प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मप्र के राजगढ़ जिले में मोहनपुरा डेम का लोकार्पण करेंगे। मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की मुख्य उपलब्धि तो यह है कि कि इसे समय सीमा से पहले ही पूरा कर लिया गया। इस डैम का निर्माण दिसंबर, 2014 में शुरू हुआ था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मप्र के राजगढ़ जिले में मोहनपुरा डेम का लोकार्पण करेंगे। मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की मुख्य उपलब्धि तो यह है कि कि इसे समय सीमा से पहले ही पूरा कर लिया गया। इस डैम का निर्माण दिसंबर, 2014 में शुरू हुआ था।  आइए जानते हैं मोहनपुरा डैम की खासियतें -   - फरवरी, 2018 में निर्माणावधि से पहले इसका काम पूरा हुआ।  - 3866.34 करोड़ की लागत आई बांध के निर्माण में।  - बांध की भराव क्षमता 616.27 मिलियन घनमीटर   - 1,34,300 हेक्टेयर क्षेत्र में दाबयुक्त पाइप सिंचाई पद्धति से खेती होगी।  - 92,500 हेक्टेयर रायजिंगमैन एवं पंप हाउस का कार्यक्षेत्र पूर्ण  - 1600 हेक्टेयर सिंचाई के लिए निर्माण एजेंसी का कार्य प्रगति पर है।  - उद्योगों और पेयजल के लिए 5-5 मिलियन घन मीटर पानी आरक्षित।  - बांध की पूर्ण भराव क्षमता पर 7056.718 हेक्टेयर भूमि डूब में आई।  - 55 गांव इस परियोजना के डूब क्षेत्र में है, जिसमें से 28 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।  - 17 गेट वाला यह डैम जिले का सबसे बड़ा और भोपाल संभाग में दूसरे स्थान पर होगा।  - दिसंबर, 2014 में डैम का निर्माण शुरू हुआ था।

आइए जानते हैं मोहनपुरा डैम की खासियतें –

– फरवरी, 2018 में निर्माणावधि से पहले इसका काम पूरा हुआ।

– 3866.34 करोड़ की लागत आई बांध के निर्माण में।

– बांध की भराव क्षमता 616.27 मिलियन घनमीटर

– 1,34,300 हेक्टेयर क्षेत्र में दाबयुक्त पाइप सिंचाई पद्धति से खेती होगी।

– 92,500 हेक्टेयर रायजिंगमैन एवं पंप हाउस का कार्यक्षेत्र पूर्ण

– 1600 हेक्टेयर सिंचाई के लिए निर्माण एजेंसी का कार्य प्रगति पर है।

– उद्योगों और पेयजल के लिए 5-5 मिलियन घन मीटर पानी आरक्षित।

– बांध की पूर्ण भराव क्षमता पर 7056.718 हेक्टेयर भूमि डूब में आई।

– 55 गांव इस परियोजना के डूब क्षेत्र में है, जिसमें से 28 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

– 17 गेट वाला यह डैम जिले का सबसे बड़ा और भोपाल संभाग में दूसरे स्थान पर होगा।

– दिसंबर, 2014 में डैम का निर्माण शुरू हुआ था।