भारत में पेमेंट सर्विस शुरू करने से पहले सोशल मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप ने अपनी सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया है। इस बदलाव का उद्देश्य सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में भुगतान से जुड़ी शर्तें शामिल करना है। भारत में इस समय व्हाट्सएप की भुगतान सेवा का करीब 10 लाख लोग परीक्षण कर रहे हैं।भारत में पेमेंट सर्विस शुरू करने से पहले सोशल मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप ने अपनी सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया है। इस बदलाव का उद्देश्य सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में भुगतान से जुड़ी शर्तें शामिल करना है। भारत में इस समय व्हाट्सएप की भुगतान सेवा का करीब 10 लाख लोग परीक्षण कर रहे हैं।  व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने बताया, 'हम सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव कर रहे हैं, जिससे लोगों को आसान शब्दों में इसके काम करने के तरीके से अवगत कराया जा सके।' प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई), संबंधित बैंकों और भारत सरकार से इस संबंध में विस्तृत चर्चा की है। व्हाट्सएप को एनपीसीआई की ओर से यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये लेन-देन के लिए बैंकों से गठजोड़ करने की अनुमति मिल गई है।  प्रवक्ता ने कहा, 'अभी पेमेंट सर्विस को लांच करने की कोई तारीख तय नहीं है, लेकिन सेवा शर्तों में बदलाव से हम इस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ गए हैं।' पेमेंट सर्विस से युक्त व्हाट्सएप का बीटा वर्जन पिछले कुछ महीने से परीक्षण में है। इस सेवा के शुरू होने से पेटीएम जैसी अन्य पेमेंट सर्विसेज को कड़ी चुनौती मिलने के आसार हैं।  नई सेवा शर्तों के मुताबिक, पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल करते समय व्हाट्सएप आपकी कुछ अतिरिक्त जानकारियां लेगा। इसके मुताबिक, 'जब भी आप इसके माध्यम से पैसा भेजेंगे या मंगाएंगे, तारीख और समय समेत अन्य जानकारियां दर्ज की जाएंगी। कंपनी यूजर से हर वो जानकारी लेगी, जिसकी जरूरत भुगतान प्रक्रिया को सुरक्षित तरीके से पूरा करने में होगी। दुनियाभर में व्हाट्सएप के डेढ़ अरब से ज्यादा यूजर हैं। भारत में इस मैसेजिंग ऐप के यूजर्स की संख्या 20 करोड़ से ज्यादा है।  सुरक्षा पर उठे हैं सवाल -  पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर ने इस साल की शुरुआत में व्हाट्सएप की पेमेंट सर्विस पर सवाल उठाया था। उनका कहना था कि इसमें लेनदेन यूजर्स के लिहाज से सुरक्षित नहीं है और इसमें मानकों को भी पूरा नहीं किया गया है।  रिजर्व बैंक ने सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि भुगतान से जुड़ी सभी जानकारियां भारत में स्थित सर्वर पर ही रखी जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एनपीसीआई से इस संबंध में जांच करने को कहा है कि वॉट्सऐप की पेमेंट सर्विस रिजर्व बैंक के नियमों और ग्राहकों की सुरक्षा के नियमों का पालन कर रही है या नहीं। सेवा विस्तार की अनुमति से पहले सभी मानकों पर व्हाट्सएप की पेमेंट सर्विस को परखा जाएगा।  व्हाट्सएप ने दिलाया भरोसा-  इस संबंध में व्हाट्सएप का कहना है कि लेनदेन की प्रक्रिया में डेबिट कार्ड के आखिरी छह अंक और यूपीआई पिन जैसे संवेदनशील डाटा कहीं भी स्टोर नहीं किए जाते। व्हाट्सएप ने यह स्वीकार किया कि उसकी पेमेंट सर्विस फेसबुक के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करती है, लेकिन किसी जानकारी का वाणिज्यिक इस्तेमाल नहीं होता।  प्रवक्ता ने कहा कि फेसबुक इस प्रक्रिया में व्हाट्सएप के लिए केवल सर्विस प्रोवाइडर की भूमिका निभाती है। वह व्हाट्सएप पेमेंट सर्विस से जुड़े लेनदेन के डाटा का किसी भी तरह से इस्तेमाल नहीं करती है।

