न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इस याचिका का समर्थन किया और कहा कि 11 नवंबर 2016 के आदेश को बहाल किया जाना चाहिए और दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के प्रयोग पर पाबंदी लगनी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने इस आदेश के जरिए सभी लाइसेंसों को निलंबित कर दिया था, जो एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की थोक और खुदरा बिक्री की अनुमति देते थे। शीर्ष अदालत ने इस साल 12 सितंबर को पिछले आदेश को अस्थायी रूप से वापस लिया था और पटाखों की बिक्री की अनुमति दी थी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अर्जुन गोपाल की ओर से पेश अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने पीठ को बताया कि पटाखों के प्रयोग पर लगी पाबंदी का आदेश फिर से दिया जाना चाहिए, क्योंकि एनसीआर में पिछले साल दिवाली के दौरान और इसके बाद वायु प्रदूषण में बहुत बढ़ोत्तरी हुई थी।
उन्होंने कहा कि पिछली दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी कई कारणों से हुई, जिसमें बड़े पैमाने पर पटाखों का प्रयोग शामिल है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पेश अधिवक्ता विजय पंजवानी ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के अनुरोध का समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं याचिकाकर्ता का विरोध नहीं कर रहा हूं। 11 नवंबर 2016 का आदेश बहाल होना चाहिए।’