बड़ी खबर: वडोदरा की कंपनी ने बैंकों को लगाया 2654 करोड़ का चूना

बड़ी खबर: वडोदरा की कंपनी ने बैंकों को लगाया 2654 करोड़ का चूना

पीएनबी को हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरफ से 13000 करोड़ रुपये का चूना लगाए जाने के बाद बैंक फ्रॉड का एक और मामला सामने आया है. यह मामला वडोदरा की बिजली केबल बनाने वाली कंपनी से जुड़ा बताया जा रहा है. इस मामले में सीबीआई ने विभिन्न बैंकों के साथ कथित तौर पर 2654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिये कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया. यह कंपनी बिजली केबल और उपकरणों का कारोबार करती है. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (DPIL) और उसके निदेशकों के वडोदरा स्थित आधिकारिक और आवासीय परिसरों की तलाशी ली.बड़ी खबर: वडोदरा की कंपनी ने बैंकों को लगाया 2654 करोड़ का चूना

11 बैंकों से लिया था लोन
सीबीआई ने आरोप लगाया कि डीपीआईएल के प्रमोटर एसएन भटनागर और उनके बेटे अमित भटनागर और सुमित भटनागर कंपनी के अधिकारी हैं. सीबीआई ने कहा कि इस कर्ज को 2016-17 में एनपीए घोषित कर दिया गया. सीबीआई ने कहा, ‘यह आरोप लगाया जाता है कि डीपीआईएल ने अपने प्रबंधन के जरिये फर्जी तरीके से 11 बैंकों (सार्वजनिक और निजी) के समूह से 2008 से ऋण सुविधा हासिल की और 29 जून 2016 तक उसपर 2654.40 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था.’

डिफॉल्टरों की लिस्ट में शामिल हुआ नाम
एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंपनी और उसके प्रबंधक मियादी ऋण और कर्ज सुविधाएं इस तथ्य के बावजूद हासिल करने में कामयाब रहे कि बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा शुरुआती साख सीमा को मंजूरी दिये जाने के दौरान उनका नाम भारतीय रिजर्व बैंक की डिफॉल्टरों की सूची और ईसीजीसी (एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) की चेतावनी सूची में शामिल था.

साल 2008 में बैंकों के समूह के गठन के समय एक्सिस बैंक मियादी ऋण के लिये अग्रणी बैंक था जबकि बैंक ऑफ इंडिया नकदी ऋण सीमा के लिये अग्रणी बैंक था. सीबीआई ने आरोप लगाया कि डीपीआईएल ने बड़ी संख्या में लेटर ऑफ क्रेडिट (LoC) हासिल करने के लिए कैश क्रेडिट लिमिट्स का जमकर इस्तेमाल किया था.

इन बैंकों का इतना बकाया

  • बैंक ऑफ इंडिया–670.51 करोड़ रुपये
  • बैंक ऑफ बड़ौदा–348.99 करोड़ रुपये
  • आईसीआईसीआई बैंक–279.46 करोड़ रुपये
 
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