फर्जी वोटर मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश के लिए गठित जांच कमेटी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आयोग को भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर जांच कमिटी ने कांग्रेस के फर्जी वोटर के दावे को गलत पाया है और सुबूतों से ये साबित नहीं होता है कि कांग्रेस का दावा मन जाये. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में मतदाता सूची में फर्जी एंट्री का मामला नहीं पाया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मामलों में एक ही मतदाता के डबल एंट्री जरूर हैं. रिपोर्ट में कुछ मामले मृतक, शिफ्ट करने वाले मतदाताओं के नाम भी पाए गए हैं. जांच में पाया गया है कि ज्यादातर डबल एंट्री को 2015-16 के बाद हटाया जा चुका है. 2015-16 में डबल एंट्री वाले मतदाताओ की संख्या 68 लाख थी, जो मई, 2018 में 7 लाख से कम रह गयी है. गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी कि शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसके अनुसार 60 लाख फर्जी मतदाताओं के होने की बात कही गई थी. जिसके बाद आयोग ने एक जांच कमिटी के द्वारा मामले की जांच करवाई . फर्जी वोटर मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश के लिए गठित जांच कमेटी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आयोग को भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर जांच कमिटी ने कांग्रेस के फर्जी वोटर के दावे को गलत पाया है और सुबूतों से ये साबित नहीं होता है कि कांग्रेस का दावा मन जाये. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में मतदाता सूची में फर्जी एंट्री का मामला नहीं पाया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मामलों में एक ही मतदाता के डबल एंट्री जरूर हैं. रिपोर्ट में कुछ मामले मृतक, शिफ्ट करने वाले मतदाताओं के नाम भी पाए गए हैं. जांच में पाया गया है कि ज्यादातर डबल एंट्री को 2015-16 के बाद हटाया जा चुका है. 2015-16 में डबल एंट्री वाले मतदाताओ की संख्या 68 लाख थी, जो मई, 2018 में 7 लाख से कम रह गयी है. गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी कि शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसके अनुसार 60 लाख फर्जी मतदाताओं के होने की बात कही गई थी. जिसके बाद आयोग ने एक जांच कमिटी के द्वारा मामले की जांच करवाई .

फर्जी वोटर मामले में कांग्रेस को लगा झटका

फर्जी वोटर मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश के लिए गठित जांच कमेटी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आयोग को भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर जांच कमिटी ने कांग्रेस के फर्जी वोटर के दावे को गलत पाया है और सुबूतों से ये साबित नहीं होता है कि कांग्रेस का दावा मन जाये. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में मतदाता सूची में फर्जी एंट्री का मामला नहीं पाया है.फर्जी वोटर मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश के लिए गठित जांच कमेटी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आयोग को भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर जांच कमिटी ने कांग्रेस के फर्जी वोटर के दावे को गलत पाया है और सुबूतों से ये साबित नहीं होता है कि कांग्रेस का दावा मन जाये. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में मतदाता सूची में फर्जी एंट्री का मामला नहीं पाया है.  रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मामलों में एक ही मतदाता के डबल एंट्री जरूर हैं. रिपोर्ट में कुछ मामले मृतक, शिफ्ट करने वाले मतदाताओं के नाम भी पाए गए हैं. जांच में पाया गया है कि ज्यादातर डबल एंट्री को 2015-16 के बाद हटाया जा चुका है. 2015-16 में डबल एंट्री वाले मतदाताओ की संख्या 68 लाख थी, जो मई, 2018 में 7 लाख से कम रह गयी है.  गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी कि शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसके अनुसार  60 लाख फर्जी मतदाताओं के होने की बात कही गई थी. जिसके बाद आयोग ने एक जांच कमिटी के द्वारा मामले की जांच करवाई . फर्जी वोटर मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश के लिए गठित जांच कमेटी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आयोग को भेजी है. रिपोर्ट के आधार पर जांच कमिटी ने कांग्रेस के फर्जी वोटर के दावे को गलत पाया है और सुबूतों से ये साबित नहीं होता है कि कांग्रेस का दावा मन जाये. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में मतदाता सूची में फर्जी एंट्री का मामला नहीं पाया है.  रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मामलों में एक ही मतदाता के डबल एंट्री जरूर हैं. रिपोर्ट में कुछ मामले मृतक, शिफ्ट करने वाले मतदाताओं के नाम भी पाए गए हैं. जांच में पाया गया है कि ज्यादातर डबल एंट्री को 2015-16 के बाद हटाया जा चुका है. 2015-16 में डबल एंट्री वाले मतदाताओ की संख्या 68 लाख थी, जो मई, 2018 में 7 लाख से कम रह गयी है.  गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी कि शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसके अनुसार  60 लाख फर्जी मतदाताओं के होने की बात कही गई थी. जिसके बाद आयोग ने एक जांच कमिटी के द्वारा मामले की जांच करवाई .

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मामलों में एक ही मतदाता के डबल एंट्री जरूर हैं. रिपोर्ट में कुछ मामले मृतक, शिफ्ट करने वाले मतदाताओं के नाम भी पाए गए हैं. जांच में पाया गया है कि ज्यादातर डबल एंट्री को 2015-16 के बाद हटाया जा चुका है. 2015-16 में डबल एंट्री वाले मतदाताओ की संख्या 68 लाख थी, जो मई, 2018 में 7 लाख से कम रह गयी है.

गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी कि शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसके अनुसार  60 लाख फर्जी मतदाताओं के होने की बात कही गई थी. जिसके बाद आयोग ने एक जांच कमिटी के द्वारा मामले की जांच करवाई . 

 
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