मध्यस्थ्ता कमिटी आज स्पेशल हेलिकॉप्टर से अयोध्या पहुंचेगी, सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

लखनऊ: अयोध्या मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमिटी के सदस्य मंगलवार को अयोध्या पहुंच रही हैं। टीम स्पेशल हेलिकॉप्टर से अयोध्या पहुंचेगी। डीएम अनुज झा का कहना है कि कमिटी के सदस्य श्री श्री रवि शंकर, रिटायर्ड जस्टिस कलीफु लला और श्रीराम पंचू अवध यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में ठहरेंगे। इस गेस्ट हाउस में विशेष इंतजाम किए गए हैं। कमिटी के सदस्यों के रुकने और मध्यस्थता के लिए अलग-अलग कमरे तैयार किए गए हैं।


डीएम के मुताबिक मध्यस्थता कमिटी के बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए कमिटी के सदस्य ही अधिकृत है। जब वे बात करना चाहेंगेए तभी मीडिया को सूचना दी जाएगी। जिला प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर दी है। सूत्रों की मानें तो मध्यस्थता के दौरान दोनों पक्षों के बीच जो भी बातचीत होगी उसके पॉइंटर टाइप किए जाएंगे। इसके लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के टाइपिस्ट भी यहां मौजूद रहेंगे। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि मध्यस्थता कमिटी का जो कार्यक्रम आया है उसके तहत वे तीन दिनों तक यहां रुक सकते हैं।

बाचतीत के आधार पर कमिटी के आगे का कार्यक्रम निर्धारित होगा। फिलहाल जिला प्रशासन ने सारे इंतजाम कर लिए हैं। यूनिवर्सिटी के इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट के गेस्ट हाउस में कड़ी सुरक्षा की गई है। वहां पर सिर्फ अधिकृत लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। वहां न तो मीडिया जा सकेगी न ही यूनिवर्सिटी का कोई स्टाफ । मंदिर.मस्जिद विवाद सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित 3 सदस्यीय पैनल के अयोध्या पहुंचने से पहले ही पैनल में शामिल लोगों के नामों पर विवाद शुरू हो गया है।

सोमवार शाम को राष्ट्रीय मुस्लिम संघ की 3 सदस्यीय टीम मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी से मिलने पहुंची। लोगों ने आपस में कुछ देर चर्चा की। इकबाल अंसारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से बनाए गए मध्यस्थता पैनल पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का हम सभी लोग सम्मान करते हैं। कोर्ट द्वारा बनाए गए पैनल से कोई हल निकले यह सभी लोग चाहते हैंए लेकिन श्री श्री रविशंकर का विरोध अयोध्या के साधु.संत कर रहे हैं। जहां पर संत महात्मा नहीं हैं वहां हम भी नहीं हैं। अयोध्या के साधु.संतों के बिना सुलह समझौता कोई मायने नहीं रखता है।

उन्होंने न्यायालय से मांग की पैनल में कुछ और लोगों को शामिल किया जाए। राष्ट्रीय मुस्लिम संघ के अध्यक्ष अजीम सिद्दीकी ने कहा कि इस फैसले पर सारी दुनिया के मुसलमानों की नजर है।

हम लोग हमेशा कहते आए हैं कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगेए लेकिन आसानी से हम अपनी जगह नहीं दे सकते। हम केवल कोर्ट का ही फैसला मानेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े.बड़े विवाद आखिर में मध्यस्थता की टेबल पर ही हल होते हैंए लेकिन सुलह में कुछ लें और कुछ दें की पॉलिसी होनी चाहिए। वह भी साफ दिल से। वहीं ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद ऐक्श कमिटी के समन्वयक जफरयाब जिलानी ने भी एक बैठक बुलाई है। बैठक यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित की जा रही है। जफरयाब जिलानी ने बताया कि इस बैठक में अयोध्या मुद्दे को लेकर चर्चा होगी।

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