बड़ी खरब: कई देशों पर साइबर हैकर्स का हमला, वायरस हटाने के बदल मांगी फिरौती!

नई दिल्ली: यूरोप, अमेरिका व चीन जैसे हाइटेक शहरों पर साइबर क्राइमिनलों ने हमला किया है। हैकर्स ने दुनिया के 90 देशों पर सायबर हमला किया है। उनके शिकार अस्पतालों के अलावा टेलिकॉम फर्म और कई कंपनियां हुई हैं। हमले के बाद हैकर्स ने बीटक्वाइन यानि फिरौती की मांग की है।

इस हमले के बाद दुनियाभर में हड़कंप मच गया है। हालांकि अभी तक भारत ने साइबर हमले की कोई सूचना नहीं है। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार हैकर्स ने अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर इतने बड़े पैमाने पर साइबर अटैक किया। हैकर्स ने संदेश छोड़ा है कि अगर सब कुछ फिर से पहले जैसा करने है तो इन देशों को बिटकॉन में फिरौती देनी होगी। माना जा रहा है कि अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी जिस तकनीक का इस्तेमाल करती थी वह इंटरनेट पर लीक हो गई थी और हैकर्स ने उसी तकनीक का इस्तेमाल किया है।

इस साइबर हमले से ब्रिटेन की हेल्थ सर्विस बुरी तरह प्रभावित हुई है। साइबर अटैक की वजह से ब्रिटेन के दर्जनों अस्पतालों में काम व्यापक स्तर पर प्रभावित हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब तक लगभग 90 देश इस साइबर अटैक की चपेट में हैं। इसके तहत लगभग 75 हजार कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है। ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस को निशाना बनाने वाले इस रैंसमवेयर का नाम WanaCrypt0r 2.0 है। साइबर अटैक का असर लंदन, नॉर्थवेस्ट इंगलैंड और देश के अन्य हिस्से में स्थित अस्पतालों पर भी पड़ा है। मरीजों को निर्देश दिया गया है कि सिर्फ आपातकालीन स्थिति में ही अस्पताल का रुख किया जाए। नॉर्थ वेस्ट इंगलैंड में कई अस्पतालों का संचालन करने वाले एनएचएस मर्सीसाइड ने ट्वीट किया कि संदिग्ध साइबर अटैक को देखते हुए हम अपने नैशनल हेल्थ सर्विस एनएचएस सिस्टम और सेवा को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं। एनएचएस का कहना है कि वो इस समस्या से अवगत है और जल्द ही नई जानकारी साझा की जाएगी।

कई देशों ने साइबर अटैक से प्रभावित होने की शिकायत की है जिस वायरस का नाम रैंसमवेयर बताया जा रहा है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक इंग्लैंड के कई अस्पतालों का कहना है कि उन्हें अपने कंप्यूटर खोलने में परेशानी हो रही है। जो कंप्यूटर्स हैक हुए हैं उन्हें खोलने पर एक मैसेज दिखाई दे रहा है जिसमें कहा गया है कि फाइल रिकवर करना चाहते हो तो पैसे चुकाने होंगे। सुरक्षा फर्म कैस्परस्की लैब और अवेस्टसेड ने इस हमले के लिए जिम्मेदार मैलवेयर की पहचान की है। दोनों सुरक्षा फर्मों का कहना है कि इस साइबर हमले से रूस सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
जानिए क्या है रैंसवेयर
रैंसमवेयर एक कंप्यूटर वायरस है जो कंप्यूटर्स फाइल को बर्बाद करने की धमकी देता है। धमकी दी जाती है कि यदि अपनी फाइलों को बचाना है तो फीस चुकानी होगी। यह वायरस कंप्यूटर में मौजूद फाइलों और वीडियो को इनक्रिप्ट यानि खराब कर देता है और उन्हें फिरौती देने के बाद ही डिक्रिप्ट किया जा सकता है। बता दें कि इसमें फिरौती चुकाने के लिए समयसीमा निर्धारित की जाती है और अगर समय पर पैसा नहीं चुकाया जाता है तो फिरौती की रकम बढ़ जाती है।

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