बड़ी खबर: कॉलेजों में दाखिले को लेकर सरकार का बड़ा फैसला

अब डाेनेशन लेकर छात्रों को दाखिला देने वाले कॉलेजों की खैर नहीं है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की उन्हें सजा मिलेगी।मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने एक अप्रत्याशित कदम के तहत उत्तर प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों को तकरीबन 500 छात्रों का दाखिला निरस्त करने का निर्देश दिया है। 

कर्जमाफी तो ट्रेलर था, असली पिक्चर तो मोदी जी ने आज दिखाई, युवाओं की भर दी झोली

आरोप है कि इन छात्रों को नीट (नेशनल एलीजिबिलीटी कम इंट्रेंस टेस्ट) में शामिल हुए बिना एमबीबीएस में दाखिला दे दिया गया था। इन छात्रों को मोटी रकम देकर दाखिला दे दिया गया।
एमसीआई का कहना है कि दोनों राज्यों ने नीट का विकल्प चुना था। ऐसे में छात्रों से पैसे लेकर उन्हें पिछले दरवाजे से दाखिला देने का अंदेशा है।

एमसीआई की सचिव डॉक्टर रीना नैय्यर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 17-18 निजी मेडिकल कॉलेजों को 400 से ज्यादा छात्रों का दाखिला रद्द करने को कहा गया है। इसी तरह तमिलनाडु के एक निजी मेडिकल कॉलेज को नोटिस जारी किया गया है। एमसीआई का आरोप है कि यहां तकरीबन 36 छात्रों को नियमों की अनदेखी कर दाखिला दिया गया।

डॉ. नैय्यर ने कहा, “एमसीआई की निगरानी समिति की जांच में संस्थानों द्वारा नीट में शामिल न होने वाले छात्रों को भी दाखिला देने का मामला सामने आया है। राज्यों द्वारा नीट विकल्प का चयन करने के बावजूद मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों द्वारा स्वतंत्र रूप से दाखिला देना गैरकानूनी है। मेडिकल कॉलेज इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते।

निगरानी समिति के पास देशभर के मेडिकल कॉलेजों में नीट के बिना दाखिला देने वाले छात्रों की निश्चित संख्या का आंकड़ा नहीं है, लेकिन इस पर नजर रखी जा रही है।”
सरकार नीट के जरिये मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को पारदर्शी बनाने और निजी कॉलेजों द्वारा ली जाने वाली कैपिटेशन फीस को खत्म करना चाहती है।
डेंटल कॉलेजों पर भी शिकंजा :
एमसीआई के निर्देश के बाद डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की भी नींद खुली है। डीसीआई भी देशभर के डेंटल कॉलेजों में नीट के बिना दिए गए दाखिले का पता लगा रही है। काउंसिल के सदस्य डॉ. एके चांदना ने बताया कि राजस्थान और मध्यप्रदेश से शिकायतें मिली हैं, जिसकी जांच चल रही है।
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com