बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाले ही बेटियों की ले रहे हैं जान…

नई दिल्ली। हमारा देश कितना ही विकास में आगे बढ़ जाये जब तक लोगों की मानसिकता नहीं बदलेगी। देश का कुछ नहीं हो सकता। यही कारण है कि हमारा देश आज भी पिछड़ा है। जबतक देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बाद भी बेटे-बेटियों में फर्क समझा जाता रहेगा और बेटियों की हत्या होती रहेगी लोगों की सोच नहीं बदलेगी तब तक यही हाल रहेगा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभी भी लोगों पर कोई असर नहीं पड़ रहा

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगते हुए सरकार आज करोड़ों रुपए बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई और शादी के नाम पर योजना चला कर खर्च कर रही है। ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके। उन्हें ये ना लगे कि वो बोझ है। लेकिन हमारे देश के लोगों की मानसिकता शायद ही कोई बदल पाए। क्योंकि आये दिन हमारे देश में बेटियों की हत्याएं इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि भारत अभी भी 17वीं-18वीं सदी के दौर में है जहां बेटियों और महिलाओं को बोझ समझा जाता था।

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