'पद्मावती' विवाद पर दीपिका ने दिया बड़ा बयान, कहा- कैसे मान लें कि हमने गलत फिल्म बनाई

‘पद्मावती’ विवाद पर दीपिका ने दिया बड़ा बयान, कहा- कैसे मान लें कि हमने गलत फिल्म बनाई

फिजा में ‘पद्मावती’ का विरोध है और इसलिए कई बातें दीपिका पादुकोण के होंठों तक आकर रुक जाती हैं। किसी ने उनकी नागरिकता पर सवाल उठाया, तो कहीं से नाक काट लेने की धमकी आई है। वह चाहती हैं लोग पहले फिल्म देखें, फिर कुछ कहें। इसी महीने उन्हें बॉलीवुड में 10 वर्ष भी पूरे हुए। ‘पद्मावती’ और अपने फिल्मी सफर पर दीपिका पादुकोण ने की से विशेष बातचीत…'पद्मावती' विवाद पर दीपिका ने दिया बड़ा बयान, कहा- कैसे मान लें कि हमने गलत फिल्म बनाई अभी-अभी: 700 साल बाद आया पद्मिनी का वंशज, और किये बड़े खुलासे…

हर तरफ विरोध के स्वर हैं। आपकी मनोदशा क्या है?
स्टेट ऑफ माइंड तो यही है कि हम लोग एक्साइटेड हैं। चाहते हैं कि लोगों को जल्दी से जल्दी फिल्म दिखाएं। हमें पूरा विश्वास है कि दर्शक जब फिल्म देखेंगे, तो उन्हें बहुत अच्छा लगेगा। वे गर्व महसूस करेंगे।

विरोध और यह शोर क्या बिल्कुल प्रभावित नहीं करते?
कहीं न कहीं थोड़ा बुरा तो लगता है। दुख होता है। दर्द होता है। दो साल हमने सच्चाई और लगन से काम किया। यही चाहते हैं कि फिल्म अच्छे से रिलीज हो।

‘पद्मावती’ की कहानी तमाम जगहों पर श्रद्धा-आस्था से जुड़ी है। कई लोगों को लगता है फिल्म से इन्हें ठेस पहुंचेगी?
लोगों को यह लगता है, विश्वास से तो नहीं कह सकते ना! जब तक फिल्म रिलीज नहीं होगी, उसके बारे में विश्वास से कैसे कह पाएंगे। किसे पता कि हमने क्या फिल्म बनाई है?

सुब्रमण्यम स्वामी ने आपकी नागरिकता पर सवाल उठाया। क्या हमले व्यक्तिगत नहीं हो गए?
नहीं। बिल्कुल नहीं।

‘शाहिद ने बहुत अच्छे ढंग से परफॉर्म किया है’ 

संजय लीला भंसाली ने कब यह फिल्म आपको ऑफर की?
‘बाजीराव मस्तानी’ की शूटिंग के दौरान एक दिन मॉनीटर के सामने हम लोग बैठे थे और उन्होंने कहा कि मैं अगली फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर बनाना चाहता हूं। मैं बहुत खुश हुई। उस वक्त पद्मावती के बारे में मैं उतना ही जानती थी जितना स्कूल की किताबों में पढ़ा था। शूटिंग के दौरान, तो हम मस्तानी पर फोकस रह थेे, लेकिन इसकी रिलीज के आठ-दस दिन बाद जब मैं उनके ऑफिस गई, तब पता चला कि ‘पद्मावती’ सचमुच बन रही है।
‘पद्मावती’ की कास्टिंग चर्चा में रही। राजा रतन सिंह के रोल के लिए कहा गया कि दीपिका ए-लिस्ट एक्टर के साथ ही काम करेंगी, इसलिए दो नए/छोटे एक्टर्स को खारिज किया गया। तब शाहिद कपूर फिल्म में आए?
इस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगी, क्योंकि चर्चाएं होती रहती हैं। यही कहूंगी कि शाहिद ने फिल्म में जो किया, वह बहुत सही है। राजा के रूप-रंग, चाल-ढाल को शाहिद ने बहुत अच्छे ढंग से परफॉर्म किया है।
‘पद्मावती’ में आपको रणवीर सिंह और शाहिद से ज्यादा फीस मिली। आप खुल कर यह कहें तो इंडस्ट्री में हीरोइनों को हीरो के बराबर फीस वाले मामले को बल मिलेगा?
मुझे बराबर फीस मिल रही है और इसलिए मैं खुश हूं। बहुत सालों बाद ऐसा हुआ है। मैं खुश हूं कि इस बराबरी के लिए मुझे संघर्ष नहीं करना पड़ रहा। निर्माताओं को लगता है कि मैं इसके काबिल हूं। मैंने हमेशा कहा कि एक्टर-एक्ट्रेसेज को वह मिलना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं। ‘पद्मावती’ हमारे सिनेमा की सबसे महंगी फिल्मों में से एक है और नायिका की कहानी होते हुए इसे ऐसा भव्य बजट मिलना, अपने आप में उपलब्धि है। सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि सारी नायिकाओं के लिए।

