बर्फबारी के पांच दिन बाद भी 1000 गांवों में न बिजली, न पानी

हिमाचल के 1000 से अधिक गांवों में बर्फबारी होने के पांच दिन बाद भी बिजली और पानी सप्लाई ठप है। शिमला, मंडी, कुल्लू, किन्नौर, सिरमौर, चंबा और कांगड़ा जिले के कई क्षेत्रों में बुधवार को भी ब्लैकआउट रहा। इन क्षेत्रों में जनजीवन अभी भी पटरी पर नहीं लौटा है।
बर्फबारी के पांच दिन बाद भी 1000 गांवों में न बिजली, न पानी
 
बर्फ तो पिघलना शुरू हो गई है, लेकिन लोगों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शिमला के 40 प्रतिशत क्षेत्रों में बुधवार को भी बिजली सप्लाई सुचारु नहीं हो सकी। शहर में पेयजल की सप्लाई बाधित है। नगर निगम शिमला और राज्य बिजली बोर्ड की कार्यप्रणाली का लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

पेयजल संकट दूर करने के लिए जिम्मेवार दोनों सरकारी विभाग एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ कर खुद की नाकामियों को छिपा रहे हैं। शिमला के अलावा मंडी की 100 पंचायतों, अपर शिमला की 35 पंचायतों, सिरमौर की 50 पंचायतों और कुल्लू, चंबा के कई गांवों में भी बीते पांच दिन से पानी-बिजली सप्लाई ठप है।

मंडी की 100 से अधिक पंचायतों में बिजली गुल

मंडी की 100 से अधिक पंचायतों में बिजली बहाल नहीं हुई है। लोग बर्फ पिघलाकर पानी पी रहे हैं। करसोग, बरोट, गोहर, जंजैहली, थुनाग, बालीचौकी क्षेत्र की कई पंचायतों में ब्लैकआउट पांच दिन बाद भी जारी है। उपमंडल करसोग की 52 में से 40 पंचायतों में बत्ती शुक्रवार से गुल है। आइपीएच विभाग की अधिकतर पेयजल योजनाओं के पाइप जम गए हैं। 
पांगणा, जाछ खनयूड़ी, बखरौट, चुराग, बगशाड़, करसोग, सेरी, महोग, माहूनांग, भलिंडी, धरमौड़ सहित करीब 40 पंचायतों में यही हालात हैं। उपमंडल की करीब 20 पंचायतों में पाइप जमने से पेयजल किल्लत है। बरोट की लगभग 30 पंचायतों में यही हालात हैं। यहां पांच दिन से ब्लैकआउट है। सब स्टेशन टिक्कन को दुरुस्त नहीं किया जा सका है। गोहर उपमंडल के घंग्यारा फीडर में लगभग आधा दर्जन, जंजैहली उपमंडल की लगभग 40 पंचायतों में बत्ती गुल है।

कोटखाई की 25 और चौपाल की 40 पंचायतों में बिजली बंद

रामपुर और आनी की कई पंचायतों में भी अंधेरा है। ऊपरी हिमाचल में भारी बर्फबारी के कारण जगह-जगह बिजली लाइनें क्षतिग्रस्त हैं। रामपुर के ननखड़ी विकास खंड की सात पंचायतों बगलती, गाहण, अड्डू, ननखड़ी, जाहू, खुन्नी पनोली, कुंगलबाल्टी और आनी उपमंडल की करशैइगाड, फनौंटी, लगौटी, टकरासी, कराड़, खनाग, लझेरी, बुच्छैर, कोहिला और रोपा पंचायत में विद्युत आपूर्ति बाधित है। ननखड़ी विकास खंड में 90 ट्रांसफार्मरों में से 32 ही ठीक हो पाए हैं।
क्षेत्र में लाइनों का अधिक स्पेन होने के कारण लाइनें जगह-जगह क्षतिग्रस्त हैं। कोटखाई की 25 और चौपाल की 40 से अधिक पंचायतों में बिजली बंद है। कुल्लू में आईपीएच की 97 पेयजल स्कीमों में से 90 योजनाएं बहाल कर दी हैं। आनी में बंद 17 में से 15 बहाल हो गई हैं। कुल्लू-1 में 40 में से 38 बहाल, दो प्रभावित। कुल्लू-2 में 40 में से 37 बहाल हुई हैं।बिजली आपूर्ति बाधित होने से बंजार की तीर्थन, तीन कोठी सराज, रघुपुर घाटी, लगवैली तथा मणिकर्ण घाटी के कई गांव अंधेरे में हैं। सिरमौर के ऊंचे इलाकों में अभी बिजली बहाल नहीं हुई है। राजगढ़, नौहराधार और शिलाई की कई पंचायतें अंधेरे में हैं। चंबा के भरमौर और चुराह उपमंडल की कई पंचायतें भी अंधेरे में है। दोनों उपमंडलों में करीब 60 ट्रांसफार्मर बंद हैं। इनसे 150 से ज्यादा गांवों को बिजली मुहैया होती है। 

