लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी की महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने का सपना साकार कर रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ कर महिलाएं कृषि, दुग्ध व मुर्गी पालन जैसे व्यवसायों में पुरुषों को पछाड़ रही हैं। अकेले बुलंदशहर में 48 हजार महिलाएं बालिनी मिल्क प्रोडयूसर कंपनी बना कर 21 हजार लीटर दुग्ध का संग्रह कर रही हैं। वहीं, दस लाख से अधिक महिलाओं को खेती व पशुपालन का प्रशिक्षण देकर आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया जा चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यूपी ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं को स्वावलंबी बनाए जाने की तारीफ कर चुके हैं।
यूपी ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बुंदेलखंड क्षेत्र में दुग्ध बेचने के लिए महिलाओं ने प्रोडयूसर कंपनी का गठन किया है। जो बुंदेलखंड के 600 सुदूर जनपदों में एनडीएस के सहयोग से डेयरी परियोजना के तहत 3600 स्वयं सहायता समूह की 48 हजार महिलाएं को बालिनी मिल्क प्रोडयूसर कंपनी से जोड़ कर गया 21 हजार लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन कर रही हैं।
महिलाओं को सोलर लैंप से होगी दस करोड़ की आय
यूपी राज्य ग्रामीण मंत्रालय की ओर से आईआईटी मुंबई एवं एनर्जी एफिशियंसी सर्विस की ओर से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सोलर कैंपस का निर्माण कराकर छात्रों को दिया जा रहा है। इससे महिलाओं को करीब दस करोड़ रुपए की आय होगी। अब तक एक हजार से अधिक समूहों की महिलाओं को सोलर लैंप बनाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। महिलाएं अब 27.99 लाख सोलर स्टडी लैंप बनाकर दिए जा चुके हैं। इससे 4 हजार से अधिक परिवारों को फायदा हुआ है। इसके अलावा कृषि विभाग महिलाओं को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ कर उनको कृषि यंत्र सब्सिडी पर उपलब्ध करा रहा है। अब तक 132 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की जा चुकी है।