बढ़ती विकास दर से प्रणब मुखर्जी को भी उम्मीद- 2019 तक 8% हो सकती है GDP

बढ़ती विकास दर से प्रणब मुखर्जी को भी उम्मीद- 2019 तक 8% हो सकती है GDP

भारत की विकास दर ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जहां 7.2 % की विकास दर हासिल की है, वहीं चीन की वृद्धि दर 6.8% ही रही है. देश की बढ़ती विकास की रफ्तार से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी खुश हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2018-19 में भारत 8 फीसदी की विकास दर हासिल कर सकता है.  बढ़ती विकास दर से प्रणब मुखर्जी को भी उम्मीद- 2019 तक 8% हो सकती है GDP

कलकत्ता चैंबर आफ कॉमर्स के एक सत्र में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लंबी अवधि के लिए सतत वृद्धि के लिए देश को युवाओं को रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा कि यदि कोई झटका नहीं लगता है तो संभवत: 2018-19 से भारत आठ प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर हासिल करने की स्थिति में होगा.

मुखर्जी ने कहा कि कृषि क्षेत्र और अन्य संबद्ध क्षेत्रों मसलन ग्रामीण बुनियादी ढांचा, ग्रामीण स्वास्थ्य, ग्रामीण शिक्षा, ग्रामीण साफ-सफाई तथा ग्रामीण आवास क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत है. अक्टूबर से दिसंबर के बीच तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर बड़ी छलांग लगाते हुए 7.2 प्रतिशत की दर पर पहुंच गई. यह विकास दर पिछली पांच तिमाहियों में सबसे ज्यादा रही.

तीसरी तिमाही के आर्थिक वृद्धि आंकड़ों के साथ ही बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन सूचकांक में जनवरी में 6.7 % वृद्धि दर्ज की गई. बुनियादी उद्योगों में कोयला, इस्पात, सीमेंट और पेट्रोलियम रिफाइनरी क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है. एक साल पहले जनवरी में इन क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि 3.4 प्रतिशत रही थी. 

जीडीपी में बढ़ोत्तरी से गदगद वित्त मंत्रालय ने कहा है कि ये आंकड़े बताते हैं कि देश में आर्थिक गतिविधियां तेज हो रही हैं. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि तीसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल होने के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था एक बार फिर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि 6.8 प्रतिशत रही है.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिवेक देबराय ने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर में जो वृद्धि दिखाई दे रही है वह सरकार के आर्थिक सुधारों को बढ़ाने का ही प्रतिबिंब है.

केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आज जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.6 प्रतिशत रहेगी. एक साल पहले 2016-17 में आर्थिक वृद्धि 7.1 प्रतिशत रही थी. वर्ष की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर पहले के 6.3 प्रतिशत के अनुमान से सुधरकर 6.5 प्रतिशत हो गई.

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