हवाई यात्रा करने वालो का खर्च बढ़ने की खबरे आ रही है. जेट फ्यूल की कीमतें बढ़ना इसका कारन माना जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार मई 2018 के शुरुआती 15 दिनों में हवाई किराया पिछले साल के मुकाबले 17 पर्सेंट तक बढ़ गया है. भारत के ऑनलाइन पोर्टल Yatra.com के सीओओ (बीटूसी) शरत ढल ने बताया, ‘मई की शुरुआत में कई अहम रूट्स पर औसतन किराया अप्रैल के मुकाबले 15 पर्सेंट ज्यादा हो गया है. वहीं, पिछले साल मई की तुलना में इसमें 10 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है.’ शरत ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में एविएशन टरबाइन फ्यूल यानी जेट फ्यूल की कीमत में 6.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी. समर हॉलीडे की डिमांड भी पीक पर है. किराया बढ़ने की बड़ी वजह ये दोनों हैं. एक वेबसाइट के मुताबिक, मई 2018 में दिल्ली में जेट फ्यूल की कीमत 26.4 पर्सेंट बढ़कर 65,340 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई, जो मई 2017 में 51,696 रुपये प्रति किलोलीटर थी. अगर जेट फ्यूल के दाम की तुलना अप्रैल 2018 से करें तो इसमें 6.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल में इसकी कीमत 61,450 रुपये प्रति किलोलीटर थी. भारत में जेट फ्यूल पर काफी टैक्स लगता है. इस वजह से देश में एयरलाइन ऑपरेशन की कुल लागत में 50 पर्सेंट हिस्सा जेट फ्यूल का होता है. भारत में डोमेस्टिक पैसेंजर्स ग्रोथ दुनिया में सबसे ज्यादा है. गोपनीयता की शर्त पर इंडियन एयरलाइन के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘किराया बढ़ने से डिमांड भी प्रभावित हो रही है. एविएशन कॉस्ट प्लस बिजनेस नहीं है और कॉम्पिटिशन के चलते बढ़ती लागत का बोझ यात्रियों पर नहीं डाला जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘आखिरी मिनट (यात्रा की तारीख के 7 दिनों के भीतर बुक किए गए) के किराए में बढ़ोतरी ज्यादा दिखाई दे रही है. इससे डिमांड में गिरावट आई है. किराए में बढ़ोतरी के चलते मई के शुरुआती 15 दिनों में सभी एयरलाइंस के यात्रियों की संख्या में गिरावट का ट्रेंड है.’

महंगी होगी हवाई यात्रा !

हवाई यात्रा करने वालो का खर्च बढ़ने की खबरे आ रही है. जेट फ्यूल की कीमतें बढ़ना इसका कारन माना जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार मई 2018 के शुरुआती 15 दिनों में हवाई किराया पिछले साल के मुकाबले 17 पर्सेंट तक बढ़ गया है. भारत के ऑनलाइन पोर्टल Yatra.com के सीओओ (बीटूसी) शरत ढल ने बताया, ‘मई की शुरुआत में कई अहम रूट्स पर औसतन किराया अप्रैल के मुकाबले 15 पर्सेंट ज्यादा हो गया है. वहीं, पिछले साल मई की तुलना में इसमें 10 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है.’ शरत ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में एविएशन टरबाइन फ्यूल यानी जेट फ्यूल की कीमत में 6.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी. समर हॉलीडे की डिमांड भी पीक पर है. किराया बढ़ने की बड़ी वजह ये दोनों हैं.हवाई यात्रा करने वालो का खर्च बढ़ने की खबरे आ रही है. जेट फ्यूल की कीमतें बढ़ना इसका कारन माना जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार मई 2018 के शुरुआती 15 दिनों में हवाई किराया पिछले साल के मुकाबले 17 पर्सेंट तक बढ़ गया है. भारत के ऑनलाइन पोर्टल Yatra.com के सीओओ (बीटूसी) शरत ढल ने बताया, ‘मई की शुरुआत में कई अहम रूट्स पर औसतन किराया अप्रैल के मुकाबले 15 पर्सेंट ज्यादा हो गया है. वहीं, पिछले साल मई की तुलना में इसमें 10 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है.’ शरत ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में एविएशन टरबाइन फ्यूल यानी जेट फ्यूल की कीमत में 6.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी. समर हॉलीडे की डिमांड भी पीक पर है. किराया बढ़ने की बड़ी वजह ये दोनों हैं.  एक वेबसाइट के मुताबिक, मई 2018 में दिल्ली में जेट फ्यूल की कीमत 26.4 पर्सेंट बढ़कर 65,340 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई, जो मई 2017 में 51,696 रुपये प्रति किलोलीटर थी. अगर जेट फ्यूल के दाम की तुलना अप्रैल 2018 से करें तो इसमें 6.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल में इसकी कीमत 61,450 रुपये प्रति किलोलीटर थी. भारत में जेट फ्यूल पर काफी टैक्स लगता है. इस वजह से देश में एयरलाइन ऑपरेशन की कुल लागत में 50 पर्सेंट हिस्सा जेट फ्यूल का होता है.   भारत में डोमेस्टिक पैसेंजर्स ग्रोथ दुनिया में सबसे ज्यादा है. गोपनीयता की शर्त पर इंडियन एयरलाइन के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘किराया बढ़ने से डिमांड भी प्रभावित हो रही है. एविएशन कॉस्ट प्लस बिजनेस नहीं है और कॉम्पिटिशन के चलते बढ़ती लागत का बोझ यात्रियों पर नहीं डाला जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘आखिरी मिनट (यात्रा की तारीख के 7 दिनों के भीतर बुक किए गए) के किराए में बढ़ोतरी ज्यादा दिखाई दे रही है. इससे डिमांड में गिरावट आई है. किराए में बढ़ोतरी के चलते मई के शुरुआती 15 दिनों में सभी एयरलाइंस के यात्रियों की संख्या में गिरावट का ट्रेंड है.’

एक वेबसाइट के मुताबिक, मई 2018 में दिल्ली में जेट फ्यूल की कीमत 26.4 पर्सेंट बढ़कर 65,340 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई, जो मई 2017 में 51,696 रुपये प्रति किलोलीटर थी. अगर जेट फ्यूल के दाम की तुलना अप्रैल 2018 से करें तो इसमें 6.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल में इसकी कीमत 61,450 रुपये प्रति किलोलीटर थी. भारत में जेट फ्यूल पर काफी टैक्स लगता है. इस वजह से देश में एयरलाइन ऑपरेशन की कुल लागत में 50 पर्सेंट हिस्सा जेट फ्यूल का होता है.

भारत में डोमेस्टिक पैसेंजर्स ग्रोथ दुनिया में सबसे ज्यादा है. गोपनीयता की शर्त पर इंडियन एयरलाइन के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘किराया बढ़ने से डिमांड भी प्रभावित हो रही है. एविएशन कॉस्ट प्लस बिजनेस नहीं है और कॉम्पिटिशन के चलते बढ़ती लागत का बोझ यात्रियों पर नहीं डाला जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘आखिरी मिनट (यात्रा की तारीख के 7 दिनों के भीतर बुक किए गए) के किराए में बढ़ोतरी ज्यादा दिखाई दे रही है. इससे डिमांड में गिरावट आई है. किराए में बढ़ोतरी के चलते मई के शुरुआती 15 दिनों में सभी एयरलाइंस के यात्रियों की संख्या में गिरावट का ट्रेंड है.’

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