बड़ी खबर: 1 अप्रैल से बदलेंगे यह 12 नियम: एजुकेशन सेस हो जाएगा तीन से चार फीसदी

बड़ी खबर: 1 अप्रैल से बदलेंगे यह 12 नियम: एजुकेशन सेस हो जाएगा तीन से चार फीसदी

एक अप्रैल से इस साल बजट में किए गए अहम बदलाव लागू हो जाएंगे। सिर्फ टैक्स से जुड़े आठ बदलाव होंगे। आइए जानते हैं कि नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत से कौन-कौन से नियम बदलने वाले हैं। टैक्स से जुड़े बदलाव। बड़ी खबर: 1 अप्रैल से बदलेंगे यह 12 नियम: एजुकेशन सेस हो जाएगा तीन से चार फीसदी

1. स्टैंडर्ड डिडक्शन: नौकरीपेशा वर्ग को 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, लेकिन ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल अलाउंस खत्म हो जाएगा।

2. शेयर बाजार से कमाई पर टैक्स: शेयर बाजार और इक्विटी लिंक्ड फंड में निवेश से मिलने वाले लांग टर्म कैपिटल गेन पर अगर एक लाख से ज्यादा कमाई होती है, तो दस फीसदी एलटीसीजी टैक्स देना होगा।

3. चार फीसदी सेस: आयकर पर लगने वाला एजुकेशन सेस तीन से बढ़कर चार फीसदी हो जाएगा।
 
4. एनपीएस पर टैक्स नहीं देना होगा: सेल्फ इंप्लायड एनपीएस खाता धारकों को खाता बंद करने के दौरान कुल फंड की 40 फीसदी राशि पर टैक्स नहीं देना होगा। वेतन भोगियों को यह सुविधा पहले से मिल रही है।

5. स्वास्थ्य बीमा योजना पर ज्यादा टैक्स छूट: कई साल तक लगातार बीमा भरने वालों को कंपनियां कुछ छूट देती हैं। पहले बीमा लेने वाले 25 हजार तक की रकम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते थे, लेकिन एक अप्रैल से बीमा अवधि के अनुपात में छूट मिलेगी। यानी अगर दो साल में बीस-बीस हजार प्रीमियम दिया है, तो 40 हजार पर टैक्स छूट मिलेगी।

6. पीएम वय वंदना योजना का विस्तार: इस योजना के तहत निवेश की सीमा 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है। इसमें आठ फीसदी ब्याज मिलता है। 

वरिष्ठ नागरिकों को लाभ

7. निवेश से मिले ब्याज में छूट: वरिष्ठ नागरिकों को पोस्ट ऑफिस या बैंक में जमा रकम पर 50 हजार रुपये तक का ब्याज मिलता है, तो उन्हें कोई टैक्स नहीं भरना होगा।
 
8. इलाज खर्च पर टैक्स में राहत: कुछ गंभीर बीमारियों पर मिलने वाली टैक्स छूट 60-80 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। 

चार अन्य अहम बदलाव

9. ई-वे बिल: 50 हजार रुपये से ज्यादा का सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर ट्रांसपोर्टरों को ई-वे बिल रखना होगा। इसमें टैक्स छूट वाले सामान शामिल नहीं होंगे।

10. कार पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का प्रीमियम कम होगा।

11. एसबीआई ने न्यूनतम बैलेंस पर लगने वाला चार्ज कम दिया है।
 
12. बेस रेट पर लोन लेने वालों को एमसीएलआर का फायदा मिलेगा। यानी हर महीने बैंक की ओर से होने वाली एमसीएलआर में संशोधन से ईएमआई बदलेगी। 

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