नक्षत्र बताते हैं आपका भविष्य: ज्योतिष और कुंडली

#tosnews नक्षत्र बताते हैं आपका भविष्य: ज्योतिष और कुंडली

#tosnews व्यक्ति के जीवन से मरण तक का सारा लेखा-जोखा उसका नक्षत्र बताता है। नक्षत्र आपके जन्म कुंडली के साथ ही शुरू हो जाता है। आप किस नक्षत्र में पैदा हुए हैं इसके आधार पर आपका स्वभाव कैसा होगा, आपका कैरियर कैसा होगा, आप क्या करेंगे, क्या करने की इच्छा रखेंगे या आप कहां तक कितनी ऊंचाई तक जाएंगे, नक्षत्र सारा कुछ बताता है। कुल मिलाकर ज्योतिष के मुताबिक नक्षत्र आपका कल बताता है। ज्योतिषाचार्य पंडित राज नारायण पांडे बताते हैं कि नक्षत्र व्यक्ति के जीवन से शुरू होकर मरण तक के साथ देता है। तो चलिए जानते हैं आज नक्षत्रों के बारे में –

#tosnews नक्षत्र कितने तरह के होते हैं –

हमारे आकाश मंडल में स्थित कुछ खास तरह के तारों को नक्षत्र बोला जाता है। यह नक्षत्र कुल 27 प्रकार के होते हैं और उन्हें सभी 27 नक्षत्र जैसे कि अश्विन, भरणी, कृतिका, रोहणी, मृगशिरा, आगरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती शामिल हैं।

#tosnews दक्ष की पुत्रियां थीं 27 नक्षत्र –

27 नक्षत्रों की पहचान सबसे पहले दक्ष प्रजापति से होती है। बता दें कि दक्ष की 27 बेटियों के तौर पर नक्षत्र की पहचान होती है। दक्ष ने अपनी बेटियों का विवाह चंद्रमा से किया था। उन सभी में से चंद्रमा को रोहिणी सबसे ज्यादा प्रिय थीं। इसी वजह से उन्हें दक्ष के दिए शाप का सामना भी करना पड़ा था।

#tosnews क्या कहते हैं ज्योतिष शास्त्र –

ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो नक्षत्रों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। चंद्रमाइन 27 नक्षत्रों में एक-एक करके गुजरता है और चंद्रमा जिस दिन जिस नक्षत्र में गोचर करता है उस दिन वही नक्षत्र होता है। बच्चे का जब जन्म होता है तो नक्षत्रों के अनुसार ही नामाक्षर और राशि तय की जाती है। आपको यह भी बता दें कि हर नक्षत्र का एक स्वामी ग्रह भी होता है।

#tosnews किस नक्षत्र का कौन होता है स्वामी ग्रह –

सूर्य : कार्तिक,, उत्तराफाल्गुनी,, उत्तराषाढ़ा

चंद्र : रोहणी, हस्त, श्रवण

मंगल : मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा

बुध : आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती

बृहस्पति : पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपद

शुक्र : भरनी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा

शनि : पूर्वा, अनुराधा,, उत्तराभाद्रपद

राहु : आद्रा, स्वाति, शतभिषा

केतु : आश्विन, मघा, मूल

#tosnews इसी तरह से आपके नक्षत्रों के मुताबिक ही आपका जीवन राशि भी जुड़ा होता है। जीवन का चक्र आपके नक्षत्रों पर ही घूमता रहता है। ज्योतिषाचार्य पंडित राजनारायण बताते हैं कि नक्षत्र व्यक्ति का आधार होता है।

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