मायावती ने भाई को उपाध्यक्ष पद से हटाया, कहा- ये बड़ी बात…

बसपा सुप्रीमो मायावती ने परिवारवाद के बढ़ते आरोपों पर कदम पीछे खींचते हुए अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आगाह भी कर दिया कि अभी कोई उत्तराधिकारी बनने का सपना न देखें।

 मायावती ने पार्टी संविधान में बड़े बदलाव का एलान करते हुए कहा है कि अब भविष्य में राष्ट्रीय अध्यक्ष के परिवार का कोई भी नजदीकी सदस्य संगठन में किसी भी स्तर पर नहीं रखा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने 2019 के आमचुनाव के लिए कमर कसते हुए पूर्व मंत्री राम अचल राजभर की जगह पिछड़े वर्ग के ही पूर्व एमएलसी आरएस कुशवाहा को यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया। राजभर को पार्टी का नया राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है।

मायावती ने शनिवार को बसपा प्रदेश मुख्यालय पर हुए राष्ट्रीय अधिवेशन व कार्यसमिति की बैठक में ये अहम एलान किए। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पेपर वर्क देखने के लिए अपने छोटे भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था, लेकिन इसके बाद से ही कांग्रेस व अन्य पार्टियों की तरह बसपा में भी परिवारवाद को बढ़ावा देने की खबरें मीडिया में आने लगीं।

दूसरे दलों में गए लोगों ने भी बसपा के लोगों को गुमराह करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा मेरे अन्य भाई-बहन व नजदीकी रिश्ते-नाते के लोग भी आनंद कुमार की तरह पार्टी में पद पर रखने के लिए दबाव बनाने लगे। भविष्य में परिवारवाद का आरोप न लगे, इसलिए पार्टी संविधान में कई अहम संशोधन किए गए हैं। बसपा अध्यक्ष ने बताया कि आनंद ने बिना पद पर रहकर पूर्व की तरह पार्टी की सेवा करने की बात कही है।

बसपा के संविधान में ये किए गए संशोधन

– मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती या उनके बाद जो भी आगे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा, उसके जीते जी और न रहने के बाद भी उसके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी पद पर नहीं रखा जाएगा।

– राष्ट्रीय अध्यक्ष के परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को न कोई चुनाव लड़ाया जाएगा और न ही उसे राज्यसभा सांसद, एमएलसी या मंत्री आदि बनाया जाएगा।

– राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को छोड़कर अन्य सभी स्तर के पदाधिकारियों के परिवार के लोगों पर विशेष परिस्थितियों में ये शर्तें लागू नहीं होंगी।

– बसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी ज्यादा उम्र की वजह से जब पार्टी व फील्ड में काम करने में खुद को कमजोर महसूस करे तो उसकी सहमति से ही उसे बसपा का राष्ट्रीय संरक्षक नियुक्त कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय संरक्षक की सलाह के मुताबिक ही बसपा का नया बना राष्ट्रीय अध्यक्ष काम करेगा।

– बसपा का जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कुछ वरिष्ठ, योग्य व सक्षम लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त करेगा। ये राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशन में पूरे देश में संगठन के कार्यों की समीक्षा करेंगे।

मायावती के बाद वीर सिंह और जेपी सिंह का नंबर

मायावती ने संविधान के नए प्रावधान पर कदम उठाते हुए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव वीर सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह को नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त कर दिया। माया ने बड़ी जिम्मेदारी देने के साथ ही वीर सिंह से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी वापस ले ली है। इसी तरह जेपी सिंह को दिल्ली व राजस्थान के कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया गया है। मायावती ने अधिवेशन में बताया कि गौतमबुद्धनगर के रहने वाले जेपी सिंह भी दलित हैं। पार्टी के लिए परिवार छोड़ने के साथ ही अविवाहित भी हैं।

…अभी उत्तराधिकारी बनने का कोई न देखे सपना
मायावती ने वीर सिंह और जेपी सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही आगाह भी किया। उन्होंने कहा, मैं इन दोनों लोगों पर अभी निर्भर रहने वाली नहीं हूं। अगले 20-22 वर्षों तक खुद ही आगे व सक्रिय रहकर पार्टी को बढ़ाऊंगी। ऐसे में 20-22 वर्ष तक किसी को भी पार्टी का मुखिया बनने और मेरा उत्तराधिकारी बनने का सपना नहीं देखना चाहिए।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com