बनना चाहते थे क्रिकेटर, बने शूटर और 15 साल की उम्र में एशियाड में जीता सिल्वर मेडल

सौरभ चौधरी के बाद एक और उदीयमान निशानेबाज ने 18वें एशियाई खेलों में देश के लिए पदक जीत लिया. शार्दुल विहान ने शूटिंग के डबल ट्रैप इवेंट में कड़े संघर्ष के बाद सिल्वर मेडल अपने नाम किया. मुकाबले में उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा लेकिन महज एक अंक के अंतर से वो सोने का तमगा लेने से चूक गए.

फाइनल मुकाबले में 15 साल के शार्दुल ने 73 का स्कोर किया, जबकि गोल्ड मेडल जीतने वाले कोरियाई खिलाड़ी ने 74 अंकों के साथ गोल्ड मेडल उनसे झटक लिया.

7 साल की उम्र में उठाई राइफल

एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले 16 साल के सौरभ की तरह शार्दुल भी मेरठ के रहने वाले हैं और उन्होंने भी बेहद कम उम्र में देश के लिए पदक जीत लिया. शार्दुल ने बेहद कम उम्र में ही निशानेबाजी शुरू कर दी थी. उन्होंने पहली बार 7 साल की उम्र में राइफल उठाई थी. हालांकि उनका पहला शौक क्रिकेटर बनना था.

गुस्से में छोड़ा क्रिकेट

नियति को कुछ और ही मंजूर था. प्रैक्टिस के दौरान बैटिंग और बॉलिंग नहीं मिलने के कारण उन्होंने गुस्से में क्रिकेट छोड़ दिया था. इसके बाद उनके पिता दीपक ने शार्दुल को बैडमिंटन का रैकेट थमाया. लेकिन एक बार प्रैक्टिस में लेट होने की वजह से कोच ने उन्हें वापस घर भेज दिया. अगले दिन बैडमिंटन कोच ने शार्दुल के पिता को सलाह दी कि वो बैडमिंटन के लिए फिट नहीं हैं. उन्हें कोई दूसरा खेल खिलाएं.

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