‘मीडिया और दर्शकों का सपोर्ट सिस्टम मेरे साथ’ 

ऐसी उपलब्धि एक्टर के रूप में आपमें क्या परिवर्तन लाती है?
मैं इससे और अच्छा काम करने के लिए प्रेरित होती हूं। मुझे महसूस होता है कि मीडिया और दर्शकों का सपोर्ट सिस्टम मेरे साथ है। मैं और रिस्क ले सकती हूं। काम पर पूरा फोकस कर सकती हूं।
आप किस तरह की रिस्क की बात कह रही हैं?
नए डायरेक्टर्स, स्क्रिप्ट और राइटर्स का रिस्क। ऐसा नहीं कि मैं जमे हुए डायरेक्टर्स के ही साथ या लव स्टोरीज ही करना चाहती हूं। ‘ओम शांति ओम’ से लेकर आज तक मेरी फिल्मोग्राफी देखें, तो मैंने हमेशा कुछ अलग करने की कोशिश की और किया भी। ‘पीकू’ जैसी फिल्म को कई एक्ट्रेसेज ने मना कर दिया था। आगे भी चैलेंजिंग रोल करना चाहती हूं। कुछ लोगों को लगता है कि मैं लगातार ही कुछ ज्यादा चैलेंजिंग चीजें कर रही हूं, कुछ सिंपल चीजें करना चाहिए।
ये लोग कौन हैं?
दोस्त और परिवार के लोग। वे चाहते हैं कि अब मैं एक सरल फिल्म करूं, जो मुझे भावनात्मक रूप से निचोड़ न दे।
इस महीने आपको फिल्म इंडस्ट्री में दस साल पूरे हुए। व्यक्तिगत रूप से इन दस वर्षों ने आपको किस तरह बदला?
मैं इंडस्ट्री से नहीं थी। फिल्म मेकिंग की जानकारी नहीं थी। ‘ओम शांति ओम’ में पहली बार किसी फिल्म के सेट पर गई थी। उसके बाद, जो भी उतार-चढ़ाव आए, जो भी मैंने अनुभव किया, उसने मुझे बहुत कुछ सिखाया।

‘मेरा पूरा सफर ही शानदार है’

इन दस वर्षों के कुछ हाई प्वाइंट?
मेरी डेब्यू फिल्म ‘ओम शांति ओम’, जिसमें मुझे इतनी अच्छी तरह से पेश किया गया था, वह भी डबल रोल में। उसी की वजह से ‘ये जवानी है दीवानी’, ‘पीकू’ और ‘पद्मावती’ जैसी फिल्में कर रही हूं।
बराबर फीस का मामला, जैसा आपने कहा। तब एक्ट्रेस को कैसे प्रेजेंट किया जाता था और अब जो रिस्पेक्ट और रोल मुझे मिल रहे हैं, यह पूरा सफर ही शानदार है।
यह तो बता ही सकती हैं कि पहली फिल्म के लिए कितनी फीस मिली थी?
उस वक्त मेरे लिए पैसा अहम नहीं था, क्योंकि डेब्यू शाहरुख खान के साथ था! मैं कॉलेज से निकली ही थी और फराह खान ने मुझे वह फिल्म दी। मैं एक अलग एक्साइटमेंट में थी। ईमानदारी से मुझे फीस याद नहीं लेकिन हां, मुझे याद है कि मेरे पहले फैशन शो के लिए मुझे तीन हजार रुपये फीस मिली थी, बंगलुरू में।
‘पद्मावती’ के बाद कौन सी फिल्म?
निर्देशक हनी त्रेहान के साथ माफिया वर्ल्ड की कहानी है। सच्ची घटना पर आधारित। इरफान को-स्टार हैं।
-सोशल मीडिया में आप अपनी खूबसूरत तस्वीरें डालती हैं, परंतु कई बार ट्रोल हो जाती हैं। ट्रोल्स से क्या कहेंगी?
यही कहूंगी कि लिव, लव एंड लाफ।

विदेशी कनेक्शन

दीपिका का जन्म डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में पांच जनवरी 1985 को हुआ। उन दिनों उनके बैडमिंटन स्टार पिता प्रकाश पादुकोण परिवार के साथ विश्वस्तरीय ट्रेनिंग के लिए वहां थे।

दीपिका समेत बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियां विदेश में जन्मी हैं। कैटरीना कैफ (हॉन्ग-कॉन्ग), सनी लियोनी (कनाडा), जैकलीन फर्नांडिस (बहरीन), नरगिस फाखरी (अमेरिका), एमी जैक्सन (ब्रिटेन), एवलिन शर्मा (जर्मनी) इस सूची में शामिल हैं।

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