ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी अगले महीने चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को यहां बताया कि रूहानी नौ और दस जून को किंगदाओ शहर में राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात करेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी अगले महीने चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को यहां बताया कि रूहानी नौ और दस जून को किंगदाओ शहर में राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात करेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।  वांग ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया की एससीओ सम्मेलन के एजेंडे में ईरान परमाणु समझौता भी शामिल है या नहीं। चीन, ईरान का प्रमुख व्यापारिक साझीदार है। ईरान से सबसे ज्यादा तेल चीन ही खरीदता है। चीन ने संकेत दिया है कि वह ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों की परवाह नहीं करेगा और ईरान से व्यापार जारी रखेगा।  यदि अमेरिका ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए तो उसकी कंपनियों को ईरान से अपना कारोबार समेटना होगा। संभावना जताई जा रही है कि इसकी भरपाई चीनी कंपनियां कर सकती हैं। गत आठ मई को अमेरिका ने 2015 में हुए ऐतिहासिक ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था और नए प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। प्रतिबंधों से ना केवल ईरान बल्कि यूरोपीय देशों और रूस की कई कंपनियां को भी भारी नुकसान होगा।

वांग ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया की एससीओ सम्मेलन के एजेंडे में ईरान परमाणु समझौता भी शामिल है या नहीं। चीन, ईरान का प्रमुख व्यापारिक साझीदार है। ईरान से सबसे ज्यादा तेल चीन ही खरीदता है। चीन ने संकेत दिया है कि वह ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों की परवाह नहीं करेगा और ईरान से व्यापार जारी रखेगा।

यदि अमेरिका ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए तो उसकी कंपनियों को ईरान से अपना कारोबार समेटना होगा। संभावना जताई जा रही है कि इसकी भरपाई चीनी कंपनियां कर सकती हैं। गत आठ मई को अमेरिका ने 2015 में हुए ऐतिहासिक ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था और नए प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। प्रतिबंधों से ना केवल ईरान बल्कि यूरोपीय देशों और रूस की कई कंपनियां को भी भारी नुकसान होगा।