संजय प्रधान के मुताबिक, यह रकम तीन किश्तों में दी गई। प्रधान का आरोप है कि संगीत सोम ने उन्हें खुद फोन करके पैसे मांगे थे, लेकिन पैसे देने के बावजूद उन्हें ठेका नहीं मिला। जब उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी, तो विधायक के गुर्गों ने उन्हें टकराना शुरू कर दिया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं। इस मामले की जांच एसपी देहात राजेश कुमार करेंगे। विधायक संगीत सोम का विवादों से पुराना नाता रहा है। संगीत सोम इससे पहले भी रुपयों के लेनदेन के विवाद में कई बार फंस चुके हैं। इससे पहले उनके ईंट भट्टा कारोबार के पार्टनर ने 18 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था। हकीकत तो जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन घाट गांव के प्रधान संजय कुमार ने सरधना विधायक संगीत सोम पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी पैदा कर दी है। आरोप यह कि विधायक ने निर्माण कार्य का ठेका दिलाने का आश्वासन देकर 43 लाख रुपये ले लिए। इसके साल भर बाद भी न ठेका मिला, न ही पैसे वापस किए। एसएसपी ने इसकी जांच एसपी देहात को सौंप दी है। संजय कुमार भाजपा जिला कार्यकारिणी के सदस्य हैं और ठेकेदारी भी करते हैं। उनका कहना है कि पुलिस उनकी रकम वापस दिलाए, वरना वह सर्वसमाज की पंचायत बुलाएंगे। कोई सुबूत नहीं दिया प्रधान ने एसएसपी से लिखित शिकायत की है। इस शिकायत में उन्होंने संगीत सोम को पैसे देने का का कोई सुबूत नहीं दिया है। किश्तों में धन देने का दावा प्रधान का 15 जुलाई 2017 को विधायक प्रतिनिधि शेखर सोम को 15 लाख रुपये देने का दावा है। इसके बाद 26 जुलाई 2017 को विधायक संगीत सोम ने फोन करके होटल ग्रांड फाइव के मालिक को 25 लाख रुपये देने को कहा था। प्रधान ने फोन आने के बाद रोबिन को 25 लाख रुपये देने का दावा किया है। 20 अगस्त 2017 को तीन लाख रुपये विधायक के भाई सागर सोम को देने का दावा। मैं संजय कुमार को नहीं जानता इस आरोप पर विधायक संगीत सोम ने कहा कि मैं घाट गांव के प्रधान संजय कुमार को जानता तक नहीं हूं। मुझ पर उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, बिल्कुल बेबुनियाद हैं। मैंने किसी का पैसा नहीं हड़पा है। ऐसी क्या जल्दी थी कि रात में पहुंच गए शिकायत करने बकौल संजय प्रधान, यह मामला करीब सालभर पहले का है। इसकी शिकायत करने के लिए शनिवार को रात आठ बजे के बाद एसएसपी आवास पहुंचे थे। सवाल अब यह कि वह रात में क्यों गए। ऐसी भी क्या जल्दी थी।

भाजपा के चर्चित विधायक संगीत सोम पर 43 लाख रुपया हड़पने का आरोप, विधायक ने नकारा

मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान चर्चा में आए भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम अक्सर ही सुर्खियों में रहते हैं। मेरठ के सरधना से विधायक सोम पर काम दिलाने के नाम पर 43 लाख रुपया लेने का आरोप है।संजय प्रधान के मुताबिक, यह रकम तीन किश्तों में दी गई। प्रधान का आरोप है कि संगीत सोम ने उन्हें खुद फोन करके पैसे मांगे थे, लेकिन पैसे देने के बावजूद उन्हें ठेका नहीं मिला। जब उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी, तो विधायक के गुर्गों ने उन्हें टकराना शुरू कर दिया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं। इस मामले की जांच एसपी देहात राजेश कुमार करेंगे। विधायक संगीत सोम का विवादों से पुराना नाता रहा है। संगीत सोम इससे पहले भी रुपयों के लेनदेन के विवाद में कई बार फंस चुके हैं। इससे पहले उनके ईंट भट्टा कारोबार के पार्टनर ने 18 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था।    हकीकत तो जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन घाट गांव के प्रधान संजय कुमार ने सरधना विधायक संगीत सोम पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी पैदा कर दी है। आरोप यह कि विधायक ने निर्माण कार्य का ठेका दिलाने का आश्वासन देकर 43 लाख रुपये ले लिए। इसके साल भर बाद भी न ठेका मिला, न ही पैसे वापस किए। एसएसपी ने इसकी जांच एसपी देहात को सौंप दी है। संजय कुमार भाजपा जिला कार्यकारिणी के सदस्य हैं और ठेकेदारी भी करते हैं। उनका कहना है कि पुलिस उनकी रकम वापस दिलाए, वरना वह सर्वसमाज की पंचायत बुलाएंगे।  कोई सुबूत नहीं दिया  प्रधान ने एसएसपी से लिखित शिकायत की है। इस शिकायत में उन्होंने संगीत सोम को पैसे देने का का कोई सुबूत नहीं दिया है।  किश्तों में धन देने का दावा  प्रधान का 15 जुलाई 2017 को विधायक प्रतिनिधि शेखर सोम को 15 लाख रुपये देने का दावा है। इसके बाद 26 जुलाई 2017 को विधायक संगीत सोम ने फोन करके होटल ग्रांड फाइव के मालिक को 25 लाख रुपये देने को कहा था। प्रधान ने फोन आने के बाद रोबिन को 25 लाख रुपये देने का दावा किया है। 20 अगस्त 2017 को तीन लाख रुपये विधायक के भाई सागर सोम को देने का दावा।  मैं संजय कुमार को नहीं जानता  इस आरोप पर विधायक संगीत सोम ने कहा कि मैं घाट गांव के प्रधान संजय कुमार को जानता तक नहीं हूं। मुझ पर उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, बिल्कुल बेबुनियाद हैं। मैंने किसी का पैसा नहीं हड़पा है।  ऐसी क्या जल्दी थी कि रात में पहुंच गए शिकायत करने  बकौल संजय प्रधान, यह मामला करीब सालभर पहले का है। इसकी शिकायत करने के लिए शनिवार को रात आठ बजे के बाद एसएसपी आवास पहुंचे थे। सवाल अब यह कि वह रात में क्यों गए। ऐसी भी क्या जल्दी थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव पर रिश्वत लेने के गंभीर आरोप के तीन दिन बाद ही भाजपा विधायक पर काम दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप सरकार को फिर कठघरे में ला रहा है। विधायक संगीत सोम पर उनकी पार्टी के ही एक नेता ने काम दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इसके बाद मेरठ के एसएसपी राजेश कुमार पाण्डेय ने जांच का आदेश दिया है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता और मेरठ की सरधना सीट से विधायक संगीत सोम पर घूस लेने का आरोप लगा है। मेरठ के एक ठेकेदार ने सोम पर सरकारी ठेका दिलाने के बदले 43 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है। संजय प्रधान नाम के ठेकेदार का आरोप है कि रिश्वत की रकम देने के बावजूद न तो उसे ठेका मिला और न ही रकम वापस मिली। यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने पीडि़त ठेकेदार की तहरीर पर जांच शुरू कर दी है।

