#बड़ा खुलासा: राम रहीम को भगाने की साजिश मामले में आया ये नए सच...

#बड़ा खुलासा: राम रहीम को भगाने की साजिश मामले में आया ये नए सच…

पंचकूला में हिंसा कराने और राम रहीम को भगाने की साजिश मामले में कई नए सच सामने आए हैं, लेकिन सवाल वहीं का वहीं कि साजिश का खाका किसने कब तैयार किया।#बड़ा खुलासा: राम रहीम को भगाने की साजिश मामले में आया ये नए सच...

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मामले में हनीप्रीत, डेरा की कंपनी के सीईओ सीपी अरोड़ा, दिलावर, चमकौर सिंह सहित डेरा प्रमुख को फरार कराने की साजिश में शामिल 14 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जेड प्लस सिक्योरिटी के बावजूद इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने का खाका किसने और कब तैयार किया, यह अब भी एक बड़ा सवाल है। इस मामले में गिरफ्तार चंडीगढ़ पुलिस का हेड कांस्टेबल लालचंद से पूछताछ में कुछ सुराग मिले हैं, लेकिन अभी भी आरोपियों की तह तक पुलिस नहीं पहुंची है।

 पुलिस अब तक हिंसा की साजिश में शामिल आरोपियों आदित्य, पवन, मोहिंदर और गोबी राम को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इनमें से दो आरोपियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हो चुका है। इसके बावजूद दोनों आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल सका है। लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद भी दोनों आरोपी कहां है, यह पुलिस के लिए अब भी बड़ा सवाल है। दोनों के गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुके हैं, बावजूद इसके आरोपियों का सुराग क्यों नहीं मिल रहा है।
 डेरा प्रमुख को फरार कराने की साजिश किसके इशारे पर रची गई, यह अभी भी एक बड़ा सवाल है। इसी तरह हनीप्रीत भी पुलिस को 38 दिनों तक चकमा देती रही और पुलिस अलग अलग राज्यों में छापामारी करती रही। आखिरकार हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ कि वह पंजाब, राजस्थान में ही पनाह ले रही थी। लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद भी जब पड़ोसी राज्यों से भी आरोपियों का सुराग नहीं मिल सका है तो ऐसे लुक आउट नोटिस का क्या मतलब।
 आदित्य और पवन इंसा के बारे में पुलिस को अगर कोई अहम सुराग मिले हैं तो उनकी गिरफ्तारी हो जाती। लेकिन दो महीने बाद भी हिंसा की साजिश के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होना एक बड़ा सवाल है। दूसरी ओर, दंगे कराने में राम सिंह चेयरमैन के नाम से मशहूर आरोपी का नाम सामने आया था। इसका खुलासा चमकौर सिंह ने पुलिस रिमांड में किया था। चमकौर सिंह ने पुलिस को बताया था कि पंचकूला में 25 अगस्त को हिंसा के लिए उसने राम सिंह को 18 लाख रुपये दिए थे।
इसका जिक्र पुलिस ने डिस्क्लोजर रिपोर्ट में भी किया है। इतना ही नहीं पंचकूला में हिंसा के लिए सिरसा में 17 अगस्त को आयोजित मीटिंग में भी राम सिंह शामिल था। मीटिंग के बाद चमकौर सिंह ने राम सिंह को पंचकूला में दंगा कराने के लिए पैसे दिए थे। सवाल ये है कि मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद भी सेवा, सुरक्षा व सहयोग का नारा लगाने वाली पुलिस ने राम सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं की।
18 सितंबर को पुलिस ने भेजा था राम सिंह को नोटिस   
चमकौर सिंह की गिरफ्तारी के बाद 18 सितंबर को पुलिस ने राम सिंह चेयरमैन को नोटिस भेजा था। लेकिन वह पुलिस के सामने पेश नहीं हुआ। उसके बाद पुलिस ने अदालत को बताया कि राम सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। पुलिस के मुताबिक राम सिंह ने हाईकोर्ट में बेल के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन अदालत ने शुक्रवार को बेल याचिका खारिज कर दी है।  
 पुलिस राम सिंह को गिरफ्तार करेगी
एसआईटी इंचार्ज एसीपी मुकेश मल्होत्रा ने बताया कि राम सिंह चेयरमैन का पंचकूला में 25 अगस्त को हुए दंगे में अहम भूमिका है। वह मेन आरोपी है। उसने हाईकोर्ट में बेल के लिए याचिका भी दायर भी की थी। लेकिन अदालत ने उसकी याचिका रिजेक्ट कर दी है। एसीपी ने कहा कि पुलिस जल्द उसे गिरफ्तार करेगी। 
 पुलिस नंबरों की लोकेशन को ट्रेस करने में जुटी
45 सदस्यीय कमेटी जिसमें हनीप्रीत, आदित्य, राम सिंह चेयरमैन, चमकौर सिंह गोपाल, पवन, बाबा का पीए राकेश अरोड़ा, एमएसजी का डायरेक्टर सीपी अरोड़ा, गोबीराम, दलबीर सिंह, खरैती लाल, पवन, दान सिंह, लालचंद, दरबारा सिंह, दिलावर सिंह सहित अन्य हैं। इनके मोबाइल लोकेशन भी पुलिस ट्रेस करने में जुटी है, ताकि ये पता चल सके कि 17 अगस्त को हुई मीटिंग में कौन कौन लोग शामिल थे।
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