बढ़ती उम्र के साथ रखना होगा हेल्थ का खास ध्यान, अन्यथा हो सकती है कई बीमारिया

जैसे कि हम सभी उम्र और सेहत के सम्बन्ध से अच्छी तरह वाकिफ हैं. ये जानते हुए भी हम इस ओर ध्यान नहीं देते है तथा लापरवाही बरतते है। कभी कभी हमारा अच्छा खाना और आरामदायक लाइफस्टाइल इन दोनों के रिश्ते को पूरी तरह से बिगाड़ने का काम करती है। जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर काफी तेज़ी के साथ होता है.दिनों-दिन बढ़ती उम्र के साथ-साथ  सेहत में भी गिरावट आने लगता है तथा जिसमे बरती गई थोड़ी सी भी लापरवाही कई प्रकार की नई बीमारियों को जन्म दे सकती है। यदि वहीं हम इस ओर ध्यान देकर बुढ़ापे में आने वाली समस्याओं के प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते है।

बढ़ती उम्र के साथ बॉडी के अंग भी कमज़ोर हो जाते है जिस से बुजुर्गों को पाचन-तंत्र संबंधी होने वाली समस्याएं भी बहुत परेशान करती हैं। आमतौर पर उन्हें जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उनमें कब्ज, पेट में गैस और सीने में जलन आदि प्रमुख हैं। इन परेशानियों का एक प्रमुख कारण यह भी है कि दांतों और जबड़ों की कमजोरी के कारण बुजुर्ग ढंग से चबाकर नहीं खा पाते, इससे उनके सलाइवा में भोजन को पचाने में सहायक जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स नहीं बन पाते। बढ़ती उम्र के साथ सांस कि समस्या भी बढ़ जाती है। जिसके कारण बुजुर्ग व्यक्ति खाना खाते समय मुँह खुला रखते है.जिसके कारण खाने के साथ-साथ हवा भी अंदर प्रवेश करती है.जिससे कि आंतों के कार्य करने की गति धीमी हो जाती है। इसके अलावा हमारे भोजन की नली और आंत के बीच एक वन-वे वॉल्व होता है, जो कि एक ही तरफ खुलता है। उम्र के बढ़ने साथ यह वॉल्व ढीला पड़ जाता है और यह दोनों तरफ खुलने लगता है। इससे थोड़ा खाना आंतों के अंदर जाता है और थोड़ा बाहर वापस आ जाता है। इन्हीं कारणों से बुजुर्गों को बार-बार डकार आने और बदहजमी जैसी समस्याएं होती हैं।

इसके लिए जरुरी है, कि ज्यादा पानी पीएं और फाइबर युक्त चीज़ें जैसे दलिया, ओट्स, पपीता, अनार, अमरूद, सेब और संतरा जैसे फलों का नियमित रूप से सेवन करें। तैली खाना और जंक फ़ूड से दुरी बनांए रखना अतिआवश्यक है.सुबह शौच जाने से पहले भी अच्छी मात्रा में पानी पीकर कुछ देर टहलने की आदत डालें। इससे आपको प्रेशर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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