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने बताया, ‘हम सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव कर रहे हैं, जिससे लोगों को आसान शब्दों में इसके काम करने के तरीके से अवगत कराया जा सके।’ प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई), संबंधित बैंकों और भारत सरकार से इस संबंध में विस्तृत चर्चा की है। व्हाट्सएप को एनपीसीआई की ओर से यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये लेन-देन के लिए बैंकों से गठजोड़ करने की अनुमति मिल गई है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘अभी पेमेंट सर्विस को लांच करने की कोई तारीख तय नहीं है, लेकिन सेवा शर्तों में बदलाव से हम इस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ गए हैं।’ पेमेंट सर्विस से युक्त व्हाट्सएप का बीटा वर्जन पिछले कुछ महीने से परीक्षण में है। इस सेवा के शुरू होने से पेटीएम जैसी अन्य पेमेंट सर्विसेज को कड़ी चुनौती मिलने के आसार हैं।

नई सेवा शर्तों के मुताबिक, पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल करते समय व्हाट्सएप आपकी कुछ अतिरिक्त जानकारियां लेगा। इसके मुताबिक, ‘जब भी आप इसके माध्यम से पैसा भेजेंगे या मंगाएंगे, तारीख और समय समेत अन्य जानकारियां दर्ज की जाएंगी। कंपनी यूजर से हर वो जानकारी लेगी, जिसकी जरूरत भुगतान प्रक्रिया को सुरक्षित तरीके से पूरा करने में होगी। दुनियाभर में व्हाट्सएप के डेढ़ अरब से ज्यादा यूजर हैं। भारत में इस मैसेजिंग ऐप के यूजर्स की संख्या 20 करोड़ से ज्यादा है।

सुरक्षा पर उठे हैं सवाल –

पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर ने इस साल की शुरुआत में व्हाट्सएप की पेमेंट सर्विस पर सवाल उठाया था। उनका कहना था कि इसमें लेनदेन यूजर्स के लिहाज से सुरक्षित नहीं है और इसमें मानकों को भी पूरा नहीं किया गया है।

रिजर्व बैंक ने सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि भुगतान से जुड़ी सभी जानकारियां भारत में स्थित सर्वर पर ही रखी जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एनपीसीआई से इस संबंध में जांच करने को कहा है कि वॉट्सऐप की पेमेंट सर्विस रिजर्व बैंक के नियमों और ग्राहकों की सुरक्षा के नियमों का पालन कर रही है या नहीं। सेवा विस्तार की अनुमति से पहले सभी मानकों पर व्हाट्सएप की पेमेंट सर्विस को परखा जाएगा।

व्हाट्सएप ने दिलाया भरोसा-

इस संबंध में व्हाट्सएप का कहना है कि लेनदेन की प्रक्रिया में डेबिट कार्ड के आखिरी छह अंक और यूपीआई पिन जैसे संवेदनशील डाटा कहीं भी स्टोर नहीं किए जाते। व्हाट्सएप ने यह स्वीकार किया कि उसकी पेमेंट सर्विस फेसबुक के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करती है, लेकिन किसी जानकारी का वाणिज्यिक इस्तेमाल नहीं होता।

प्रवक्ता ने कहा कि फेसबुक इस प्रक्रिया में व्हाट्सएप के लिए केवल सर्विस प्रोवाइडर की भूमिका निभाती है। वह व्हाट्सएप पेमेंट सर्विस से जुड़े लेनदेन के डाटा का किसी भी तरह से इस्तेमाल नहीं करती है।