देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय विदेशी दौरे पर है. आज वे इंग्लैंड के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में भारतीय समुदाय के लोगों को सम्बोधित कर रहे है. ब्रिटेन के अपने इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी पहली बार भारतीय मूल के लोगों को सम्बोधित कर रहे है. अपने सम्बोधन के दौरान मोदी ने कई उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही उन्होंने अपनी गरीबी के दिनों को भी याद किया. उन्होंने गरीबी के बारे में कहा कि गरीबी क्या होती है इससे मैं भलीभांति परिचित हूँ. बलात्कार के मुद्दों पर पीएम मोदी ने कहा कि इससे बढ़कर दूसरा कोई अपराध नही. पीएम मोदी ने हर माता-पिता को सीख देते हुए कहा कि हम अक्सर अपनी बेटी से पूछते रहे है कि कहां गई थी. या बच्ची अगर फ़ोन पर बात करें तो हम उसका फ़ोन छीन लेते है. लेकिन कभी बेटे से भी तो पूछे कि वो कहां गया था. आपको बता दे कि पीएम मोदी आज भारतीय समुदाय को जिस हॉल से सम्बोधित कर रहे है. उसी हॉल से उनसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, दलाई लामा और प्रिंसेस डाइना भी लोगों को सम्बोधित कर चुके हैं. इस पूरे इवेंट का नाम 'भारत की बात, सबके साथ' रखा. गीतकार प्रसून जोशी के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि 'रेलवे स्‍टेशन मेरे संघर्ष का गवाह, रेलवे स्‍टेशन पर रहकर मैंने जूझना सीखा.' मोदी ने कहा कि आप मुझे अलग न समझे. आप मुझे अपना ही समझे. उन्होंने कहा कि मैं वही हूँ, जो आप हैं. अपने शिक्षकों का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ. उन्होंने मेरे भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम ही हमारी पूंजी हैं. उन्होंने कहा मैं ठोकरे खाकर यहां पहुंचा हूँ.

पीएम मोदी: मैं ठोकरे खाकर यहां पहुंचा हूँ

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय विदेशी दौरे पर है. आज वे इंग्लैंड के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में भारतीय समुदाय के लोगों को सम्बोधित कर रहे है. ब्रिटेन के अपने इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी पहली बार भारतीय मूल के लोगों को सम्बोधित कर रहे है. अपने सम्बोधन के दौरान मोदी ने कई उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही उन्होंने अपनी गरीबी के दिनों को भी याद किया. उन्होंने गरीबी के बारे में कहा कि गरीबी क्या होती है इससे मैं भलीभांति परिचित हूँ. बलात्कार के मुद्दों पर पीएम मोदी ने कहा कि इससे बढ़कर दूसरा कोई अपराध नही. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय विदेशी दौरे पर है. आज वे इंग्लैंड के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में भारतीय समुदाय के लोगों को सम्बोधित कर रहे है. ब्रिटेन के अपने इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी पहली बार भारतीय मूल के लोगों को सम्बोधित कर रहे है. अपने सम्बोधन के दौरान मोदी ने कई उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही उन्होंने अपनी गरीबी के दिनों को भी याद किया. उन्होंने गरीबी के बारे में कहा कि गरीबी क्या होती है इससे मैं भलीभांति परिचित हूँ. बलात्कार के मुद्दों पर पीएम मोदी ने कहा कि इससे बढ़कर दूसरा कोई अपराध नही. पीएम मोदी ने हर माता-पिता को सीख देते हुए कहा कि हम अक्सर अपनी बेटी से पूछते रहे है कि कहां गई थी. या बच्ची अगर फ़ोन पर बात करें तो हम उसका फ़ोन छीन लेते है. लेकिन कभी बेटे से भी तो पूछे कि वो कहां गया था. आपको बता दे कि पीएम मोदी आज भारतीय समुदाय को जिस हॉल से सम्बोधित कर रहे है. उसी हॉल से उनसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, दलाई लामा और प्रिंसेस डाइना भी लोगों को सम्बोधित कर चुके हैं. इस पूरे इवेंट का नाम 'भारत की बात, सबके साथ' रखा. गीतकार प्रसून जोशी के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि 'रेलवे स्‍टेशन मेरे संघर्ष का गवाह, रेलवे स्‍टेशन पर रहकर मैंने जूझना सीखा.' मोदी ने कहा कि आप मुझे अलग न समझे. आप मुझे अपना ही समझे. उन्होंने कहा कि मैं वही हूँ, जो आप हैं. अपने शिक्षकों का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ. उन्होंने मेरे भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम ही हमारी पूंजी हैं. उन्होंने कहा मैं ठोकरे खाकर यहां पहुंचा हूँ.

पीएम मोदी ने हर माता-पिता को सीख देते हुए कहा कि हम अक्सर अपनी बेटी से पूछते रहे है कि कहां गई थी. या बच्ची अगर फ़ोन पर बात करें तो हम उसका फ़ोन छीन लेते है. लेकिन कभी बेटे से भी तो पूछे कि वो कहां गया था. आपको बता दे कि पीएम मोदी आज भारतीय समुदाय को जिस हॉल से सम्बोधित कर रहे है. उसी हॉल से उनसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, दलाई लामा और प्रिंसेस डाइना भी लोगों को सम्बोधित कर चुके हैं. इस पूरे इवेंट का नाम ‘भारत की बात, सबके साथ’ रखा. गीतकार प्रसून जोशी के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि ‘रेलवे स्‍टेशन मेरे संघर्ष का गवाह, रेलवे स्‍टेशन पर रहकर मैंने जूझना सीखा.’

मोदी ने कहा कि आप मुझे अलग न समझे. आप मुझे अपना ही समझे. उन्होंने कहा कि मैं वही हूँ, जो आप हैं. अपने शिक्षकों का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ. उन्होंने मेरे भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि कठोर परिश्रम ही हमारी पूंजी हैं.  उन्होंने कहा मैं ठोकरे खाकर यहां पहुंचा हूँ.

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