नायडू ने की मांग, आपातकाल को जानें आज के युवा, स्कूलों में पढ़ाया जाए

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में आपातकाल को सबसे काला अध्याय करार देते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने इसे एक अध्याय के रूप में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर जोर दिया. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, आपातकाल ने एक पीढ़ी के मन में ऐतिहासिक छाप छोड़ी है जिसके बारे में जानने को लेकर आज भी उत्सुकता होती है.

नायडू ने की मांग, आपातकाल को जानें आज के युवा, स्कूलों में पढ़ाया जाए

यह आज की युवा पीढ़ियों को बमुश्किल ही याद होगा और उनमें से कुछ उस काल के जख्म और यातना की कहानियों को पढ़ सकते हैं. हालांकि चार दशक बीत गए, लेकिन आपातकाल को लोग नहीं भूले और इसे ना ही भुलाया जाना चाहिए और न ही इसे माफ किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आपातकाल पर एक अध्याय स्कूल के पाठ्यक्रमों में शामिल होना चाहिए ताकि आज की युवा पीढ़ी इसके बारे में जान सके.

25 जून को आपातकाल को 42 साल भी पूरे हुए थे तो इस अवसर पर पीएम ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उस दौर को याद करते हुए कांग्रेस पर बिना नाम लिए निशाना साधा. मोदी ने आपातकाल की भयावहता को दर्शाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उस कविता का जिक्र किया जो उन्होंने आपालकाल के एक साल पूरा होने पर जेल में लिखी थी. पीएम मोदी ने आपातकाल को याद करते हुए कहा कि इन दिनों मन की बात में लगातार जनता की ओर से सुझाव आते रहते हैं. प्रकाश त्रिपाठी ने इमरजेंसी को याद करते हुए मुझे लिखा है कि 25 जून लोकतंत्र के इतिहास में काले कालखंड के रूप में याद किया जाता है. मोदी ने कहा कि लोकतंत्र एक व्यवस्था ही नहीं बल्कि संस्कार भी है.

मोदी ने कहा कि 1975 में 25 जून ऐसी काली रात थी जो कोई भारतवासी भुला नहीं सकता है. तब देश को जेल में बदल दिया गया था और विरोधी स्वर को दबा दिया गया था. न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के भयावह रूप से बच नहीं पाई थी. अखबारों को तो बेकार कर दिया गया था. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी भी जेल में थे, एक वर्ष पूरे होने पर उन्होंने एक कविता लिखी थी.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com