ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के मेगा फूड पार्क के लिए आवंटित जमीन का आवंटन यूपी सरकार की ओर से रद्द किए जाने के बाद मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुलह की कोशिशें शुरू कर दी है. बाबा रामदेव नाराज भी ना हों और इसका राजनीतिक नुकसान भी ना हो, इसलिए राज्य सरकार की ओर से जल्द ही मामले को सुलझाने का दावा भी किया जा रहा है. अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा में मेगा फूड पार्क के लिए जमीन उपलब्ध कराई थी, लेकिन उसके बाद राज्य के दूसरे जिलों में भी बाबा रामदेव ने जमीन के लिए आवेदन दिया था जिस पर धीमी रफ्तार की वजह से योग गुरु बाबा रामदेव पहले भी दो बार योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर चुके हैं. लेकिन अब उत्तर प्रदेश में मेगा फूड पार्क प्रोजेक्ट के रद होने का खतरा पैदा हो गया है. निर्धारित समय में प्रस्तावित तीनों मेगा फूड पार्कों के लिए जमीन नहीं मिली पा रही है. बाबा रामदेव पहले से ही यूपी सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं. आपको बता दें की कुछ समय पहले लखनऊ में हुए इन्वेस्टर्स समिट के दौरान बाबा रामदेव या उनकी कंपनी पतंजलि ने उसमें हिस्सा नहीं लिया था और उसकी वजह भी जमीन थी. बाबा रामदेव की नाराजगी इसलिए है कि योगी सरकार ने उनकी सस्ती जमीन की मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. देरी पर केंद्र की नाराजगी भूमि समेत कई और मानक पूरा न होने से मिर्जापुर, मथुरा और ग्रेटर नोएडा के लिए मंजूर तीनों पार्कों का प्रस्ताव खारिज होने के कगार पर आ गया है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार को समय पर सभी मानदंडों को पूरा नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई है. मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए तीनों मेगा फूड पार्कों के प्रस्तावों को वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है.. सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक महीने का और समय दिया गया है, ताकि भूमि संबंधी विवादों को निपटाया जा सके. लेकिन प्रस्ताव में निर्धारित शर्तों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना जरूरी है. सूत्रों का कहना है कि मिर्जापुर, मथुरा और ग्रेटर नोएडा जमीन की उपलब्धता को लेकर संशय बना हुआ है. ट्वीट के बाद मचा बवाल राज्य का उद्योग मंत्रालय जहां निवेश को आकर्षित करने को लेकर दिन-रात लगा हुआ है. वहीं जमीन संबंधी मामलों के चलते परियोजनाओं के अटकने की आशंका बढ़ गई है. प्रत्येक मेगा फूड पार्क के लिए कम से कम 50 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है. इससे पहले बीती रात बाबा रामदेव की तरफ से बालकृष्ण के ट्वीट के बाद बवाल मचा और देर रात को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बालकृष्ण और बाबा रामदेव दोनों से बात की और अब दावा किया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा. साथ ही मेगा फूड पार्क को उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा.

फूड पार्क: पहले से ही योगी सरकार से नाराज हैं बाबा रामदेव, क्या सुलह से बनेगी बात?

ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के मेगा फूड पार्क के लिए आवंटित जमीन का आवंटन यूपी सरकार की ओर से रद्द किए जाने के बाद मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुलह की कोशिशें शुरू कर दी है. बाबा रामदेव नाराज भी ना हों और इसका राजनीतिक नुकसान भी ना हो, इसलिए राज्य सरकार की ओर से जल्द ही मामले को सुलझाने का दावा भी किया जा रहा है.ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के मेगा फूड पार्क के लिए आवंटित जमीन का आवंटन यूपी सरकार की ओर से रद्द किए जाने के बाद मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुलह की कोशिशें शुरू कर दी है. बाबा रामदेव नाराज भी ना हों और इसका राजनीतिक नुकसान भी ना हो, इसलिए राज्य सरकार की ओर से जल्द ही मामले को सुलझाने का दावा भी किया जा रहा है.  अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा में मेगा फूड पार्क के लिए जमीन उपलब्ध कराई थी, लेकिन उसके बाद राज्य के दूसरे जिलों में भी बाबा रामदेव ने जमीन के लिए आवेदन दिया था जिस पर धीमी रफ्तार की वजह से योग गुरु बाबा रामदेव पहले भी दो बार योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर चुके हैं.  लेकिन अब उत्तर प्रदेश में मेगा फूड पार्क प्रोजेक्ट के रद होने का खतरा पैदा हो गया है. निर्धारित समय में प्रस्तावित तीनों मेगा फूड पार्कों के लिए जमीन नहीं मिली पा रही है. बाबा रामदेव पहले से ही यूपी सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं.  आपको बता दें की कुछ समय पहले लखनऊ में हुए इन्वेस्टर्स समिट के दौरान बाबा रामदेव या उनकी कंपनी पतंजलि ने उसमें हिस्सा नहीं लिया था और उसकी वजह भी जमीन थी. बाबा रामदेव की नाराजगी इसलिए है कि योगी सरकार ने उनकी सस्ती जमीन की मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.  देरी पर केंद्र की नाराजगी  भूमि समेत कई और मानक पूरा न होने से मिर्जापुर, मथुरा और ग्रेटर नोएडा के लिए मंजूर तीनों पार्कों का प्रस्ताव खारिज होने के कगार पर आ गया है.  केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार को समय पर सभी मानदंडों को पूरा नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई है. मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए तीनों मेगा फूड पार्कों के प्रस्तावों को वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है..  सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक महीने का और समय दिया गया है, ताकि भूमि संबंधी विवादों को निपटाया जा सके. लेकिन प्रस्ताव में निर्धारित शर्तों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना जरूरी है. सूत्रों का कहना है कि मिर्जापुर, मथुरा और ग्रेटर नोएडा जमीन की उपलब्धता को लेकर संशय बना हुआ है.  ट्वीट के बाद मचा बवाल  राज्य का उद्योग मंत्रालय जहां निवेश को आकर्षित करने को लेकर दिन-रात लगा हुआ है. वहीं जमीन संबंधी मामलों के चलते परियोजनाओं के अटकने की आशंका बढ़ गई है. प्रत्येक मेगा फूड पार्क के लिए कम से कम 50 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है.  इससे पहले बीती रात बाबा रामदेव की तरफ से बालकृष्ण के ट्वीट के बाद बवाल मचा और देर रात को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बालकृष्ण और बाबा रामदेव दोनों से बात की और अब दावा किया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा. साथ ही मेगा फूड पार्क को उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा.

अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा में मेगा फूड पार्क के लिए जमीन उपलब्ध कराई थी, लेकिन उसके बाद राज्य के दूसरे जिलों में भी बाबा रामदेव ने जमीन के लिए आवेदन दिया था जिस पर धीमी रफ्तार की वजह से योग गुरु बाबा रामदेवपहले भी दो बार योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर चुके हैं.

लेकिन अब उत्तर प्रदेश में मेगा फूड पार्क प्रोजेक्ट के रद होने का खतरा पैदा हो गया है. निर्धारित समय में प्रस्तावित तीनों मेगा फूड पार्कों के लिए जमीन नहीं मिली पा रही है. बाबा रामदेव पहले से ही यूपी सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं.

आपको बता दें की कुछ समय पहले लखनऊ में हुए इन्वेस्टर्स समिट के दौरान बाबा रामदेव या उनकी कंपनी पतंजलि ने उसमें हिस्सा नहीं लिया था और उसकी वजह भी जमीन थी. बाबा रामदेव की नाराजगी इसलिए है कि योगी सरकार ने उनकी सस्ती जमीन की मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.

देरी पर केंद्र की नाराजगी

भूमि समेत कई और मानक पूरा न होने से मिर्जापुर, मथुरा और ग्रेटर नोएडा के लिए मंजूर तीनों पार्कों का प्रस्ताव खारिज होने के कगार पर आ गया है.

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार को समय पर सभी मानदंडों को पूरा नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई है. मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए तीनों मेगा फूड पार्कों के प्रस्तावों को वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है..

सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक महीने का और समय दिया गया है, ताकि भूमि संबंधी विवादों को निपटाया जा सके. लेकिन प्रस्ताव में निर्धारित शर्तों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना जरूरी है. सूत्रों का कहना है कि मिर्जापुर, मथुरा और ग्रेटर नोएडा जमीन की उपलब्धता को लेकर संशय बना हुआ है.

ट्वीट के बाद मचा बवाल

राज्य का उद्योग मंत्रालय जहां निवेश को आकर्षित करने को लेकर दिन-रात लगा हुआ है. वहीं जमीन संबंधी मामलों के चलते परियोजनाओं के अटकने की आशंका बढ़ गई है. प्रत्येक मेगा फूड पार्क के लिए कम से कम 50 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है.

इससे पहले बीती रात बाबा रामदेव की तरफ से बालकृष्ण के ट्वीट के बाद बवाल मचा और देर रात को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बालकृष्ण और बाबा रामदेव दोनों से बात की और अब दावा किया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा. साथ ही मेगा फूड पार्क को उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा.

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