शिमला में बिजली बहाल करने को जिलों से बुलाए कर्मचारी

बर्फबारी से प्रदेश में बिजली बोर्ड को भारी नुकसान हुआ है। व्यवस्थाओं को सुचारु करने में सभी अफसर और कर्मचारी जुटे हैं। बिजली बोर्ड के ट्रांसफार्मरों, खंभों और लाइनों को ठीक करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। जल्द व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी। -पीसी नेगी, प्रबंध निदेशक राज्य बिजली बोर्ड
राज्य की 583 योजनाओं में  552 को रिस्टोर कर दिया है। बाकी योजनाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। अब केवल वही योजनाएं दुरुस्त करने को बची हैं, जो दुर्गम क्षेत्रों में हैं। प्रदेश के आईपीएच विभाग के स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि लोगों को पेयजल आपूर्ति करने के लिए इन योजनाओं को ठीक कर दिया जाए। -अनिल कुमार भाटी, प्रमुख अभियंता आईपीएच शिमला में बिजली सप्लाई बहाल करने में नाकाम साबित हुए बिजली बोर्ड प्रबंधन ने जिलों से कर्मचारियों को शिमला बुला लिया है। बोर्ड ने नाहन, अर्की, नालागढ़ और सुंदरनगर के तकनीकी कर्मचारियों को अगले आदेशों तक शिमला में तैनात कर दिया है। अमर उजाला ने शिमला शहर में बिजली सप्लाई बहाल नहीं होने पर 10 जनवरी के अंक में शीर्षक ‘आधे रह गए कर्मचारी, कौन बहाल करे

बिजली सप्लाई’ और 11 जनवरी को शीर्षक ‘बिजली बोर्ड ने खड़े किए हाथ, 13 के बाद बहाल होगी सप्लाई’ से खबरें प्रकाशित कर राज्य बिजली बोर्ड में व्याप्त अव्यवस्था को उजागर किया। खबरों के माध्यम से बताया गया कि स्टाफ की कमी से जूझ रहे बोर्ड प्रबंधन का किस तरह से व्यवस्थाएं पटरी पर लाने में दम फूल रहा है। बुधवार को हरकत में आते हुए बोर्ड ने शिमला में बिजली सप्लाई सुचारु करने के लिए अन्य शहरों में तैनात कर्मियों की मदद लेने का फैसला देर से ही सही, लेकिन ले लिया है। 

13 जनवरी तक बहाल होगी विद्युत आपूर्ति

बिजली बोर्ड प्रबंधन ने दोबारा से बर्फबारी की संभावना को देखते हुए नाहन, अर्की, नालागढ़ और सुंदरनगर से बुलाए गए कर्मचारियों को अगले आदेशों तक शिमला में ही तैनात करने का फैसला लिया है। बोर्ड के उपनिदेशक लोक संपर्क अनुराग पराशर ने बताया कि 10 जनवरी शाम तक स्थानीय शिमला क्षेत्र की 70 प्रतिशत विद्युत आपूर्ति को बहाल कर दिया गया है। शेष बचे क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति को 13 जनवरी तक बहाल कर दिया जाएगा। 
सैंज पेयजल योजना में विद्युत आपूर्ति को बुधवार शाम साढ़े तीन बजे बहाल किया गया। आंशिक रूप से ठियोग, भट्टाकुफर और ढली की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। बिजली बोर्ड ने प्रदेश के लोगों से सहयोग की अपील की है। बोर्ड का कहना है कि हर जगह विद्युत बोर्ड को स्थानीय लोगों का सहयोग विद्युत आपूर्ति को बहाल करने के कार्य में मिल रहा है, जिससे उस क्षेत्र में जल्द विद्युत आपूर्ति को सामान्य बनाया जा रहा है। 

