हमारे देश के प्रधानमंत्रीयों मेें से एक नाम श्री चौधरी चरण सिंह का आता है जिन्‍होने हमारे देश के पॉचवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथग्रहण की थी. चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के नूरपुर ग्राम में एक मध्यम वर्गीय कृषक परिवार में हुआ था. इनका परिवार जाट पृष्ठभूमि वाला था. इनके पुरखे महाराजा नाहर सिंह ने 1887 की प्रथम क्रान्ति में विशेष योगदान दिया था. चौघरी चरण सिंह ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा नूरपुर ग्राम तथा मेट्रिकुलेशन शिक्षा मेरठ से प्राप्‍त की इसके बाद विज्ञान विषय मेें स्‍नातक तथा कला में स्‍नाकोत्‍तर की उपाधी प्राप्‍त कर इन्‍होने गाजियावाद में वकालत करना प्रारम्‍भ कर दिया. चौधरी चरण सिंह ने वर्ष 1929 में मेरठ आने के बाद गायत्री नामक कन्‍या से विवाह कर लिया. कुछ समय बाद चौधरी चरण सिंह कांग्रेेेस पार्टी में शामिल हो गये वर्ष 1937 में छत्रवाली विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित भी हुुुए. आजादी के बाद ये तीन बार वर्ष 1952, 1962 तथा 1967 में विध्‍ाान सभा के लिए चुने गये इसके फलस्‍वरूप इन्‍हे राजस्‍व, न्‍याय, सूचना, चिकित्‍सा आदि जैसे विभागों का भी दायित्‍व दिया गया. 1977 में चुनाव के बाद जब केन्द्र में जनता पार्टी सत्ता में आई तो किंग मेकर जयप्रकाश नारायण के सहयोग से मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने और चरण सिंह को देश का गृह मंत्री बनाया गया। इसी के बाद मोरारजी देसाई और चरण सिंह के मतभेद खुलकर सामने आए. इस प्रकार 28 जुलाई, 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बनने में सफल हुए. उनकी जीवन यात्रा का रथ 29 मई, 1987 को थम गया. 84 वर्ष से अधिक उम्र पाने वाला वह किसान नेता मृत्यु के आग़ोश में चला गया.

पूर्व प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि

हमारे देश के प्रधानमंत्रीयों मेें से एक नाम श्री चौधरी चरण सिंह का आता है जिन्‍होने हमारे देश के पॉचवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथग्रहण की थी. चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के नूरपुर ग्राम में एक मध्यम वर्गीय कृषक परिवार में हुआ था. इनका परिवार जाट पृष्ठभूमि वाला था. इनके पुरखे महाराजा नाहर सिंह ने 1887 की प्रथम क्रान्ति में विशेष योगदान दिया था.हमारे देश के प्रधानमंत्रीयों मेें से एक नाम श्री चौधरी चरण सिंह का आता है जिन्‍होने हमारे देश के पॉचवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथग्रहण की थी. चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के नूरपुर ग्राम में एक मध्यम वर्गीय कृषक परिवार में हुआ था. इनका परिवार जाट पृष्ठभूमि वाला था. इनके पुरखे महाराजा नाहर सिंह ने 1887 की प्रथम क्रान्ति में विशेष योगदान दिया था.     चौघरी चरण सिंह ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा नूरपुर ग्राम तथा मेट्रिकुलेशन शिक्षा मेरठ से प्राप्‍त की इसके बाद विज्ञान विषय मेें स्‍नातक तथा कला में स्‍नाकोत्‍तर की उपाधी प्राप्‍त कर इन्‍होने गाजियावाद में वकालत करना प्रारम्‍भ कर दिया. चौधरी चरण सिंह ने वर्ष 1929 में मेरठ आने के बाद गायत्री नामक कन्‍या से विवाह कर लिया.     कुछ समय बाद चौधरी चरण सिंह कांग्रेेेस पार्टी में शामिल हो गये वर्ष 1937 में छत्रवाली विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित भी हुुुए. आजादी के बाद ये तीन बार वर्ष 1952, 1962 तथा 1967 में विध्‍ाान सभा के लिए चुने गये इसके फलस्‍वरूप इन्‍हे राजस्‍व, न्‍याय, सूचना, चिकित्‍सा आदि जैसे विभागों का भी दायित्‍व दिया गया.     1977 में चुनाव के बाद जब केन्द्र में जनता पार्टी सत्ता में आई तो किंग मेकर जयप्रकाश नारायण के सहयोग से मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने और चरण सिंह को देश का गृह मंत्री बनाया गया। इसी के बाद मोरारजी देसाई और चरण सिंह के मतभेद खुलकर सामने आए. इस प्रकार 28 जुलाई, 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बनने में सफल हुए.  उनकी जीवन यात्रा का रथ 29 मई, 1987 को थम गया. 84 वर्ष से अधिक उम्र पाने वाला वह किसान नेता मृत्यु के आग़ोश में चला गया.

चौघरी चरण सिंह ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा नूरपुर ग्राम तथा मेट्रिकुलेशन शिक्षा मेरठ से प्राप्‍त की इसके बाद विज्ञान विषय मेें स्‍नातक तथा कला में स्‍नाकोत्‍तर की उपाधी प्राप्‍त कर इन्‍होने गाजियावाद में वकालत करना प्रारम्‍भ कर दिया. चौधरी चरण सिंह ने वर्ष 1929 में मेरठ आने के बाद गायत्री नामक कन्‍या से विवाह कर लिया.

कुछ समय बाद चौधरी चरण सिंह कांग्रेेेस पार्टी में शामिल हो गये वर्ष 1937 में छत्रवाली विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित भी हुुुए. आजादी के बाद ये तीन बार वर्ष 1952, 1962 तथा 1967 में विध्‍ाान सभा के लिए चुने गये इसके फलस्‍वरूप इन्‍हे राजस्‍व, न्‍याय, सूचना, चिकित्‍सा आदि जैसे विभागों का भी दायित्‍व दिया गया.

1977 में चुनाव के बाद जब केन्द्र में जनता पार्टी सत्ता में आई तो किंग मेकर जयप्रकाश नारायण के सहयोग से मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने और चरण सिंह को देश का गृह मंत्री बनाया गया। इसी के बाद मोरारजी देसाई और चरण सिंह के मतभेद खुलकर सामने आए. इस प्रकार 28 जुलाई, 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बनने में सफल हुए.

उनकी जीवन यात्रा का रथ 29 मई, 1987 को थम गया. 84 वर्ष से अधिक उम्र पाने वाला वह किसान नेता मृत्यु के आग़ोश में चला गया.

 
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com