देश में वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर मोदी सरकार ने पूरे देश में ईमानदारी के स्वरूप के तौर पर जीएसटी दिवस का जश्न मनाया. इस जश्न में जीएसटी लागू करने में अहम भूमिका निभाने वाले केन्द्रीय मंत्रीय अरुण जेटली मौजूद नहीं रहे. जीएसटी के जश्न की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा जीएसटी के एक साल के सफर पर तैयार की गई फिल्म 'वन ईयर ऑफ जीएसटी' का प्रदर्शन किया गया. फिल्म में बताया गया कि कैसे 1 जुलाई की मध्यरात्रि को संसद से देश के इस सबसे अहम टैक्स सुधार कार्यक्रम की शुरुआत की गई. फिल्म में दर्शाया गया कि कैसे बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर पूरे देश में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए काम किया. जीएसटी की सफलता को दर्शाने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में जहां पीयूष गोयल ने कहा कि मौजूदा समय में जीएसटी से लगी सभी उम्मीदें पूरी हुई हैं. बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार को राजस्व में इजाफा हुआ है तो कारोबारी सहजता पहले से बेहतर हुई है. गोयल ने कहा कि यदि जीएसटी के फायदे इसी तरह आगे भी मिलते रहे तो जल्द की केन्द्र सरकार के पास टैक्स दरों को और कम करने में मदद मिलेगी. इसे पढ़ें: जीएसटी का जश्नः मुख्य समारोह में शामिल हुए दो-दो वित्त मंत्री! पीयूष गोयल के इस बयान के बाद अरुण जेटली का संदेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ. अरुण जेटली ने अपने इस संबोधन में जीएसटी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश टैक्स ढांचे में इस सुधार के लिए तैयार हुआ. जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने में राज्यों को राजस्व में संभावित नुकसान का बड़ा डर था लेकिन मोदी सरकार ने अगले 5 साल तक राज्यों के नुकसान की भरपाई करने का आश्वासन देकर सभी राज्यों को जीएसटी लागू करने के पक्ष में तैयार कर लिया. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी के एक साल पूरे होने पर कहा कि अरुण जेटली उनके राजनीतिक गुरू हैं और वह कामना करते हैं कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ होकर वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालें. पीयूष गोयल ने कहा कि बीते एक साल से जीएसटी देश में कोऑपरेटिव फेडरलिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है. अपने लाइव टेलिकास्ट में अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने के बाद टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा हुआ है. जेटली के मुताबिक लगभग 11.9 फीसदी अधिक टैक्स एकत्र किया गया है. यह जीएसटी की सफलता के पक्ष में सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं जेटली ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार का राजस्व इस स्तर से बढ़ता रहा तो केन्द्र सरकार के लिए आसान हो जाएगा कि वह उपभोक्ताओं और कारोबारियों को अधिक राहत पहुंचाने के लिए टैक्स दरों को और कम करने का फैसले कर सके. इसके अलावा जेटली ने दावा किया कि दुनिया के कई देशों में जीएसटी को लागू करने में बेहद कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा वहीं कुछ देशों में यह प्रभावी नहीं हो सका. इन देशों में राजस्व घटने के साथ-साथ कारोबार और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा. लेकिन भारत में जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू किया गया और विपरीत वैश्विक माहौल के बावजूद जीएसटी को देश में लागू करने के साथ-साथ इसे केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, कारोबार और उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने वाला बनाया गया.

बिन जेटली मनाया मोदी सरकार ने GST का जश्न, कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए शामिल