410 सड़कें खोलीं, 553 पेयजल योजनाएं बहाल: फारका

मुख्य सचिव वीसी फारका ने कहा कि राज्य में बर्फबारी और वर्षा से कुल 607 सड़कें प्रभावित हुई थीं। इनमें 410 सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया है। राष्ट्रीय उच्च मार्ग, राज्य उच्च मार्ग, मुख्य जिला सड़कें और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। लूहरी-ओट वाया जलोड़ी पास मार्ग अभी बहाल होने को है।
चंबा की चार और लाहौल-स्पीति जिले की सभी हवाई पट्टियों को क्रियाशील बनाया गया है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य की अन्य सभी अवरुद्ध सड़कों को अगले तीन-चार दिन में यातायात के लिए खोल दिया जाए। भारी बर्फबारी के कारण राज्य की विभिन्न भागों में प्रभावित सड़कों, जलापूर्ति और बिजली की बहाली की प्रगति पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बुधवार को समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।फारका ने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की 728 योजनाओं को नुकसान पहुंचा। इनमें 553 योजनाओं को बहाल कर दिया है। शेष 175 योजनाओं को दो-तीन दिन में बहाल कर दिया जाएगा। इनमें शहरी जलापूर्ति, ग्रामीण जलापूर्ति, सिंचाई, मलनिकासी और बाढ़ संरक्षण कार्य शामिल हैं। शिमला शहर में 70 प्रतिशत तक विद्युत आपूर्ति बहाल की है। शीघ्र शत-प्रतिशत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाएगी। गिरि जलापूर्ति योजना के लिए विद्युत आपूर्ति बहाल की जा चुकी है। 

शिमला में 70 प्रतिशत तक बिजली आपूर्ति बहाल, शत-प्रतिशत करेंगे

मुख्य सचिव वीसी फारका ने कहा कि शिमला शहर में 70 प्रतिशत तक विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी है। शीघ्र शत-प्रतिशत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाएगी। गिरि जलापूर्ति योजना के लिए विद्युत आपूर्ति बहाल की जा चुकी है। शहर के सभी अस्पतालों, ऐतिहासिक रिज सहित मुख्य पर्यटक स्थलों, जनसेवा से जुड़े भवनों में पहले ही प्राथमिकता के आधार पर विद्युत आपूर्ति पहले ही बहाल की जा चुकी है।

सरकार ने किया अलर्ट, 15 मिनट उबालने के बाद ही पीएं पानी

लगातार हो रही बर्फबारी के बीच अब प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों को लेकर अलर्ट जारी किया है। सरकार की ओर से जारी अलर्ट में लोगों से अपील की गई है कि वे पीने के पानी को उबालने के बाद ही प्रयोग करें। सरकार ने अपील की है कि पीने के पानी को कम से कम 15 मिनट जरूर उबालें। 

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यही नहीं, दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों को भी उबालकर ही पानी पीने की सलाह दें। सरकार ने यह कदम पिछले साल इसी सीजन के दौरान पीलिया फैलने के चलते उठाया है। दरअसल, पिछले साल हल्की बर्फबारी के बाद दिसंबर और जनवरी महीने में राजधानी शिमला और सोलन में पीलिया महामारी के रूप में फैल गया था। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग पीलिया की चपेट में आ गए थे।

करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों की पीलिया से ग्रस्त होने से मौत हो गई थी। वहीं, सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को भी बीमारी को लेकर अलर्ट मोड पर कर दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य और निदेशक

स्वास्थ्य सेवा को स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को अलर्ट रहने कहा है। ठाकुर ने कहा कि किसी भी बीमारी के मरीज की सूचना स्थानीय अस्पताल से मुख्यालय को रिपोर्ट की जाएगी, ताकि हर तरह की बीमारी के केसों की मॉनीटरिंग भी की जा सके।

बिजली-पानी से वंचित शिमला की जनता: अनुराग

भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारी बर्फ बारी के चलते राजधानी शिमला समेत ऊपरी शिमला के लोग पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं वंचित हैं। सरकार आम आदमी के हितों की रक्षा करने में नाकामयाब हुई है। राजधानी एक गंभीर समस्या से गुजर रहा है। 

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एक तरफ  मुख्यमंत्री ने बड़े-बड़े वायदे किए थे कि इस समस्या को जल्द निपटाया जाएगा। पानी और बिजली बोर्ड ने जानकारी दी है कि सप्लाई सिर्फ  13 जनवरी से ही उपलब्ध कराई जाएगी। इसका मतलब यह हुआ कि लोगों को और लंबे वक्त परेशानी झेलनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री और उनका परिवार अपनी आय से अधिक केस के बचाव के लिए दिल्ली पहुंचने में सफल हो गए। 

6 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया गया था, ताकि वे हेलीकाप्टर तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री अपने ही भ्रष्टाचार से जुड़े कोर्ट मामलों में व्यस्त रहेंगे तो वे अपनी जनता की देखभाल किस तरह से करेंगे? कांग्रेस सरकार झूठे वायदे, बेकार बहाने और गैर-जिम्मेदाराना रवैये से बनी है और मौजूदा परिस्थिति इसी बात को साफ  तौर पर दर्शाती है।

 
 
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