निपाह वायरस से लखनऊ में मचा हडकंप, सीधे फेफड़ों व तंत्रिका तंत्र पर करता है अटैक

निपाह वायरस से लखनऊ में मचा हडकंप, सीधे फेफड़ों व तंत्रिका तंत्र पर करता है अटैक

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से कई मौतों की खबर से देशभर में भय का महौल है। दहशत जब लखनऊ तक पहुंची तो केजीएमयू ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि डरने नहीं बल्कि सावधानी की जरूरत है।निपाह वायरस से लखनऊ में मचा हडकंप, सीधे फेफड़ों व तंत्रिका तंत्र पर करता है अटैक

 

पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ. वेद प्रकाश ने मंगलवार को इस संबंध में प्रेस वार्ता कर निपाह वायरस के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि निपाह वायरस नया उभरता हुआ संक्रमण है। यह वायरस सीधे फेफड़े व तंत्रिका तंत्र पर अटैक करता है। अधिकतर मरीजों की मौत फेफड़े की कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ने से होती है।

इसके अलावा कुछ लोग इंसेफ्लाइटिस की चपेट में आ जाते हैं। इस वायरस की चपेट में आने के बाद बहुत से मरीजों को इलाज के दौरान आईसीयू व वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है। निपाह वायरस चमगादड़ से होता है। सूअर व पालतू जानवर मनुष्यों में बीमारी फैलने के बीच की कड़ी है। यह वायरस पहली बार मलेशिया के निपाह में 1998 में फैला था।

वहीं, भारत में पहली बार 2001 में पश्चिम बंगाल में यह बीमारी फैली थी। इसके अलावा 2001 में ही बांग्ला देश में हपाम ट्री से बनी शराब के पीने से फैली थी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक मरीज से दूसरे मरीज में फैल सकती है। इस बीमारी से संक्रमित मरीजों 40 से 75 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है।

रखें ध्यान
खजूर व नारियल का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करें।
कटे फ ल के सेवन से बचना चाहिए।

ये लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाएं

– इस वायरस का असर 5 से 14 दिन का होता है।
– सर्दी-जुखाम, बदन दर्द, सिर दर्द, उल्टी आना, पेद दर्द, खांसी आना, अचानक सांस फूलना, चक्कर आना, झटके आना
– बेहोशी आना, कोमा में जाना

क्या करें और क्या नहीं
– खाने की वस्तुएं चमगादड़ से संक्रमित न हों
– नारियल से बनने वाली चीजों से परहेज करें
– हाथ अच्छे से धोएं और बीमार मरीज से दूर रहें
– बीमार मरीज के बिस्तर व बर्तन, कपड़े अलग रखें
– बीमारी से मृत व्यक्ति के शव को छूने में सावधानी रखें

दहशत में कतई न आएं, डॉक्टर की सलाह मानें

राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय, सदर में तैनात सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. जीएस तिवारी कहते हैं कि डर फैलाने से बचें। सर्दी-जुकाम को डेंगू की तरह निपाह वायरस का प्रकोप मानने की गलती न करें।

आमतौर पर यदि सर्दी-जुकाम-बुखार या किसी तरह की कोई दिक्कत ज्यादा दिन तक रहे तो डॉक्टर से संपर्क करें, उनकी सलाह मानें। व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है। हाथ को धोते रहें और फल-सब्जियां ठीक तरीके से धोकर ही खाएं।

 
 
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