मेरठ के घाट गांव के प्रधान संजय कल रात में एसएसपी आवास पहुंचे। यहां उन्होंने एक लिखित शिकायत दी और भाजपा के सरधना सीट के विधायक संगीत सोम पर गंभीर आरोप लगाए। संजय प्रधान ने बताया कि वह पीडब्ल्यूडी और अन्य विभाग में ठेकेदारी का काम करते हैं। मेरठ के दादरी में सरकारी कॉलेज बनाने का ठेका दिलाने के एवज में विधायक संगीत सोम ने उनसे 43 लाख रुपये की मांग की थी।

संजय प्रधान के मुताबिक, यह रकम तीन किश्तों में दी गई। प्रधान का आरोप है कि संगीत सोम ने उन्हें खुद फोन करके पैसे मांगे थे, लेकिन पैसे देने के बावजूद उन्हें ठेका नहीं मिला। जब उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी, तो विधायक के गुर्गों ने उन्हें टकराना शुरू कर दिया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं। इस मामले की जांच एसपी देहात राजेश कुमार करेंगे। विधायक संगीत सोम का विवादों से पुराना नाता रहा है। संगीत सोम इससे पहले भी रुपयों के लेनदेन के विवाद में कई बार फंस चुके हैं। इससे पहले उनके ईंट भट्टा कारोबार के पार्टनर ने 18 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था।

हकीकत तो जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन घाट गांव के प्रधान संजय कुमार ने सरधना विधायक संगीत सोम पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी पैदा कर दी है। आरोप यह कि विधायक ने निर्माण कार्य का ठेका दिलाने का आश्वासन देकर 43 लाख रुपये ले लिए। इसके साल भर बाद भी न ठेका मिला, न ही पैसे वापस किए। एसएसपी ने इसकी जांच एसपी देहात को सौंप दी है। संजय कुमार भाजपा जिला कार्यकारिणी के सदस्य हैं और ठेकेदारी भी करते हैं। उनका कहना है कि पुलिस उनकी रकम वापस दिलाए, वरना वह सर्वसमाज की पंचायत बुलाएंगे।

कोई सुबूत नहीं दिया

प्रधान ने एसएसपी से लिखित शिकायत की है। इस शिकायत में उन्होंने संगीत सोम को पैसे देने का का कोई सुबूत नहीं दिया है।

किश्तों में धन देने का दावा

प्रधान का 15 जुलाई 2017 को विधायक प्रतिनिधि शेखर सोम को 15 लाख रुपये देने का दावा है। इसके बाद 26 जुलाई 2017 को विधायक संगीत सोम ने फोन करके होटल ग्रांड फाइव के मालिक को 25 लाख रुपये देने को कहा था। प्रधान ने फोन आने के बाद रोबिन को 25 लाख रुपये देने का दावा किया है। 20 अगस्त 2017 को तीन लाख रुपये विधायक के भाई सागर सोम को देने का दावा।

मैं संजय कुमार को नहीं जानता

इस आरोप पर विधायक संगीत सोम ने कहा कि मैं घाट गांव के प्रधान संजय कुमार को जानता तक नहीं हूं। मुझ पर उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, बिल्कुल बेबुनियाद हैं। मैंने किसी का पैसा नहीं हड़पा है।

ऐसी क्या जल्दी थी कि रात में पहुंच गए शिकायत करने

बकौल संजय प्रधान, यह मामला करीब सालभर पहले का है। इसकी शिकायत करने के लिए शनिवार को रात आठ बजे के बाद एसएसपी आवास पहुंचे थे। सवाल अब यह कि वह रात में क्यों गए। ऐसी भी क्या जल्दी थी। 

 
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