‘नसीमुद्दीन सिर्फ कैशियर, दलित वोटों की असली सौदागर तो हैं मायावती’

दलितों वोटों की असली सौदागर तो स्वयं बसपा सुप्रीमो मायावती हैं। पार्टी से निष्कासित महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी तो महज कैशियर की भूमिका निभा रहे थे। ये बातें भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने यहां बुधवार को कही।ये भी पढ़े: बड़़ी खबर :माया ने नसीमुद्दीन व उनके बेटे को पार्टी से किया बाहर, लगा रुपये वसूलने का आरोप!

त्रिपाठी ने कहा, विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से बसपा में रार मची हुई है। मायावती हार के कारणों को स्वीकार करने के बजाय इसका ठीकरा कभी ईवीएम पर फोड़ती हैं, तो कभी अपनी पार्टी के किसी नेता पर संगीन आरोप लगाती हैं।

साथ ही उन्होंने कहा, बसपा सुप्रीमो यह बताएं कि सिद्दीकी ने चुनावों में किसके कहने पर धन उगाही की और उसे कहां-कहां पहुंचाया। सिद्दीकी तो महज मुहर हैं।

नोटबंदी के दौरान मायावती की छटपटाहट से हुआ

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, नोटबंदी के दौरान जिस तरह से बसपा सुप्रीमो की छटपटाहट दिखी थी, वह नोटों के प्रति उनको प्रेम को दर्शा रही थी।

नसीमुद्दीन ने भाजपा सरकार की मौजूदा मंत्री स्वाति सिंह व उनकी बेटी पर जब अभद्र टिप्पणी की थी, तभी बसपा ने उनके निष्कासन की कार्रवाई की होती तो जनता बसपा का ये हश्र नहीं करती।

मायावती एक ओर आरोप लगाकर सिद्दीकी को बसपा से निकाल रही हैं। तो दूसरी ओर आरोपों से घिरे अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी में ऊंचे ओहदे दे रही हैं।

बसपा भ्रष्टाचार की पोषक है। उसके द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाना हास्यास्पद है।

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