भारत-चीन: आपस में ही भिड़े गृह व रक्षा मंत्रालय, पीएम के पास पहूँचा मामला

सिक्किम में चीनी सैनिकों के घुसपैठ के बाद भारत और चीन के बीच बढ़ा तनाव अभी कम नहीं हुआ है लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के दो मंत्रालयों आपस में ही उलझे पड़े हैं। देश के गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) पर अधिकार को लेकर तनातनी चल रही है। आईटीबीपी ही चीन से लगी 3488 किलोमीटर सीमा की निगरानी करती है।सिक्किम में चीनी सैनिकों के घुसपैठ के बाद भारत और चीन के बीच बढ़ा तनाव अभी कम नहीं हुआ है लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के दो मंत्रालयों आपस में ही उलझे पड़े हैं। देश के गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) पर अधिकार को लेकर तनातनी चल रही है। आईटीबीपी ही चीन से लगी 3488 किलोमीटर सीमा की निगरानी करती है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना ने अर्ध-सैनिक बलों पर नियंत्रण की मांग दोहरायी है जिस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐतराज जताया। अखबार ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि मामला अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में पहुंच गया है। मनोहर पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद से ही रक्षा मंत्रालय का प्रभार अरुण जेटली के पास है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने द टेलीग्राफ को बताया कि आईटीबीपी पर नियंत्रण को लेकर रक्षा और गृह मंत्रालय के बीच रार पुराना है। अधिकारी के अनुसार लेकिन इस बार ये मुद्दा सिक्किम के डोको ला इलाके में चीन के संग विवाद के दौरान ही उभर गया है। अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना का कहना है कि अर्ध-सैनिक बल के पास चीन सीमा की निगरानी करने के लिए जरूरी संसाधान नहीं हैं। भारतीय सेना को लग रहा है कि चीन सीमा पर खतरे की आशंका है इसलिए वो चाहती है कि आईटीबीपी पर उसका नियंत्रण रहे। भारतीय सेना ने पिछले कुछ समय में लद्दाख और सिक्किम में चीन द्वारा किए जा रहे घुसपैठ एवं अन्य टकराव का हवाला देते हुए ये मांग रखी है। अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से लगने वाली भारत-चीन सीमा की निगरानी का काम आईटीबीपी ही करती है। गृह मंत्राल ने सेना की मांग पर यह कहकर ऐतराज जताया है कि परंपरागत रूप से सीमा की सुरक्षा अर्ध-सैनिक बल करते हैं और सेना पहली रक्षा-पंक्ति के पीछे रहती है। गृह मंत्रालय ने अपने तर्क के समर्थन में हवाला देते हुआ कहा कि चीन की तरफ से भी सीमा पर अर्ध-सैनिक बल ही तैनात हैं। गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में साफ किया है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगने वाली सीमा की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) करता है। वहीं नेपाल और भूटान से लगने वाली भारतीय सीमा की सुरक्षा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) करता है। बीएसएफ और एसएसबी दोनों ही अर्ध-सैनिक बल हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने टेलीग्राफ को बताया कि मंत्रालय आईटीबीपी को रक्षा मंत्रालय को नहीं देना चाहता। चीन से ताजा विवाद के बाद आईटीबीपी के तीन हजार अतिरिक्त जवान विवादित इलाके में तैनात किए गए हैं। जब द टेलीग्राफ ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता से दोनों मंत्रालयों के बीच तनातनी के बाबत पूछा तो उन्होंने ऐसी कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया।

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना ने अर्ध-सैनिक बलों पर नियंत्रण की मांग दोहरायी है जिस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐतराज जताया। अखबार ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि मामला अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में पहुंच गया है। मनोहर पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद से ही रक्षा मंत्रालय का प्रभार अरुण जेटली के पास है।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने द टेलीग्राफ को बताया कि आईटीबीपी पर नियंत्रण को लेकर रक्षा और गृह मंत्रालय के बीच रार पुराना है। अधिकारी के अनुसार लेकिन इस बार ये मुद्दा सिक्किम के डोको ला इलाके में चीन के संग विवाद के दौरान ही उभर गया है। अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना का कहना है कि अर्ध-सैनिक बल के पास चीन सीमा की निगरानी करने के  लिए जरूरी संसाधान नहीं हैं। भारतीय सेना को लग रहा है कि चीन सीमा पर खतरे की आशंका है इसलिए वो चाहती है कि आईटीबीपी पर उसका नियंत्रण रहे।  भारतीय सेना ने पिछले कुछ समय में लद्दाख और सिक्किम में चीन द्वारा किए जा रहे घुसपैठ एवं अन्य टकराव का हवाला देते हुए ये मांग रखी है।

 

अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से लगने वाली भारत-चीन सीमा की निगरानी का काम आईटीबीपी ही करती है। गृह मंत्राल ने सेना की मांग पर यह कहकर ऐतराज जताया है कि परंपरागत रूप से सीमा की सुरक्षा अर्ध-सैनिक बल करते हैं और सेना पहली रक्षा-पंक्ति के पीछे रहती है। गृह मंत्रालय ने अपने तर्क के समर्थन में हवाला देते हुआ कहा कि चीन की तरफ से भी सीमा पर अर्ध-सैनिक बल ही तैनात हैं।

गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में साफ किया है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगने वाली सीमा की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) करता है। वहीं नेपाल और भूटान से लगने वाली भारतीय सीमा की सुरक्षा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) करता है। बीएसएफ और एसएसबी दोनों ही अर्ध-सैनिक बल हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने टेलीग्राफ को बताया कि मंत्रालय आईटीबीपी को रक्षा मंत्रालय को नहीं देना चाहता। चीन से ताजा विवाद के बाद आईटीबीपी के तीन हजार अतिरिक्त जवान विवादित इलाके में तैनात किए गए हैं। जब द टेलीग्राफ ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता से दोनों मंत्रालयों के बीच तनातनी के बाबत पूछा तो उन्होंने ऐसी कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया।

 
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