यूपी : लगता है यूपी में सपा और बसपा का गठबंधन सिर्फ लोक सभा उप चुनाव तक ही सीमित नहीं था. इस दोस्ती को और आगे बढ़ाने के लिए सपा ने आगामी विधान परिषद् चुनाव में बीएसपी को एक सीट पर समर्थन देने का फैसला किया है.इस फैसले से सपा -बसपा की दोस्ती और मजबूत होगी. इस बारे में एसपी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी विधान परिषद चुनाव में दो सीटों के बजाय एक ही सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी और दूसरी सीट पर बीएसपी का समर्थन करेगी. सपा के इस त्याग को लेकर चर्चा यह है कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में जीत दिलाने के फलस्वरूप यह एक सीट बसपा को दी जा रही है.कहा तो यह भी जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की चालबाज़ी से बसपा का प्रत्याशी राज्य सभा का चुनाव नहीं जीत सका था. इसलिए सपा चाहती है कि बसपा का एक प्रत्याशी विधान परिषद तो पहुंचे. आपको जानकारी दे दें कि प्रदेश विधानमण्डल के उच्च सदन की 13 सीटों पर आगामी 26 अप्रैल को चुनाव होंगे. नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे. एक प्रत्याशी को जिताने के लिए प्रथम वरीयता के 29 मतों की जरूरत होगी.जिसमें सपा, बसपा के उम्मीदवार को जीत दिलाने का प्रयास करेगी.

बीएसपी को मिला सपा का एक सीट पर समर्थन

 लगता है यूपी में सपा और बसपा का गठबंधन सिर्फ लोक सभा उप चुनाव तक ही सीमित नहीं था. इस दोस्ती को और आगे बढ़ाने के लिए सपा ने आगामी विधान परिषद् चुनाव में बीएसपी को एक सीट पर समर्थन देने का फैसला किया है.इस फैसले से सपा -बसपा की दोस्ती और मजबूत होगी.यूपी : लगता है यूपी में सपा और बसपा का गठबंधन सिर्फ लोक सभा उप चुनाव तक ही सीमित नहीं था. इस दोस्ती को और आगे बढ़ाने के लिए सपा ने आगामी विधान परिषद् चुनाव में बीएसपी को एक सीट पर समर्थन देने का फैसला किया है.इस फैसले से सपा -बसपा की दोस्ती और मजबूत होगी.  इस बारे में एसपी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी विधान परिषद चुनाव में दो सीटों के बजाय एक ही सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी और दूसरी सीट पर बीएसपी का समर्थन करेगी. सपा के इस त्याग को लेकर चर्चा यह है कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में जीत दिलाने के फलस्वरूप यह एक सीट बसपा को दी जा रही है.कहा तो यह भी जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की चालबाज़ी से बसपा का प्रत्याशी राज्य सभा का चुनाव नहीं जीत सका था. इसलिए सपा चाहती है कि बसपा का एक प्रत्याशी विधान परिषद तो पहुंचे.  आपको जानकारी दे दें कि प्रदेश विधानमण्डल के उच्च सदन की 13 सीटों पर आगामी 26 अप्रैल को चुनाव होंगे. नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे. एक प्रत्याशी को जिताने के लिए प्रथम वरीयता के 29 मतों की जरूरत होगी.जिसमें सपा, बसपा के उम्मीदवार को जीत दिलाने का प्रयास करेगी.

इस बारे में एसपी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी विधान परिषद चुनाव में दो सीटों के बजाय एक ही सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी और दूसरी सीट पर बीएसपी का समर्थन करेगी. सपा के इस त्याग को लेकर चर्चा यह है कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में जीत दिलाने के फलस्वरूप यह एक सीट बसपा को दी जा रही है.कहा तो यह भी जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की चालबाज़ी से बसपा का प्रत्याशी राज्य सभा का चुनाव नहीं जीत सका था. इसलिए सपा चाहती है कि बसपा का एक प्रत्याशी विधान परिषद तो पहुंचे.

आपको जानकारी दे दें कि प्रदेश विधानमण्डल के उच्च सदन की 13 सीटों पर आगामी 26 अप्रैल को चुनाव होंगे. नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे. एक प्रत्याशी को जिताने के लिए प्रथम वरीयता के 29 मतों की जरूरत होगी.जिसमें सपा, बसपा के उम्मीदवार को जीत दिलाने का प्रयास करेगी.

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