍िति को गंभीरता से लिया जाएगा.’  

इस बार पीएम मोदी का यह अपने कार्यकाल का अंतिम बार 15 अगस्त को संबोधन होगा. अगर वह 2019 के चुनाव में जीतते हैं तो उसके बाद फिर 15 अगस्त, 2019 को उनका संबोधन होगा. सूत्रों के मुताबिक इस बार के संबोधन में पीएम मोदी अपने अब तक के पूरे कार्यकाल की उपलब्ध‍ियां गिना सकते हैं और भविष्य की योजना पेश कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि अफसर भी इससे तालमेल बना पाएं, इसलिए उनको खास निर्देश दिया गया है कि इस बार उनकी उपस्थति अनिवार्य है.

तो अफसरों को यह संकेत मिल गया है कि अगर वे नहीं पहुंचे तो किसकी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है! सभी संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के रैंक के अफसरों को निमंत्रण भेजा गया है.

वैसे भी रूल बुक के मुताबिक 15 अगस्त अफसरों के लिए कोई छुट्टी का दिन नहीं होता. उन्हें अपने तैनाती वाले दफ्तर में झंडारोहण कार्यक्रम में शामिल होना होता है. यही नहीं, यदि कोई अफसर बाहर है तो उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह ज‍हां भी है, वहां के किसी स्कूल या दफ्तर में ऐसे कार्यक्रम में शामिल हो. यही नहीं, उसे इसके बारे में एक घोषणापत्र भी जमा करना होता है कि वह इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हुआ.

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