मिशन 2019 : भाजपा अब इस समुदाय में पैठ बनाने में जुटी...

मिशन 2019 : भाजपा अब इस समुदाय में पैठ बनाने में जुटी…

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्वांचल के पटेल और विधानसभा चुनाव में राजभर समुदाय को काफी हद तक अपने पाले में कर चुकी भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए निषाद समुदाय पर नजर गड़ा दी है।मिशन 2019 : भाजपा अब इस समुदाय में पैठ बनाने में जुटी...

गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में समुदाय की ताकत सामने आने से पार्टी की चिंता बढ़ गई है। इसलिए समुदाय में पैठ बढ़ाने के लिए कुछ नेताओं को आगे बढ़ाने की योजना है।

प्रदेश के निषाद समुदाय के वोट सहेजने के लिहाज से फिलहाल भाजपा के पास बड़ा नाम नहीं है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सदस्य साध्वी निरंजन ज्योति फतेहपुर से सांसद हैं और वह बुंदेलखंड-रुहेलखंड में ही सक्रिय रहती हैं।

रुद्रपुर (देवरिया) से विधायक जयप्रकाश निषाद प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं। बावजूद इसके पूर्वांचल में पार्टी की मजबूत पकड़ नहीं बन पाई है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार में समुदाय को संख्या के मुताबिक समुचित स्थान देने की जद्दोजहद चल रही है। 

अटकलें हैं कि पार्टी प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार में कैबिनेट मंत्री का एक पद समुदाय को देगी। पूर्वांचल में ताकत बढ़ाने के लिए मछलीशहर के सांसद रामचरित्र निषाद का कद बढ़ाने की योजना है। नई जिम्मेदारी के साथ उन्हें 2019 तक समुदाय पर फोकस कराया जाएगा। 

पूर्वांचल समेत 25 संसदीय क्षेत्रों में निर्णांयक भूमिका

गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीट के उपचुनाव की भाजपा में अंदरखाने हो रही समीक्षा में माना जा रहा है कि एक समय पूर्वांचल में जमुना प्रसाद निषाद और अवध में कांग्रेस के सीताराम निषाद का अपना महत्व था।

बाद में सपा ने फूलन देवी को भी इसी समुदाय के नेता के तौर पर पूर्वांचल से चुनाव लड़ाया था। अब राष्ट्रीय निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद को बेटे प्रवीन निषाद को गोरखपुर से सपा का टिकट देकर इसी सिलसिले को आगे बढ़ाया जा रहा है।

बसपा से सपा के गठबंधन के बाद पूर्वांचल में भाजपा की मुश्किल बढ़नी तय मानी जा रही है। डॉ. निषाद ने 2017 का विधानसभा चुनाव पीस पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। हालांकि ज्ञानपुर (भदोही) से विजय मिश्र ही विधायक चुने गए पर पार्टी ने करीब साढ़े पांच लाख वोट पाकर अपनी ताकत जता दी थी।

डॉ. निषाद को भाजपा के साथ लाने पर शुरू बातचीत किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई। उपचुनाव के बाद डॉ. निषाद अपने समुदाय के सबसे बड़े नेता हो गए हैं। प्रदेश में लोकसभा की 25 और विधानसभा की 150 से अधिक सीटों पर निषाद-कश्यप-बिंद-केवट समुदाय का प्रभाव है।

गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभा क्षेत्रों में अकेले इसी समुदाय के मतदाताओं की संख्या तीन लाख से अधिक है। बांसगांव, देवरिया, मिर्जापुर, बस्ती से लेकर फैजाबाद और रुहेलखंड के बदायूं में भी इन बिरादरियों का आधार है। भदोही और चंदौली में निषाद-बिंद मिल कर पार्टी की हार-जीत तय कर देते हैं। 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com