देश में वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर मोदी सरकार ने पूरे देश में ईमानदारी के स्वरूप के तौर पर जीएसटी दिवस का जश्न मनाया. इस जश्न में जीएसटी लागू करने में अहम भूमिका निभाने वाले केन्द्रीय मंत्रीय अरुण जेटली मौजूद नहीं रहे.देश में वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर मोदी सरकार ने पूरे देश में ईमानदारी के स्वरूप के तौर पर जीएसटी दिवस का जश्न मनाया. इस जश्न में जीएसटी लागू करने में अहम भूमिका निभाने वाले केन्द्रीय मंत्रीय अरुण जेटली मौजूद नहीं रहे.  जीएसटी के जश्न की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा जीएसटी के एक साल के सफर पर तैयार की गई फिल्म 'वन ईयर ऑफ जीएसटी' का प्रदर्शन किया गया. फिल्म में बताया गया कि कैसे 1 जुलाई की मध्यरात्रि को संसद से देश के इस सबसे अहम टैक्स सुधार कार्यक्रम की शुरुआत की गई. फिल्म में दर्शाया गया कि कैसे बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर पूरे देश में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए काम किया.  जीएसटी की सफलता को दर्शाने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में जहां पीयूष गोयल ने कहा कि मौजूदा समय में जीएसटी से लगी सभी उम्मीदें पूरी हुई हैं. बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार को राजस्व में इजाफा हुआ है तो कारोबारी सहजता पहले से बेहतर हुई है. गोयल ने कहा कि यदि जीएसटी के फायदे इसी तरह आगे भी मिलते रहे तो जल्द की केन्द्र सरकार के पास टैक्स दरों को और कम करने में मदद मिलेगी.  इसे पढ़ें: जीएसटी का जश्नः मुख्य समारोह में शामिल हुए दो-दो वित्त मंत्री!  पीयूष गोयल के इस बयान के बाद अरुण जेटली का संदेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ. अरुण जेटली ने अपने इस संबोधन में जीएसटी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश टैक्स ढांचे में इस सुधार के लिए तैयार हुआ. जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने में राज्यों को राजस्व में संभावित नुकसान का बड़ा डर था लेकिन मोदी सरकार ने अगले 5 साल तक राज्यों के नुकसान की भरपाई करने का आश्वासन देकर सभी राज्यों को जीएसटी लागू करने के पक्ष में तैयार कर लिया.  वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी के एक साल पूरे होने पर कहा कि अरुण जेटली उनके राजनीतिक गुरू हैं और वह कामना करते हैं कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ होकर वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालें. पीयूष गोयल ने कहा कि बीते एक साल से जीएसटी देश में कोऑपरेटिव फेडरलिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है.  अपने लाइव टेलिकास्ट में अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने के बाद टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा हुआ है. जेटली के मुताबिक लगभग 11.9 फीसदी अधिक टैक्स एकत्र किया गया है. यह जीएसटी की सफलता के पक्ष में सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं जेटली ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार का राजस्व इस स्तर से बढ़ता रहा तो केन्द्र सरकार के लिए आसान हो जाएगा कि वह उपभोक्ताओं और कारोबारियों को अधिक राहत पहुंचाने के लिए टैक्स दरों को और कम करने का फैसले कर सके.  इसके अलावा जेटली ने दावा किया कि दुनिया के कई देशों में जीएसटी को लागू करने में बेहद कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा वहीं कुछ देशों में यह प्रभावी नहीं हो सका. इन देशों में राजस्व घटने के साथ-साथ कारोबार और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा. लेकिन भारत में जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू किया गया और विपरीत वैश्विक माहौल के बावजूद जीएसटी को देश में लागू करने के साथ-साथ इसे केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, कारोबार और उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने वाला बनाया गया.

जीएसटी के जश्न की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा जीएसटी के एक साल के सफर पर तैयार की गई फिल्म ‘वन ईयर ऑफ जीएसटी’ का प्रदर्शन किया गया. फिल्म में बताया गया कि कैसे 1 जुलाई की मध्यरात्रि को संसद से देश के इस सबसे अहम टैक्स सुधार कार्यक्रम की शुरुआत की गई. फिल्म में दर्शाया गया कि कैसे बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर पूरे देश में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए काम किया.

जीएसटी की सफलता को दर्शाने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में जहां पीयूष गोयल ने कहा कि मौजूदा समय में जीएसटी से लगी सभी उम्मीदें पूरी हुई हैं. बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार को राजस्व में इजाफा हुआ है तो कारोबारी सहजता पहले से बेहतर हुई है. गोयल ने कहा कि यदि जीएसटी के फायदे इसी तरह आगे भी मिलते रहे तो जल्द की केन्द्र सरकार के पास टैक्स दरों को और कम करने में मदद मिलेगी.

पीयूष गोयल के इस बयान के बाद अरुण जेटली का संदेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ. अरुण जेटली ने अपने इस संबोधन में जीएसटी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश टैक्स ढांचे में इस सुधार के लिए तैयार हुआ. जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने में राज्यों को राजस्व में संभावित नुकसान का बड़ा डर था लेकिन मोदी सरकार ने अगले 5 साल तक राज्यों के नुकसान की भरपाई करने का आश्वासन देकर सभी राज्यों को जीएसटी लागू करने के पक्ष में तैयार कर लिया.

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी के एक साल पूरे होने पर कहा कि अरुण जेटली उनके राजनीतिक गुरू हैं और वह कामना करते हैं कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ होकर वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालें. पीयूष गोयल ने कहा कि बीते एक साल से जीएसटी देश में कोऑपरेटिव फेडरलिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है.

अपने लाइव टेलिकास्ट में अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने के बाद टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा हुआ है. जेटली के मुताबिक लगभग 11.9 फीसदी अधिक टैक्स एकत्र किया गया है. यह जीएसटी की सफलता के पक्ष में सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं जेटली ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार का राजस्व इस स्तर से बढ़ता रहा तो केन्द्र सरकार के लिए आसान हो जाएगा कि वह उपभोक्ताओं और कारोबारियों को अधिक राहत पहुंचाने के लिए टैक्स दरों को और कम करने का फैसले कर सके.

इसके अलावा जेटली ने दावा किया कि दुनिया के कई देशों में जीएसटी को लागू करने में बेहद कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा वहीं कुछ देशों में यह प्रभावी नहीं हो सका. इन देशों में राजस्व घटने के साथ-साथ कारोबार और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा. लेकिन भारत में जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू किया गया और विपरीत वैश्विक माहौल के बावजूद जीएसटी को देश में लागू करने के साथ-साथ इसे केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, कारोबार और उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने वाला बनाया गया.

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