बनारस में गंगा की लहरों से घाटों तक कुछ ऐसे किया जायेगा मोदी और मैक्रों का भव्य स्वागत

बनारस में गंगा की लहरों से घाटों तक कुछ ऐसे किया जायेगा मोदी और मैक्रों का भव्य स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों जब बनारस की यात्रा पर होंगे तो गंगा की लहरों से अभिनंदन, स्वागत और स्नेह की हवा भी बहेगी. बनारस के लोगों ने अपने अनूठे अंदाज में इन दोनों नेताओं का स्वागत करने का प्लान बनाया है.

दोनों नेता सबसे पहले नवनिर्मित टेक्सटाइल म्यूजियम पहुंचेंगे. वहां शहनाई वादन की मंगलध्वनि के बाद रामलीला पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति होगी. चित्रकूट के कलाकार ये भावपूर्ण प्रस्तुति करेंगे. इसके बाद मोदी और मैक्रों मशहूर अस्सी घाट पहुंचेंगे. वहां, पारम्परिक तिलक-अक्षत से उनका स्वागत होगा.

अस्सी घाट पर दोनों नेता सुरुचिपूर्ण ढंग से सजे बड़े बजरे यानी नाव पर सवार होंगे. यहां से गंगा का सौंदर्य और घाटों की भव्य कलात्मकता, सब कुछ नजर आएगा. दोनों नेता जब नौका पर सवार होने के लिए आगे बढ़ेंगे तो पुष्प वर्षा के बीच कलाकारों के समूह द्वारा शहनाई वादन होगा. शहनाई की मंगलध्वनि के साथ ही काशी के 121 ब्राह्मणों द्वारा शुक्ल यजुर्वेद से मंत्रोच्चारण होंगे. शंखध्वनि और डमरू ध्वनि के बीच हर हर महादेव का उद्घोष भी होगा.

इसके बाद अगला पड़ाव होगा तुलसी घाट. यहां बनारसी गायक रामचरित मानस के पदों का गान करेंगे और यहां की प्रसिद्ध रामलीला की प्रस्तुति होगी. अपने अखाड़ों के लिए प्रसिद्ध मल्ल योद्धा पहलवानी की कला का प्रदर्शन करेंगे.

इसके बाद उनकी सजी धजी नाव प्रभु घाट पहुंचेगी. यहां भगवान बुद्ध की प्रार्थना और शांति मंत्रों का पाठ सारनाथ और अन्य जगहों से आये बौद्ध भिक्षु करेंगे. गंगा की लहरों पर तैरती नाव इन दोनों नेताओं को लेकर राजा चेतसिंह घाट पहुंचेगी. यहां बुद्ध द्वारा अपने पांच शिष्यों को ज्ञानोपदेश की झांकी दिखेगी.

इसके बाद बजरा बगल के घाट पर स्थित अखाड़ा श्री निरंजनी घाट पहुंच जाएगा. यहां भस्म का श्रृंगार किये हुए नागा साधुजन हर हर महादेव की ध्वनि से उनको आशीर्वाद देंगे.

नौका आगे बढ़ेगी तो केदार घाट से चौकी घाट के बीच की जगह में मयूर नृत्य हो रहा होगा. आगे कलाकार फूलों की होली खेल रहे होंगे. इसके आगे काशी की मशहूर रंगों की होली का भी नजारा मिलेगा.

राजा घाट पर कलाकार नृत्य में निबद्ध स्वच्छता गीत के साथ स्वच्छ भारत अभियान का संदेश देते दिखेंगे. मानसरोवर घाट पर बनारस के निर्गुण स्वरूप के दर्शन होंगे. यानी कबीर संकीर्तन हो रहा होगा. इसके बाद बजरा आगे बढ़ेगा बबुआ पांडेय घाट की ओर. यहां विशाल कृष्ण एवं उनके साथी कथक नृत्य का सौंदर्य बिखेर रहे होंगे.

अब कथक और नृत्य की बारी आए तो कृष्ण सहज ही आंखों के आगे आ जाते हैं. चौसट्टी घाट पर वृंदवादन में तबले, सितार और सारंगी की तिगलबन्दी होगी. बजरा जब दरभंगा घाट के सामने से गुजरेगा तो वहां बृजरमा पैलेस के सामने अतिथिगण नाव से उतरकर घाटों की सीढियां चढ़ेंगे. यहां बीनकर बीन और कच्ची घोड़ी के पारम्परिक नृत्य और खेल के ज़रिए स्वागत करेंगे.

यहां से प्रधानमंत्री अतिथि राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बृजरमा पैलेस से निकलकर दशाश्वमेध घाट जाएंगे. वहां गंगा आरती के दर्शन करेंगे.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com