मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी विधायकों की बैठक भी बुलाई है, उस से पहले मुख्यमंत्री ने मराठा नेताओं को चर्चा के लिए निमंत्रण भेजा है. निमंत्रण मराठा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भेजा गया है, सुबह 11 बजे ये मुलाकात होनी है. महाराष्ट्र में मराठा सामज के लोग 16 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 10 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. मराठा आंदोलनकारियों ने कल मुंबई के आजाद मैदान में जेल भरो प्रदर्शन भी किया. आंदोलन के दौरान कई शहरों में हिंसा और आगजनी हुई जिसमें सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारियों हुईं. मराठाओं का आरोप है कि पुलिस ने बेगुनाह लोगों को गिरफ्तार किया है. मराठा नेताओं का कहना है कि जबतक गिरफ्तार आंदोलनकारियों को रिहा नहीं किया जाता वो भी जेल में रहेंगे. 'जेल भरो आंदोलन' को नहीं मिला समर्थन हालांकि, मराठा नेता जेल भरो आंदोलन के दौरान जिस तरह का समर्थन मिलने की बात कह रहे थे. मुंबई के आजाद मैदान में वैसी भीड़ देखने को नहीं मिली. मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर मराठा समाज के 5 लोग अबतक आत्महत्या कर चुके हैं. मराठा क्रांति मोर्चा की मांग है कि सरकार मृतकों के परिवार को 50 लाख मुआवजा दे. मराठा समाज की मुख्य मांगें क्या हैं? महाराष्ट्र में मराठा आबादी 33 फीसदी यानी करीब 4 करोड़ है. मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग की जा रही है. महाराष्ट्र में 72 हजार की मेगा भर्ती पर रोक की मांग हो रही है. शिक्षा के क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग हो रही है. मराठा समाज दलित अत्याचार कानून के गलत इस्तेमाल रोकने की मांग भी कर रहा है. दो साल से चल रहा है आंदोलन आरक्षण के लिए मराठाओं का आंदोलन पिछले दो सालों से चल रहा है. इस आंदोलन का नेतृत्व मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. पिछले दिनों औरंगाबाद में एक युवक की नदी में कूदकर जान देने के बाद आंदोलन हिंसक हो गया. मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, परभणी समेत कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए. आंदोलन का कोई चेहरा नहीं सीएम फडणवीस ने विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण देने का एलान किया है. महाराष्ट्र के अहमदनगर के कोपर्डी में 2016 में मराठा समाज की नाबालिग से गैंगरेप के बाद इस आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया, लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए. इस आंदोलन की सबसे खास बात ये है कि इसका कोई चेहरा नहीं है.

मराठा आरक्षण: सीएम फडणवीस ने बुलाई विधायकों की बैठक, मराठा समाज के लोगों से भी मिलेंगे

मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी विधायकों की बैठक भी बुलाई है, उस से पहले मुख्यमंत्री ने मराठा नेताओं को चर्चा के लिए निमंत्रण भेजा है. निमंत्रण मराठा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भेजा गया है, सुबह 11 बजे ये मुलाकात होनी है. महाराष्ट्र में मराठा सामज के लोग 16 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 10 दिन से आंदोलन कर रहे हैं.मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी विधायकों की बैठक भी बुलाई है, उस से पहले मुख्यमंत्री ने मराठा नेताओं को चर्चा के लिए निमंत्रण भेजा है. निमंत्रण मराठा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भेजा गया है, सुबह 11 बजे ये मुलाकात होनी है. महाराष्ट्र में मराठा सामज के लोग 16 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 10 दिन से आंदोलन कर रहे हैं.   मराठा आंदोलनकारियों ने कल मुंबई के आजाद मैदान में जेल भरो प्रदर्शन भी किया. आंदोलन के दौरान कई शहरों में हिंसा और आगजनी हुई जिसमें सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारियों हुईं. मराठाओं का आरोप है कि पुलिस ने बेगुनाह लोगों को गिरफ्तार किया है. मराठा नेताओं का कहना है कि जबतक गिरफ्तार आंदोलनकारियों को रिहा नहीं किया जाता वो भी जेल में रहेंगे.   'जेल भरो आंदोलन' को नहीं मिला समर्थन हालांकि, मराठा नेता जेल भरो आंदोलन के दौरान जिस तरह का समर्थन मिलने की बात कह रहे थे. मुंबई के आजाद मैदान में वैसी भीड़ देखने को नहीं मिली. मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर मराठा समाज के 5 लोग अबतक आत्महत्या कर चुके हैं. मराठा क्रांति मोर्चा की मांग है कि सरकार मृतकों के परिवार को 50 लाख मुआवजा दे.   मराठा समाज की मुख्य मांगें क्या हैं? महाराष्ट्र में मराठा आबादी 33 फीसदी यानी करीब 4 करोड़ है. मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग की जा रही है. महाराष्ट्र में 72 हजार की मेगा भर्ती पर रोक की मांग हो रही है. शिक्षा के क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग हो रही है. मराठा समाज दलित अत्याचार कानून के गलत इस्तेमाल रोकने की मांग भी कर रहा है.   दो साल से चल रहा है आंदोलन आरक्षण के लिए मराठाओं का आंदोलन पिछले दो सालों से चल रहा है. इस आंदोलन का नेतृत्व मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. पिछले दिनों औरंगाबाद में एक युवक की नदी में कूदकर जान देने के बाद आंदोलन हिंसक हो गया. मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, परभणी समेत कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए.   आंदोलन का कोई चेहरा नहीं सीएम फडणवीस ने विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण देने का एलान किया है. महाराष्ट्र के अहमदनगर के कोपर्डी में 2016 में मराठा समाज की नाबालिग से गैंगरेप के बाद इस आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया, लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए. इस आंदोलन की सबसे खास बात ये है कि इसका कोई चेहरा नहीं है.

मराठा आंदोलनकारियों ने कल मुंबई के आजाद मैदान में जेल भरो प्रदर्शन भी किया. आंदोलन के दौरान कई शहरों में हिंसा और आगजनी हुई जिसमें सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारियों हुईं. मराठाओं का आरोप है कि पुलिस ने बेगुनाह लोगों को गिरफ्तार किया है. मराठा नेताओं का कहना है कि जबतक गिरफ्तार आंदोलनकारियों को रिहा नहीं किया जाता वो भी जेल में रहेंगे.

‘जेल भरो आंदोलन’ को नहीं मिला समर्थन
हालांकि, मराठा नेता जेल भरो आंदोलन के दौरान जिस तरह का समर्थन मिलने की बात कह रहे थे. मुंबई के आजाद मैदान में वैसी भीड़ देखने को नहीं मिली. मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर मराठा समाज के 5 लोग अबतक आत्महत्या कर चुके हैं. मराठा क्रांति मोर्चा की मांग है कि सरकार मृतकों के परिवार को 50 लाख मुआवजा दे.

मराठा समाज की मुख्य मांगें क्या हैं?
महाराष्ट्र में मराठा आबादी 33 फीसदी यानी करीब 4 करोड़ है. मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग की जा रही है. महाराष्ट्र में 72 हजार की मेगा भर्ती पर रोक की मांग हो रही है. शिक्षा के क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग हो रही है. मराठा समाज दलित अत्याचार कानून के गलत इस्तेमाल रोकने की मांग भी कर रहा है.

दो साल से चल रहा है आंदोलन
आरक्षण के लिए मराठाओं का आंदोलन पिछले दो सालों से चल रहा है. इस आंदोलन का नेतृत्व मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. पिछले दिनों औरंगाबाद में एक युवक की नदी में कूदकर जान देने के बाद आंदोलन हिंसक हो गया. मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, परभणी समेत कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए.

आंदोलन का कोई चेहरा नहीं
सीएम फडणवीस ने विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण देने का एलान किया है. महाराष्ट्र के अहमदनगर के कोपर्डी में 2016 में मराठा समाज की नाबालिग से गैंगरेप के बाद इस आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया, लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए. इस आंदोलन की सबसे खास बात ये है कि इसका कोई चेहरा नहीं है.

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