भगोड़े कारोबारियों पर लगाम लगाने वाला बिल संसद में पेश, 100 करोड़ के फ्रॉड पर संपत्ति होगी अटैच

भगोड़े कारोबारियों पर लगाम लगाने वाला बिल संसद में पेश, 100 करोड़ के फ्रॉड पर संपत्ति होगी अटैच

वित्तीय फ्रॉड कर देश से भागने वाले कारोबारियों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने लोकसभा में नया विधेयक पेश कर दिया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए महाघोटाले के बाद अब केंद्र सरकार उन लोन डिफॉल्टर्स पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जो देश को करोड़ों रुपये की चपत लगाकर विदेश चले गए हैं।भगोड़े कारोबारियों पर लगाम लगाने वाला बिल संसद में पेश, 100 करोड़ के फ्रॉड पर संपत्ति होगी अटैच

रिपोर्ट्स के मुताबिक विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी व अन्य की संपत्तियों को जब्त करने पर विचार चल रहा है। साथ ही ऐसे मामलों पर भी नजर रखी जा रही है, जहां धोखाधड़ी के आसार हो सकते हैं।

यह स्थिति तबतक बनी रहेगी जबतक भगोड़ा वापस आ कर न्यायिक प्रक्रिया में शामिल नहीं हो जाता। सरकार ने 9000 करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भागने वाले शराब व्यवसायी और राज्यसभा सांसद विजय माल्या प्रकरण के बाद ऐसे कानून बनाने का फैसला किया था। पिछले साल मई से इसपर काम चल रहा है। 

100 करोड़ का घपला करने वालों पर होगी सख्ती
करीब 100 करोड़ से ज्यादा के लोन डिफॉल्टर्स के खिलाफ ऐसे सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।नेशनल फाइनेंसियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी के साथ डिफॉल्टर्स पर किस तरह से सख्ती लगाई जाए इस पर बातचीत करने के बाद केंद्र सरकार यह बिल पेश किया है। 

50 करोड़ से ज्यादा लोन लेने वालों पर भी नजर

बैंकों से यह कहा गया है कि 50 करोड़ रुपये से ऊपर के लेने देन पर खासा ध्यान दिया जाए, क्योंकि यहां संभवत: धोखाधड़ी हो सकती है। इतना ही नहीं जिन्हें 250 करोड़ रुपये के लोन दिए गए हैं, उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखी जाए।

आर्थिक अपराध कर देश छोड़कर भागने वालों के लिए ऐसा कानून कई देशों में लागू है। कानून मंत्रालय ने इस मामले में अपनी सहमति दे दी है। इस विधेयक को भगोड़ा आर्थिक अपराधी नाम दिया गया है।

यह लोग घोषित होंगे भगोड़ा आर्थिक अपराधी
भगोड़ा आर्थिक अपराधी की श्रेणी में वह शख्स आएगा जो इस अपराध में जारी वारंट से बचने केलिए विदेश भाग गया हो। सूत्रों के मुताबिक इस मसौदे में आर्थिक अपराध रोकने के मौजूदा कई कानूनों का समावेश होगा।

मसौदे में आर्थिक भगोड़े के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरु करने का आधिकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिया जाएगा। ईडी इसके लिए काले धन को सफेद बनाने के बचाव संबंधी कानून पीएमएलए के प्रावधानों का इस्तेमाल करेगा। 

पीएमएलए के तहत कर्ज देने वालों के डूबे धन की भरपाई कर्जदार के जब्त संपत्ति से की जा सकती है। इस कानून में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून, सेबी और कस्टम और एक्साईज कानून के प्रावधानों को शामिल किया जा रहा है।

पीएनबी महाघोटाले के बाद लाया जा रहा है कानून
पीएनबी के साथ नीरव मोदी ने करीब 12,600 करोड़ का घोटाला किया है और वह देश से फरार हो गया है। इस घोटाले के सामने आने के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस ने नीरव ही नहीं विजय माल्या पर भी केंद्र सरकार को घेरा है।

कांग्रेस का कहना है कि विजय माल्या, नीरव और मेहुल चोकसी जैसे लोग कानून की धज्जियां उड़ाते हैं और फिर एजेंसियों के साथ जांच में सहयोग भी नहीं करते।

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