भगवान बुद्ध ने सुखी जीवन जीने का सबसे सरल रास्ता बताया है। जो हो गया उसे भूल जाओ, भविष्य के सपने मत देखो, वर्तमान समय पर ही ध्यान लगाओ।
कभी भी क्रोध न करें क्योंकि क्रोध की सजा नहीं मिलती हैं बल्कि क्रोध से सजा मिलती है। इसलिए अपने जीवन से क्रोध का त्याग करें, जीवन सुखमय बनेगा।
किसी पर संदेह न करें। किसी पर संदेह जताने से आप लोगों से दूर होते हैं।
किसी दूसरों पर विजय प्राप्त करने से पहले अपने ऊपर विजय प्राप्त करें। खुद पर विजय प्राप्ति के बाद हमेशा जीत आपकी ही होगी।
किसी की बुराई करने से प्रेम में कमी आती है, क्योंकि बुराई से बुराई को खत्म नहीं किया जा सकता।
एक दीपक की लौ से हम हजारों दीपक जला सकते हैं फिर भी दीपक की रोशनी कम नहीं होती है। इसलिए अपने जीवन को दीपक बनाएं और सभी को खुशियां बांटे।