पूरे होमवर्क के साथ कांग्रेस अध्यक्ष बनने की तैयारी में हैं राहुल गांधी

पूरे होमवर्क के साथ कांग्रेस अध्यक्ष बनने की तैयारी में हैं राहुल गांधी

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने में अब कुछ ही दिन रह गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधीद्वारा इसकी जानकारी देने के बाद इसमें कोई संशय नहीं रह गया है, लेकिन राहुल गांधी पार्टी प्रमुख का यह पद काफी होमवर्क के साथ संभालेंगे। राहुल गांधी न केवल पूरी कांग्रेस को युवा और ऊर्जावान बनाने में लगे हैं, बल्कि उनका मुख्य उद्देश्य पार्टी में सुधार का भी है। वह युवा कांग्रेस और एनएसयूआई की तरह अगली पीढ़ी की कांग्रेस को धार देने में जुटे हैं।पूरे होमवर्क के साथ कांग्रेस अध्यक्ष बनने की तैयारी में हैं राहुल गांधीजन सुनवाई’ में खराब परफार्मेंस और बवाल पर CM योगी हुए नाराज…

दीपावली के बाद 25 से 28 अक्टूबर के बीच राहुल गांधी के इस पद पर चुने जाने की संभावना है। अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन 19 नवंबर को वह एक नई कांग्रेस का चेहरा लेकर राजनीति का अगला अध्याय शुरू कर सकते हैं।

इसके लिए 19 नवंबर को बंगलूरू में पार्टी का अधिवेशन आयोजित हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए पूरी रुपरेखा तैयार की जा रही है। फिलहाल कांग्रेस की दशा और दिशा के निर्धारण के लिए एक चुनाव प्राधिकरण का गठन करा दिया है।

पढ़ें: राहुल के अध्यक्ष बनने से 2019 में पार्टी को ‘अतिरिक्त ऊर्जा’ मिलेगी: खुर्शीद

यह चुनाव प्राधिकरण एम रामचंद्रन के निर्देशन में अपना काम कर रहा है। कांग्रेस महासचिव मधु सूदन मिस्त्री भी इसके सदस्य हैं। उ.प्र. राज्य का प्रभार हटने के काफी समय बाद मधु सूदन मिस्त्री को बड़ी जिम्मेदारी मिली है और वह लगातार चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में लगे हैं।

युवा के साथ वरिष्ठ का तालमेल 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने वरिष्ठों के साथ युवाओं का तालमेल बनाकर राजनीति को आगे बढ़ाया है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस युवाओं के साथ वरिष्ठों के अनुभव का तालमेल बनाकर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाएगी।

कुल मिलाकर यह खाका 2018 में होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2019 के आम चुनाव को केंद्र में रखकर खींचा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि गुजरात और हिमाचल राज्य में चुनाव की व्यस्तता के बावजूद कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रतिदिन पार्टी के नेताओं से मिलने, चर्चा करने तथा भविष्य की रणनीति निकालने के लिए पूरा समय दे रहे हैं।

इसी क्रम में पार्टी ने कर्नाटक, राजस्थान, म.प्र., छत्तीसगढ़, उड़ीसा समेत अन्य राज्यों में जन आंदोलन, जनसंपर्क के जरिए जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने का अभियान चला रखा है।

अशोक गहलोत और कमलनाथ 

राहुल गांधी के दो करीबी मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट क्रमश: म.प्र. और राजस्थान में राजनीतिक अभियान को धार दे रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कमलनाथ म.प्र. में राजनीति का सामाजिक समीकरण बनाने में लगे हैं।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पहले से नर्मदा यात्रा पर हैं। पार्टी के नेताओं की निगाह भी म.प्र. राज्य पर टिकी है कि यहां कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य या फिर कमलनाथ में से किस चेहरे को पार्टी म.प्र. में अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में उतरेगी। इसी तरह की स्थिति राजस्थान में भी है। अशोक गहलोत गुजरात के प्रभारी हैं और राज्य में पार्टी की सरकार बनवाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।

कांग्रेस उपाध्यक्ष के कार्यालय सूत्रों के मुताबित शांत, संयत और विनम्र स्वभाव तथा बारीक राजनीति करने में माहिर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत की प्रतिभा राहुल गांधी के दिल-दिमाग में अच्छी पैठ बना चुकी है। वहीं सचिन पायलट के नेतृत्व में पार्टी ने पूरे राजस्थान में जोरदार राजनीतिक अभियान छेड़ रखा है।

अशोक गहलोत और कमलनाथ अपने जीवन की करीब-करीब आखिरी राजनीतिक पारी खेलने की तरफ हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दोनों राज्यों में एक सफल तालमेल बना लेना राहुल गांधी की पार्टी के भीतर पहली बड़ी चुनौती होगी।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com