दिल्ली सरकार के लिए गले की फांस बना CS पिटाई मामला…

मुख्यमंत्री आवास पर इसी साल 19 फरवरी की आधी रात को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की पिटाई का मामला दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के लिए गले की फांस बन चुका है। इस प्रकरण से बाहर निकल पाना AAP की सरकार के लिए बेहद मुश्किल दिखाई दे रहा है। दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल से पूछताछ के बाद कैबिनेट में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से उत्तरी जिला पुलिस शुक्रवार शाम 4.30 बजे मथुरा रोड स्थित उनके आवास पर पूछताछ करेगी। 

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी व मारपीट मामले में बुधवार को ही पुलिस ने उन्हें पूछताछ के संबंध में नोटिस भेजा था। उसी दिन देर शाम सिसोदिया ने पुलिस के नोटिस का जवाब देते हुए शुक्रवार शाम 4.30 बजे अपने घर पर मौजूद रहने की बात कही है।

उत्तरी जिले के एडिशनल डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सिसोदिया से पूछताछ के दौरान पुलिस वीडियो रिकार्डिंग कराएगी, लेकिन इसकी सीडी उन्हें नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस बैठक में मुख्य सचिव के साथ मारपीट हुई थी, उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ सिसोदिया भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के सामने बैठक में मौजूद AAP के विधायकों ने मुख्य सचिव के साथ बदसुलूकी व मारपीट की थी। इसलिए इस मामले में सिसोदिया से भी पूछताछ जरूरी है। गत 18 मई को उत्तरी जिला पुलिस ने इस मामले में केजरीवाल से भी पूछताछ की थी। 

पढ़ें क्या है मामला

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि उन्हें 19 फरवरी की आधी रात 12 बजे अरविंद केजरीवाल के घर मीटिंग के लिए बुलाकर पीटा गया था। अंशु ने इसकी पुलिस में शिकायत भी की है। ज्ञात हो कि 19 फरवरी की आधी रात 12 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को बुलाया गया था। वहां पहले से एक कमरे में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया AAP के 11 विधायक व मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे वीके जैन भी मौजूद थे।

मुख्य सचिव का आरोप है कि बैठक में AAP विधायकों ने उनके साथ बदसुलूकी व मारपीट की थी। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने साथ पिटाई होने का भी आरोप लगाया था।मुख्य सचिव की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर के बाद AAP के दो विधायक (अमानतुल्ला खान और प्रकाश जा रवाल) को गिरफ्तार भी किया था, हालांकि अब वे जमानत पर हैं।

 

इस घटना के बाद से दिल्ली में केजरीवाल सरकार और आईएएस असोसिएशन के बीच ठनी गई थी। AAP का कहना है कि उस रात तीखी बहस जरूर हुई थी, लेकिन मारपीट की बात गलत है। वहीं केजरीवाल के सलाहकार वी के जैन कह चुके हैं कि उन्होंने अंशु गुप्ता के साथ होती मारपीट को अपनी आंखों से देखा था।

वीके जैन का बयान अहम

पुलिस का कहना है कि मजिस्ट्रेट के सामने बयान कराने पर पुलिस के पूछताछ वाले तथ्य का कोई वजूद नहीं होता है। उसे केस के सबूत के तौर पर नहीं लिया जाता है। पुलिस को अगर लगता है कि घटना का कोई चश्मदीद जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, सच्चाई नहीं बता रहा है तब मजिस्ट्रेट के सामने उनका बयान करवा दिया जाता है। उन्होंने मुख्य सचिव को अमानतुल्लाह व प्रकाश जारवाल द्वारा गले को दबाकर सात थप्पड़ व घूसे मारने की बात कही। वीके जैन का बयान आरोपियों को सजा दिलाने के लिए काफी होगा।

प्रोटोकॉल का हुआ उल्लंघन

प्रोटोकॉल है कि मुख्य सचिव से केवल मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ही पूछताछ कर सकते हैं, उन्हें बैठक के लिए बुला सकते हैं। लेकिन मुख्य सचिव को बुलाने के बाद केजरीवाल ने उन्हें कहा कि वे विधायकों के सवाल का जवाब दें। विधायक उनसे कुछ सवाल कर रहे हैं। ऐसा करना नियम के खिलाफ है। उन्हें दो विधायकों के बीच सोफे पर बैठाना भी गलत था।

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