ब्रेन ट्यूमर के इन महत्वपूर्ण लक्षणों को नहीं करना चाहिए इग्नोर....

ब्रेन ट्यूमर के इन महत्वपूर्ण लक्षणों को नहीं करना चाहिए इग्नोर….

वैसे तो सिरदर्द होना एक आम बात है लेकिन अगर यह ज्यादा होने लगे या हर दूसरे-तीसरे दिन होने लगे तो इग्नोर नहीं करना चाहिए. कभी-कभी सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर की वजह से भी होता है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी पहचान सही समय पर न होने पर व्यक्ति मौत के मुंह में भी जा सकता है. इस एडवांस दुनिया में सर्जरी ब्रेन ट्यूमर का सबसे प्रमुख इलाज है. सही टाइम पर इस बीमारी का पता लग जाने पर सर्जरी की मदद से ट्यूमर निकालना आसान होता है. ब्रेन ट्यूमर को हिंदी में दिमाग की गिल्टी भी कहा जाता है. इस बीमारी में दिमाग की कोशिकाएं असमान्य रूप से विकास करने लगती हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको ब्रेन ट्यूमर के कुछ शुरुवाती लक्षणों के बारे में बताएंगे. यदि आपको भी इनमें से कुछ लक्षण हैं तो उसे इग्नोर करने की बजाय जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं.ब्रेन ट्यूमर के इन महत्वपूर्ण लक्षणों को नहीं करना चाहिए इग्नोर....

सिरदर्द (Headache)

हम यह नहीं कह रहे कि सारे सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर के लक्षण होते हैं. लेकिन यह ब्रेन ट्यूमर का शुरुवाती लक्षण ज़रूर हो सकता है. यदि आपको सुबह के समय सिरदर्द की समस्या रहती है तो थोड़ा सावधान हो जाएं. ब्रेन ट्यूमर का दर्द अधिकतर सुबह के समय होता है. जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है सिरदर्द की समस्या भी बढ़ने लगती है. ऐसा लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

उल्टी आना (Vomiting)

ब्रेन ट्यूमर होने पर इंसान को उल्टी की समस्या होने लगती है. यह समस्या भी ज़्यादातर सुबह के समय होती है. एक स्थान से दूसरे स्थान जाने पर भी उसे उल्टी जैसा महसूस होने लगता है. यदि आपके साथ भी यह लक्षण है तो फ़ौरन डॉक्टर को दिखाएं.

शारीरिक असंतुलन (Physical Imbalance)

सेरिबैलम में ट्यूमर होने पर व्यक्ति की मूवमेंट प्रभावित होने लगती है. वह अपने शारीरिक संतुलन को मेंटेन नहीं कर पाता. ऐसी समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाएं.

बोलने में दिक्कत (Trouble Speaking)

यदि व्यक्ति के टैम्पोरल लोब में ट्यूमर है तो उसे बोलने में दिक्कत होगी. इस स्थिति में व्यक्ति द्वारा बोली हुई बातें सामने वाला समझ नहीं पाता. इसलिए यदि आपको भी अचानक से बोलने में परेशानी होने लगे तो जाकर डॉक्टर से ज़रूर मिलें.

कम दिखाई देना (Poor Visibility) 

ब्रेन ट्यूमर होने पर आंखों की रौशनी भी धीरे-धीरे कम होने लगती है. यह समस्या इस कदर बढ़ जाती है कि रंगों और चीज़ों को पहचानना मुश्किल हो जाता है. ट्यूमर बढ़ने के साथ आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है.

व्यवहारिक बदलाव (Behavioral Changes)

यदि ट्यूमर आपके फ्रंटल लोब में है तो आप अपने व्यवहार में बदलाव महसूस करेंगे. इस जगह गांठ होने पर व्यक्ति बहुत ज्यादा गुस्सा और चिड़चिड़ा होने लगता है. यदि आप अपने व्यवहार में बड़ा बदलाव महसूस करें तो एक बार डॉक्टर से जाकर सलाह ज़रूर लें.

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