मध्य प्रदेश में ‘शराबबंदी’! नर्मदा किनारे 5 किमी के दायरे में नहीं मिलेगी शराब

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सराहना किए जाने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शराब पर पाबंदी को लेकर सक्रिय हो गए हैं। स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को एक बड़ा अभियान शुरू किया और नर्मदा किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में चल रही सभी शराब दुकानों को बंद करने की घोषणा की। बता दें कि पटना साहिब में गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकशवर्ष के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले की सराहना की थी। 
मध्य प्रदेश में 'शराबबंदी'! नर्मदा किनारे 5 किमी के दायरे में नहीं मिलेगी शराब

सोमवार को ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ के तीन किलोमीटर लंबे मार्च को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने उपस्थित जनसमूह से पूछा, ‘आप में से कितने लोग शराब पीना पसंद करते हैं? भीड़ से आवाज आई, नहीं।’ ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी ‘नमामि देवी नर्मदे प्रोजेक्ट’ का अहम हिस्सा है।

जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने शराब से पैदा होने वाली बुराइयों को भी गिनाया। उन्होंने कहा, ‘शराब का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इससे पारिवारिक जीवन भी तबाह हो जाता है। शराब पीने वाले बहुत सारे पुरुष अपनी पत्नियों और बच्चों को गालियां देते हैं और मारपीट करते हैं।’

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शिवराज ने कहा कि शराब से फैलने वाली सामाजिक बुराइयों को देखते हुए ‘मैंने नर्मदा किनारे स्थित सभी शराब दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है, चाहे वो बेदगत, बुधनी या होशंगाबाद हो।’ मुख्यमंत्री के निर्णय से उपस्थित सभी लोग चौंक गए, हालांकि महिलाओं ने जोरदार हर्षध्वनि से मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत किया। 

इसके बाद मुख्यमंत्री ने होशंगाबाद के लोगों के सामने एक और सवाल उछालते हुए कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आप सब लोग मेरे फैसले से खुश होंगे, किसी को निराशा नहीं होगी।’ भीड़ में उपस्थित महिलाओं ने एक बार फिर जोरदार हर्षध्वनि की। 
 

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दुकानों में लगेगी रोज शराब पीने वालों की सूची

सोमवार को मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है। नई नीति के प्रावधानों के मुताबिक शराब विक्रेताओं को रोजाना शराब खरीदने वाले ग्राहकों की सूची रखनी होगी। साथ ही ‘शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’ जैसी वैधानिक चेतावनी को बोतलों पर लिखना होगा। इसके अलावा शराब के सेवन के खिलाफ स्कूली किताबों में पाठ शामिल किए जाएंगे, किसी भी टीवी चैनल पर शराब से संबंधित किसी भी विज्ञापन का प्रसारण नहीं होगा। इससे पहले बीजेपी सरकार ने कहा था कि राज्य में कोई नई शराब दुकान या भट्टी नहीं खुलेगी।
अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार शराब के सेवन के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाने जा रही है। इसके तहत योग कार्यक्रम और मेडिटेशन थेरेपी केंद्र शुरू किए जाएंगे। साथ ही शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए तीसरी बार पकड़े जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल हो जाएंगे। इन सबके अलावा आदतन आबकारी अपराधियों की सूची पुलिस स्टेशन में लगाने का प्रावधान भी शामिल है। राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शराब दुकानें रोजाना शराब खरीदने वाले और पीने वालों की सूची रखेंगी, जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोज शराब पीने वालों की पहचान करना आसान है, इस जानकारी का उपयोग शराब की लत छुड़ाने के लिए इलाज के दौरान हो सकेगा। 

राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार भविष्य में शराब पर पूरी पाबंदी भी लगा सकती है। अधिकारी ने कहा, ‘राज्य सरकार ने पुलिस अधिकारियों की एक टीम गुजरात और बिहार के दौरे पर भेजी है, ताकि पूर्ण शराबबंदी के बाद अपराध दर का अध्ययन किया जा सके।’ टीम के अध्ययन के बाद राज्य सरकार मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर निर्णय ले सकती है। 

हालांकि राज्य के वित्तमंत्री मलैया ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की संभावना से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि अगले साल के लिए आबकारी नीति की घोषणा हो चुकी है। 

 
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